In Pics: वायुसेना के बेड़े में शामिल हुआ लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर, तस्वीरों के जरिए जानें इसकी ताकत
देश का बरसों साल पहले सपना आज पूरा हो गया है. इतने सालों की मेहनत के बाद लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर वायुसेना को मिल गया है. खास बात यह है कि नवरात्र में अष्टमी के दिन लिए एयरफोर्स के बेड़े में शामिल हुआ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस एलसीएच को प्रचंड नाम दिया है. इस हेलिकॉप्टर के सेना में शामिल होने के बाद वायुसेना की ताकत और बढ़ जाएगी.
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View In Appइस हेलिकॉप्टर की यह खासियत है कि यह कई तरह की मिसाइल दागने और हथियार चलाने में सक्षम है. रक्षा मंत्री की उपस्थिति में जोधपुर एयरबेस पर ये हेलिकॉप्टर वायु सेना में शामिल हुए. यहां लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर को एयरफोर्स को सौंपने से पहले धर्मसभा का आयोजन किया गया. इस दौरान चारों समुदाय के धर्म गुरु मौजूद रहे. कार्यक्रम के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रचंड में उड़ान भरी.
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में एलसीएच की तारीफ करते हुए रामायण की चौपाइयां सुनाई. रक्षा मंत्री ने कहा एलसीएच के लिए नवरात्र से अच्छा समय और राजस्थान की धरती से अच्छी जगह नहीं हो सकती है. उन्होंने जोधपुर के पूर्व महाराजा गज सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि आपके नाम में गज और सिंह दोनों हैं. गज और सिंह दोनों अपने समन्वय में आपके नाम को चरितार्थ करते हैं.
मिसाइल के 70MM के दो पॉड लगे हैं. सामने 20 MM की बंदूक है. जो 110 डिग्री की दिशा में घूम सकती है. हेलिकॉप्टर फ्रांस से ली गई मिस्ट्रल मिसाइल से लैस है. यह हवा से हवा में मार कर सकता है. हवा से जमीन में भी मार कर सकता है. LCH के 8 हेलीकॉप्टर हेलिना एंटी टैंक मिसाइल से लैस है. इसमें 4 रॉकेट पॉड्स लगाए जा सकते हैं.
हेलिकॉप्टर में रडार वार्निंग सिस्टम है. MAW 300 मिसाइल और LWUS 310 लेजर वार्निंग सेंसर भी लगा है. यह रात में ऑपरेशन कर सकता है. भारतीय सेना को तकरीबन 95 लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर मिलेंगे.
इसमें कई में ‘स्टील्थ’ (रडार से बचने की) विशेषता, बख्तर सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है. हल्का होने की वजह से यह ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी पूर्ण क्षमता में मिसाइल और दूसरे हथियारों के साथ आराम से ऑपरेट कर सकता है.
इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक में स्वदेश विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीद को मंजूरी दी गई थी. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इनमें से 10 हेलिकॉप्टर वायुसेना और पांच थलसेना के लिए होंगे. अधिकारियों ने बताया कि एलसीएच ‘एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर’ ध्रुव से समानता रखता है.
1999 में कारगिल युद्ध के दौरान सेना को अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर हमला करने वाले हेलिकॉप्टरों की बहुत कमी महसूस हुई थी. अगर उस दौर में ऐसे हेलिकॉप्टर होते तो सेना पहाड़ों की चोटी पर बैठी पाक सेना के बंकरों को उड़ा सकती थी. इस कमी को दूर करने का बीड़ा उठाया एक्सपट्र्स ने और हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) परिसर में इसका निर्माण करने की चुनौती ली. सेना व एयरफोर्स की आवश्यकताओं के अनुरूप डिजाइन तैयार की गई और इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया.
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