Bharatpur Museum: बच्चों की गैलरी से लेकर शस्त्रागर तक, तस्वीरों के जरिए जाने क्यों खास है भरतपुर का यह म्यूजियम?
यह संग्रहालय पहले एक बड़ा भवन हुआ करता था जिसे बाद में संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया.
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View In Appइसे कचहरी कलां के नाम से जाना जाता था और साल 1944 में इसे राजकीय संग्रहालय बना दिया गया.
य़ह राजकीय संग्रहालय रियासत काल में भरतपुर रियासत का प्रशासनिक कार्यालय हुआ करता था और दरबार हॉल के नाम से भी जाना जाता था.
संग्रहालय भवन का निर्माण महाराजा बलवन्त सिंह ने 1825 मे कराया था. इस संग्रहालय को चार हिस्से में बांटा गया है.
संग्रहालय में बच्चों की गैलरी, शस्त्रागर, पुरातत्व खंड, और कला खंड मौजूद है. इसके अलावा संग्रहालय में प्राचीन सिक्कों,शिला लेखों, प्राचीन मूर्तियों, चित्रों और प्राणी नमूनों को संग्रह किया गया है.
संग्रहालय की पहली मंजिल पर अस्त्र खंड है जिसका इस्तेमाल युद्ध में किया जाता था.
युद्धों में इस्तेमाल किए गए छोटे आकार के तोप इस संग्रहालय में देखा जा सकता है.
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