In Pics: In Pics: मिलिट्री स्कूल में पहली बार गर्ल्स की एंट्री, छात्राओं में नजर आया गजब का उत्साह
मिलिट्री स्कूल के स्वर्णिम इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है. पहली बार राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में गर्ल्स की एंट्री हुई है. अब यहां छात्राएं भी पढ़ाई कर सकेंगी. सत्र 2022-23 में छह छात्राओं ने प्रवेश लिया है. इंडियन नेवी के दक्षिण कमांड की सीएमओ रियर एडमिरल आरती सरीन ने इन छात्राओं का तिलक लगाकर स्वागत किया और पहले बैच का शुभारंभ किया.
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View In Appअजमेर की राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए एडमिरल आरती सरीन ने कहा कि देश में बहादुर, साहसी और मजबूत इरादों वाली महिलाओं की हर क्षेत्र में जरूरत है. बेहतरीन केरियर, सेल्फ डिफेंस और विशिष्ट पहचान बनाने के लिए छात्राओं और महिलाओं को सेना में जाना चाहिए. उम्मीद है आने वाले दिनों में बॉयज के साथ गर्ल्स भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए परिवार, स्कूल और देश का नाम रोशन करेंगी.
आरती सरीन ने इस बात पर खुशी जताई कि मिलिट्री स्कूल में पहले बैच के स्वागत का सौभाग्य उन्हें मिला. सरीन ने कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि सैन्य क्षेत्र में एक नया इतिहास बनते हुए देख रही हूं. खुशी है कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में पुरूष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं. भारतीय सेना में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. वर्तमान में 9 हजार से ज्यादा महिलाएं इंडियन आर्मी, नेवी व एयर फोर्स में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं.
राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में पहली बार छह छात्राओं का प्रवेश हुआ है. पहले बैच में आगरा उत्तरप्रदेश की ऋतु यादव, हनुमानगढ़ राजस्थान की निकिता पूनियां, धौलपुर की तिया कैम, चित्रकूट उत्तरप्रदेश की आयुषी, जोहानाबाद बिहार की स्वाति, उत्तरप्रदेश निवासी कैडेट शाम्भवी सिसोदिया ने प्रवेश लिया है.
यह सभी छात्राएं सैन्य परिवारों से ताल्लुक रखती हैं. इनके पिता सैन्य में सेवा में कार्यरत हैं या रिटायर्ड हैं. इन छात्राओं के मन में सैन्य सेवा का जज्बा है. वे चाहती हैं कि पिता की तरह राष्ट्र की रक्षा करें. इन्होंने मिलिट्री स्कूल में दाखिला मिलने पर खुशी जताई है.
अजमेर में राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल ब्रिटिश शासन के दौरान वर्ष 1930 में शुरू किया था. उस वक्त इसका नाम किंग जॉर्ज रॉयल इंडियन मिलिट्री स्कूल था. तब से अब तक इस स्कूल में बॉयज ही पढ़ रहे थे. अजमेर के मिलिट्री स्कूल में प्रवेश लेने वाले पहले छात्र अनवर अली थे. खास बात है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इसी स्कूल में पढ़ें हैं.
देश में 5 मिलिट्री स्कूल संचालित हैं. इनके अलावा 33 सैनिक स्कूल और एक राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री स्कूल है. इनमें 5 हजार से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं.
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