In Pics: उदयपुर में जनजाति संस्कृति का महाकुंभ, 7 राज्यों के कलाकार एक मंच पर थिरके, देखें तस्वीरें
आदिवासी जो शहरों से दूर सुदूर पहाड़ों में और जंगलों में निवास करते हैं जिनकी संस्कृति और सभ्यता और वहां का पहनावा लोगों से अनदेखा होता है. इसी सभ्यता और संस्कृति और यहां के पहना वह को सामने लाने के लिए राजस्थान सरकार ने प्रदेश में पहली बार उदयपुर जिले के कोटडा में 27 सितंबर से आदि महोत्सव की शुरुआत की.
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View In Appजनजाति संस्कृति के इस महाकुंभ में एक ही मंच पर 7 राज्यों के कलाकार थिरके और अपनी सभ्यता को दिखाया. इस महोत्सव की बड़ी बात यह थी कि देशी और विदेशी पर्यटक तो आएं ही इसके साथ ही यूनेस्को के प्रतिनिधि भी पहुंचे. कार्यक्रम जिला प्रशासन, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध संस्थान एवं पर्यटन विभाग के साझे से किया.
आदिवासी महोत्सव में 7 राज्यों के जनजाति कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया दी गई. इसमें पश्चिम बंगाल के कलाकारों द्वारा नटुवा नृत्य, उड़ीसा के कलाकारों द्वारा सिंगारी नृत्य, लद्दाख के कलाकारों द्वारा याक नृत्य, गुजरात के कलाकारों द्वारा राठवा नृत्य, महाराष्ट्र के कलाकारों द्वारा सोंगी मुखवटे नृत्य, मध्यप्रदेश के कलाकारों द्वारा गुटुम्ब बाजा नृत्य एवं छत्तीसगढ़ के कलाकारों द्वारा सिलाधरना नृत्य प्रस्तुत किया.
राजस्थान के जनजाति कलाकारों ने भी अपनी परफॉर्मेंस दी. इसके तहत बारां के कलाकार स्वांग नृत्य, बांसवाड़ा के कलाकार गेर नृत्य एवं घूमरा नृत्य, उदयपुर के कलाकार गवरी, कच्छी घोड़ी एवं मावलिया नृत्य, सिरोही के कलाकार रायन नृत्य की प्रस्तुति हुई. साथ ही स्थानीय कोटड़ा के कलाकार द्वारा भी विभिन्न प्रकार की प्रस्तुतियां दी. खेल, एडवेंचर स्पोर्ट्स हुए और लगी प्रदर्शनी
जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने बताया कि आदि महोत्सव अंतर्गत पानरवा एवं नाल सांडोल में वन भ्रमण का आयोजन किया गया. इसके अलावा विभिन्न प्रकार के एडवेंचर-स्पोर्ट्स हुए जिसमें पर्यटकों का जिप लाइन एडवेंचर प्रमुख रूप से था. परंपरागत खेल कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया. हस्तकला प्रदर्शनी एवं दो दर्जन से अधिक स्टॉल्स पर स्थानीय व्यंजनों, उत्पादों, राजकीय योजनाओं की प्रदर्शनी लगी.
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