In Pics: राजस्थान में दो करोड़ से ज्यादा लोगों ने ली तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने की शपथ
राजस्थान को तंबाकू मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने 100 दिवसीय अभियान चलाया. इस अभियान में प्रदेश के लाखों लोगों ने भाग लिया और तंबाकू के सेवन नहीं करने के लिए प्रतिज्ञा भी ली गई. भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है. देश में लाखों लोगों की प्रतिवर्ष तंबाकू सेवन करने से मृत्यु होती है. विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर मंगलवार को प्रदेश में लगभग 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने और अपने परीचितों, मित्रों और परिजनों को भी तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित करने की शपथ ली. प्रदेश के कोने-कोने में लोगों ने इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लिया. राजस्थान को तम्बाकू मुक्त राज्य बनाने के लिए तम्बाकू उपयोग नियंत्रण हेतु राजस्थान सरकार द्वारा चलाये गये 100 दिवसीय विशेष अभियान के सफल समापन के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को बिड़ला सभागार में किया गया.
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View In Appतम्बाकू मुक्त राजस्थान बनाने के लिए प्रदेश के दूर-दराज के गांव और ढाणियों तक में लोगों ने तम्बाकू का त्याग करने की शपथ ली. जो व्यक्ति जहां खड़ा था उसी स्थान पर उसने तम्बाकू का सेवन नहीं करने की शपथ ली. मंत्री परसादी लाल मीणा ने बिडला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि चिकित्सा विभाग ने अन्य विभागों के साथ प्रदेश को तम्बाकू मुक्त करने का जो जन जागरण अभियान चलाया है उसके लिए आने वाली पीढ़ियां हमें धन्यवाद देगी. ये जनजागरण अभियान तब तक चलेगा जब तक पूरा प्रदेश तम्बाकू मुक्त नहीं हो जाता है. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने राजस्थान सरकार के कार्यों की प्रशंसा की है और राजस्थान के तम्बाकू नियंत्रण मॉडल को अपनाने की सलाह केन्द्र द्वारा अन्य राज्यों को दी गयी है. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोई गांव, ढाणी, वार्ड या मोहल्ला तम्बाकू मुक्त होता है तो उसको विशेष पारितोषिक देने की व्यवस्था की जायेगी.
ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे (गैट्स) 2009-10 के अनुसार करीब 35 फीसदी भारतीय किसी न किसी प्रकार से तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं. इनमें 47 फीसदी पुरुष और 20.2 फीसदी महिलाएं हैं. डॉक्टरों का मानना है कि तम्बाकू से दांत कमजोर पड़ जाते हैं और समय से पहले ही गिर जाते हैं. इसके सेवन से दांत-मुंह से संबंधित बीमारियां होने लगती हैं. इसके अलावा ये आंखों की रौशनी भी कम कर देता है. तम्बाकू फेफड़ों के लिए भी बहुत खतरनाक है. तंबाकू का निकोटीन ब्लड प्रेशर भी बढ़ाता है. जब आप धूम्रपान करते हैं तो उसका धुंआ पूरे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. ये आंख, कान और फेफड़ों को प्रभावित करता है. इसका सीधा संबंध मुंह से होता है इसलिए ज्यादा तंबाकू खाने से मुंह का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है.
तंबाकू खाने वाले ज्यादातर लोग पूरी तरह अपना मुंह नहीं खोल पाते हैं. मुंह के अन्दर दोनों ओर सफेद लाइन कैंसर की तरफ बढ़ने का संकेत है. अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये खतरनाक हो सकता है. तंबाकू के सेवन से व्यक्ति को निकोटीन की आदत पड़ जाती है और इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है. तंबाकू खाने वाले व्यक्ति को लगता है कि इसे खाने से उसे एक तरह की दिमागी शांति मिल रही है और वो इसका आदी हो जाता है. ऐसे लोगों को जब तंबाकू नहीं मिलता है तो वो बेचैन और परेशान हो जाते हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू सेवन करने वाली महिलाओं में गर्भपात की दर सामान्य महिलाओं से तकरीबन 15 फीसदी अधिक होती है. तंबाकू के सेवन के कारण महिलाओं में फेफड़ों का कैंसर, दिल का दौरा, सांस की बीमारी, प्रजनन संबंधी विकार, निमोनिया, माहवारी से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती हैं.
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