In Pics: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने रखी थी बूंदी रेलवे स्टेशन की नींव, 5 सुपरफास्ट ट्रेन, इन शहरों से होती है सीधी कनेक्टिविटी
राजस्थान में सबसे छोटे शहरों में मशहूर बूंदी को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है. बूंदी की पहचान देश विदेश में यहां के पर्यटन स्थल, बावड़ियां, चित्र शैली पहचान रखती है. सड़क मार्ग से लेकर रेलवे स्टेशन तक पर्यटक बूंदी आकर विरासत को देखते हैं. बूंदी शहर के देवपुरा क्षेत्र में रेलवे स्टेशन स्थित है. जहां एक प्लेटफार्म स्थित है. प्रवेश द्वार काफी आधुनिक बना हुआ है, आने जाने के लिए अलग-अलग रास्ते हैं. रेलवे स्टेशन पुराने ढांचे पर बना हुआ है.
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View In Appबूंदी रेलवे स्टेशन की नीव भारत के प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी ने सन 1992 में रखी थी उनके साथ रेल मंत्री माधवराव सिंधिया थे. बतौर अध्यक्षता राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे शिवचरण माथुर ने की. वहीं 4 मार्च 2016 को पश्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक रमेश चंद्र द्वारा बूंदी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर डिजिटल लाइटिंग मैनेजमेंट सिस्टम का उद्घाटन किया गया था.
बूंदी रेलवे स्टेशन 30 साल पहले स्थापित हुआ था. लेकिन यहां ज्यादा ट्रेनों का ठहराव नहीं हो सका, ना ही विकास हो सका, लंबे समय से क्षेत्र के लोग ट्रेनों के ठहराव की मांग भी करते हुए आ रहे है. पर्यटन सिटी होने के कारण यहां पर्यटकों के लिए चलने वाली स्पेशल ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन की ठहराव की मांग है.
बूंदी शहरी क्षेत्र में दो छोटे रेलवे स्टेशन भी है. कोटा की तरफ से बूंदी की ओर बढ़ते समय तालेड़ा रेलवे स्टेशन व बूंदी से चित्तौड़गढ़ की तरफ बढ़ते समय श्रीनगर रेलवे स्टेशन है. जबकि जिले की बात की जाए तो यहां केशोरायपाटन, लाखेरी, इंदरगढ़, गुडला, कापरेन, अनरेटा, लबान रेलवे स्टेशन है. यह सभी रेलवे स्टेशन दिल्ली मुंबई रेलवे लाइन से सीधा कनेक्ट है, यह अप व डाउन दोनों ही लाइन इलेक्ट्रिसिटी है. लंबे समय तक बूंदी रेलवे स्टेशन इलेक्ट्रिसिटी नहीं हो सका था. वर्ष 2019 में कोटा से चित्तौड़गढ़ लाइन तक रेलवे स्टेशन को इलेक्ट्रिसिटी कर दिया गया.
बूंदी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या बेहद कम है. यहां सुपर फास्ट ट्रेन व पैसेंजर ट्रेनों की कमी होने के चलते यात्री सीधा कोटा से जयपुर की तरफ रुक कर लेते हैं. किसी यात्री को लंबी दूरी की गाड़ी में सफर करना होता है तो वह जयपुर की तरफ वह कम दूरी वाले यात्री कोटा जंक्शन से ट्रेनों में सफर करते हैं. बूंदी रेलवे अधीक्षक ने बताया कि रोज 100 यात्री ट्रेनों में सफर करते हैं. यह सिलसिला साल भर तक ऐसे ही रहता है. जबकि कोई जयंती या धार्मिक आयोजनों पर लगने वाले मेले में यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है. उस समय 500 के आसपास यात्री स्टेशन पर मेले के दौरान सफर करते हैं.
बूंदी रेलवे स्टेशन पर 5 सुपर फास्ट ट्रेनों का ठहराव है. जिसमें निजामुद्दीन उदयपुर सिटी, कोटा मंदसौर पैसेंजर, यमुना ब्रिज रतलाम, मंदसौर कोटा पैसेंजर, कोलकाता मदार एक्सप्रेस का ठहराव होता है. कोलकाता मदार एक्सप्रेस को छोड़कर बाकी अन्य ट्रेनों का ठहराव यहां पर होता है. सप्ताह में मंगलवार व शुक्रवार को मदार एक्सप्रेस बूंदी रेलवे स्टेशन पर रूकती है.
बूंदी रेलवे स्टेशन से सीधा उदयपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, दिल्ली के लिए सीधा ट्रेन मिल जाती है. इसी तरह अजमेर, कोलकाता, नीमच, चित्तौड़, मंदसौर से कनेक्टिविटी है.
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