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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
In Pics: कोटा संभाग में हुई अब तक सामान्य से ज्यादा बारिश, किसानों के चेहरों पर आई मुस्कान
सावन से पहले ही इन्द्रदेव की महरबानी से किसानों के चेहरे पर रंगत है. राजस्थान में अब तक सामान्य से 48 फीसदी ज्यादा बारिश हो गई है. वहीं प्रदेश के 11 जिलों में अभी मानसून एक्टिव रहेगा. जिलेवार स्थिति देखें तो बांसवाड़ा, झालावाड़, बारां, कोटा जिलों में अब तक औसतन 250एमएम से ज्यादा बरसात हो चुकी है. अच्छी बारिश के कारण ही इस बार खरीफ की फसल का रकबा भी कुल लक्ष्य का 60 फीसदी एरिया में बोया जा चुका है. यह पिछले साल 14 जुलाई तक हुई बुवाई की तुलना में दोगुना है.
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View In Appमौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी वाली हवाएं पश्चिम की ओर आ रही हैं. इसकी वजह से राज्य में अच्छी बारिश हो रही है. इस बार मानसून की एंट्री भी पूर्वी राजस्थान के एरिया से हुई और 3 दिन के अंदर यह पूरे प्रदेश में छा गया था.
प्री-मानसून व मानसून की अच्छी बारिश के चलते कोटा संभाग में खरीफ-2022 की बुवाई में किसान जुटे हुए हैं. संभाग में अब तक सोयाबीन की बुवाई लक्ष्य के मुकाबले 85 प्रतिशत हो चुकी है. मक्का व धान की बुवाई भी चल रही है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले उड़द की बुवाई का रकबा कम रहने की संभावना है. कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार भाव कम होने से उड़द के प्रति किसानों का रुझान कम हो गया है. संयुक्त कृषि निदेशक डॉ. रामावतार शर्मा ने बताया कि संभाग में सोयाबीन बुवाई लक्ष्य 7.55 लाख हैक्टेयर के मुकबाले अब तक करीब 6 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है.
धान 1.10 लाख हैक्टेयर के मुकाबले 45 हजार हैक्टेयर, मक्का 1.09 लाख हैक्टेयर के मुकाबले 80 हजार हैक्टेयर व उड़द 2.70 लाख हैक्टेयर के मुकाबले अभी तक केवल 72 हजार हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है. उन्होंने बताया कि इस साल उड़द का रकबा काफी कम रहने की संभावना है, जबकि धान व मक्का का रकबा बढ़ने की संभावना है.
उन्होंने बताया कि कोटा संभाग में इस वर्ष सोयाबीन बीज की मांग 2 लाख क्विंटल से ज्यादा की मांग थी. इसमें से राजस्थान राज्य बीज निगम, राष्ट्रीय बीज निगम, कृभको, तिलम संघ व निजी कम्पनियों की ओर से 99 हजार क्विंटल बीज उपलब्ध करवाया गया.
सरकार की ओर से लघु सीमांत कृषकों के लिए सब्सिडी पर 12500 क्विंटल बीज उपलब्ध करवाया गया है. इसके अलावा कृषि विभाग की ओर से किसानों से करीब 2 लाख क्विंटल बीज तैयार करवाया गया. इसके चलते इस बार बीज की मारामारी नहीं रही.
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