एक्सप्लोरर
Udaipur News: राजस्थान के पहले आदिवासी महोत्सव का हुआ समापन, एक मंच पर थिरके 7 राज्यों के कलाकार, देखें तस्वीरें
उदयपुर में आयोजित आदिवासी महोत्सव का भव्य समापन हुआ. समापन समारोह में सात राज्यों के कलाकारों ने समा बांध दिया. विविध वाद्य यंत्रों की लहरियों के संग थिरकते कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

(उदयपुर में आदिवासी महोत्सव का समापन हुआ)
1/6

Rajasthan News: राजस्थान में पहली बार उदयपुर (Udaipur) के सुदूर आदिवासी क्षेत्र कोटड़ा तहसील में जिला प्रशासन, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध संस्थान और पर्यटन विभाग के साझे में आयोजित हुआ आदिवासी महोत्सव का भव्य समापन हुआ.
2/6

समापन समारोह में भी सात राज्यों के कलाकारों ने समा बांध दिया. अपनी संस्कृति की पहचान बताकर उन्होंने विचित्र नृत्य प्रस्तुत किये. इधर कलेक्टर ताराचंद मीणा ने अलग-अलग राज्यों से आए कलाकार को सम्मानित किया और नगाड़ा बजाकर समारोह का समापन किया.
3/6

समापन समारोह में विविध वाद्य यंत्रों की लहरियों के संग थिरकते कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस महोत्सव में राज्य के बाहर से आने वाले दल पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कलाकारों के साथ राजस्थान के जनजाति क्षेत्रों जिसमें बांरा, उदयपुर, बांसवाड़ा, आबुरोड़, डुंगरपुर, सिरोही और कोटड़ा के 18 दलों ने भाग लिया. इनमें से 11 दल तो ऐसे थे जो पहली बार किसी कार्यक्रम मे मंच पर अपनी प्रस्तुति दे रहे थे.
4/6

उदयपुर संभाग के जनजाति कलाकारों के साथ भारत के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने ढोल-मृदंग की थाप के साथ झांझर की झनकार और घुघरू की झनकार के साथ प्रस्तुतियां दी. कलाकरों ने चांग, शौगी मुखावटे, नटुवा, सिंगारी, राठवा, घूमरा, सहरिया, गवरी, ढोल कुंडी सहित लोक नृत्यों से सभी को आकर्षित किया.
5/6

कलेक्टर ताराचंद मीणा ने स्थानीय कलाकारों सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए कलाकारों की प्रस्तुतियों को सराहा है. मीणा ने कहा कि लोक परंपरा कला व संस्कृति के संरक्षण के लिए ऐसे आयोजनों की बहुत आवश्यकता है. स्थानीय संस्कृति के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति का समन्वय स्थापित कर इस प्रकार का आयोजन हमारे जिले में हुआ, यह बड़े गौरव की बात है. ऐसे आयोजनों से विश्व पटल पर पर्यटन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले उदयपुर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
6/6

समारोह 27 व 28 सितम्बर को जनजाति बाहुल्य कोटड़ा में आयोजित किया गया. इसमें हजारों की संख्या में कोटड़ा तथा आसपास के क्षेत्रों के लोग और उदयपुर से गए पर्यटकों के साथ उदयपुर वासियों ने आनन्द लिया. इस राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव में लगभग 450 से अधिक कलाकार शामिल हुए. साथ ही लगभग 100 शिल्पकारों तथा विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगाई गई स्टॉल्स की सामग्री की जानकारी लेने के साथ-साथ भारी खरीददारी भी की गई.
Published at : 30 Sep 2022 07:10 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
महाराष्ट्र
बॉलीवुड
क्रिकेट
Advertisement


रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
Opinion