Bundi News: केंद्रीय विद्यालय के टीचर अमित का कमाल, गूगल अर्थ के जरिए ढूंढा पढ़ाने का नया तरीका, बच्चों की बढ़ी दिलचस्पी
राजस्थान के बूंदी के केंद्रीय विद्यालय में नवाचार से शिक्षा के नए आयामों को पहुंचाया जा रहा है. यहां शिक्षकों द्वारा स्टूडेंट को गूगल अर्थ के जरिए पढ़ाने का नया तरीका तलाशा है. जिससे ना कि बच्चों में पढ़ने में रुचि देखी गई है बल्कि क्लास रूम का माहौल बदला है. साथ में इसे पढ़ने के लिए बच्चों की उपस्थिति भी बड़ी है.
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View In Appराजस्थान में अकेला बूंदी का केंद्रीय विद्यालय है जिसने राजस्थान में यह नवाचार किया है. केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक अमित कुमार पिछले 1 साल से इसे गूगल अर्थ के जरिए बच्चों को ऑनलाइन और क्लास रूम में पढ़ाने का नये तरीके पर काम कर रहे थे.
अमित ने कोरोना काल में भी बच्चों की ऑनलाइन क्लास जारी रखी और बच्चों को गूगल अर्थ के जरिए पढ़ाया तो उसके सफल परिणाम सामने आए. देखते ही देखते बच्चों की उपस्थिति गूगल अर्थ में पढ़ने के लिए बढ़ गई. गूगल पढ़ाई में बच्चे रुचि लेने लगे, उनके टेस्ट में अंक भी बढ़ने लगे, साथ ही इस नवाचार से बच्चे खुद गूगल अर्थ पर प्रोजेक्ट भी बनाने लगे.
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में शिक्षक अमित कुमार ने बताया कि गूगल अर्थ का उपयोग किसी भी कक्षा में किसी भी भाषा में सब्जेक्ट को पढ़ाने के लिए हो सकता है. इसके जरिए डिजिटल कहानियां बनाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि बच्चे कहानियों को आसानी से याद रख सकते हैं. अमित बताते हैं कि गूगल अर्थ से पढ़ाई पर बच्चे अधिक फोकस करते हैं. उनकी याददाश्त रचनात्मकता सीखने की जिज्ञासा और बढ़ जाती है. शुरुआत में सोचा था कि बच्चे इस में इंटरेस्ट नहीं लेंगे. लेकिन जब बच्चों को गूगल अर्थ से पढ़ाना शुरू किया तो बच्चे पढ़ने में और रुचि दिखाने लगे.
बच्चे अपने मजेदार अनुभव बताने लगे. शिक्षक अमित कुमार को राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं परिषद एनसीईआरटी ने शिक्षा में नवाचार के लिए इनोवेशन अवार्ड से भी नवाजा है. एनसीआरटी ने देशभर में स्कूलों से अलग-अलग नवाचार करने वाले 16 शिक्षकों को इस अवार्ड से सम्मानित किया है जिसमें राजस्थान से अकेले बूंदी के अमित कुमार शामिल थे.
बूंदी के केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक द्वारा किए गए नवाचार को अब सभी केंद्रीय विद्यालय में लागू करने के लिए केंद्रीय विद्यालय प्रशासन ने अनुमति दे दी है. अब इस नवाचार को सभी केंद्र विद्यालय में लागू किया जाएगा. शिक्षक अमित कुमार द्वारा किया गया यह नवाचार उनके लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि साबित हुआ है. अमित कुमार ने बताया कि गूगल अर्थ से किसी भी क्लास के बच्चे को कोई भी सब्जेक्ट पढ़ाया जा सकता है, ज्योग्राफी, हिस्ट्री, साइंस, मैथेमेटिक्स से लेकर आर्ट एंड कल्चर तक पढ़ाया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि सैकंडरी के बाद अब प्राइमरी के बच्चों को भी गूगल अर्थ से पढ़ाया जा रहा है. मेरे टीचिंग मैथड को एनसीईआरटी ने एप्रूव्ड किया है. दूसरे केंद्रीय विद्यालयों में भी इसे लागू किया जाएगा. ऑनलाइन या क्लासरूम में भी गूगल अर्थ से पढ़ते वक्त बच्चे वर्चुअल उस जगह पहुंच जाते हैं, जिसके बारे में पढ़ाया जा रहा है. इसके जरिए छात्रों को वर्चुअल यात्रा करवाई जाती है. गूगल अर्थ पर पढ़ाने के लिए डिजिटल स्टोरी बनाई जाकार स्टूडेंट को पढ़ा रहे है. कहानियों के जरिए सब्जेक्ट को थ्री-डी में विजुअलाइज किया जा रहा है. गूगल अर्थ प्रोजेक्ट के साथ पाठ्यक्रम की मैपिंग की जाकर पढ़ाई करते है.
केंद्रीय विद्यालय के छात्र राहुल व आकांक्षा ने बताया कि डिजिटल युग में पढ़ाई के भी मापदंड बदले हैं, ऑनलाइन क्लास का पहली बार अनुभव लिया, लेकिन गूगल अर्थ की पढ़ाई अलग ही नजर आई. छात्र बताते हैं कि ऑनलाइन पढ़ाने व प्रोजेक्ट के जरिए पढ़ाने में कई बार उन चीजों का सही से अध्ययन नहीं हो पाता लेकिन गूगल अर्थ पर पूरा डिजिटल प्रोजेक्ट वर्क जिस सब्जेक्ट को पढ़ा रहे हैं उसकी पूरी जानकारी गूगल अर्थ से समझ आ जाती है. जो चीजें अन्य अध्ययन से तीन से चार दिन में समझ में आती थी वह गूगल अर्थ के जरिए 1 दिन की पढ़ाई में समझ आ रही है.
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