एक्सप्लोरर

In Pics: कोटा में विराजे हैं दुनिया के पहले पीठ भगवान मथुराधीश, जन्माष्टमी पर एक झलक पाना होता है मुश्किल

मंदिर में जो भी श्रद्धालु एक बार दर्शन को आ जाए तो बार-बार आने को मन करता है. ठाकुरजी की मनमोहक छवि के दर्शन कर मन आनंदित हो उठता है. ठाकुरजी की महिमा न्यारी है.

मंदिर में जो भी श्रद्धालु एक बार दर्शन को आ जाए तो बार-बार आने को मन करता है. ठाकुरजी की मनमोहक छवि के दर्शन कर मन आनंदित हो उठता है. ठाकुरजी की महिमा न्यारी है.

(भगवान मथुराधीश)

1/5
शिक्षा नगरी, औद्योगिक नगरी कोटा को धार्मिक नगरी के रूप में भी पहचान मिल रही है. यहां एतिहासिक मंदिरों के साथ यहां होने वाले आयोजन से कोटा धर्ममय हो जाता है. कोटा में जन्माष्टमी का पर्व भी उत्सव के रूप में मनाया जाता है. चर्मण्यवती के आंचल में बसा कोटा को कई नामों से जाना जाता है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसे छोटी काशी कहा गया. जब बात कृष्ण जन्माष्टमी की हो रही है तो परकोटे के भीतर बसे कोटा को नंदग्राम के नाम से जाना जाता है. अगर कोटा को बड़े मथुराधीशजी की नगरी भी कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. चंबल तट पर नंद ग्राम में विराजे देश दुनिया के प्रथम पीठ भगवान मथुराधीश यहां विराजमान हैं. कहा जाता है कि मथुरा के गोकुल क्षेत्र के ग्राम करनावल में सूर्यास्त के समय फाल्गुन शुक्ल एकादशी के दिन श्रीमद् वल्लभाचार्य के समक्ष मथुराघीशजी विग्रह रूप में प्रकट हुए. शहर का भाग्य जागा तो सन 1737 में मथुराधीश जी कोटा आए और तभी से यहां विराजमान हैं, हजारों बीघा जमीन के एकमात्र मालिक हैं. कोटा के मथुराधीश जी देश दुनिया में सबसे बडे हैं.
शिक्षा नगरी, औद्योगिक नगरी कोटा को धार्मिक नगरी के रूप में भी पहचान मिल रही है. यहां एतिहासिक मंदिरों के साथ यहां होने वाले आयोजन से कोटा धर्ममय हो जाता है. कोटा में जन्माष्टमी का पर्व भी उत्सव के रूप में मनाया जाता है. चर्मण्यवती के आंचल में बसा कोटा को कई नामों से जाना जाता है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसे छोटी काशी कहा गया. जब बात कृष्ण जन्माष्टमी की हो रही है तो परकोटे के भीतर बसे कोटा को नंदग्राम के नाम से जाना जाता है. अगर कोटा को बड़े मथुराधीशजी की नगरी भी कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. चंबल तट पर नंद ग्राम में विराजे देश दुनिया के प्रथम पीठ भगवान मथुराधीश यहां विराजमान हैं. कहा जाता है कि मथुरा के गोकुल क्षेत्र के ग्राम करनावल में सूर्यास्त के समय फाल्गुन शुक्ल एकादशी के दिन श्रीमद् वल्लभाचार्य के समक्ष मथुराघीशजी विग्रह रूप में प्रकट हुए. शहर का भाग्य जागा तो सन 1737 में मथुराधीश जी कोटा आए और तभी से यहां विराजमान हैं, हजारों बीघा जमीन के एकमात्र मालिक हैं. कोटा के मथुराधीश जी देश दुनिया में सबसे बडे हैं.
2/5
मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी बताते हैं कि कोटा में मथुराधीश के प्रति लोगों की श्रद्धा इतनी अपार थी कि रियासत के तत्कालीन मंत्री द्वारकाप्रसाद ने पाटनपोल स्थित अपनी हवेली मथुराधीश जी को पधराने के लिए भेंट कर दी, यहां ठाकुरजी को विराजमान किया गया. बाद में कोटा के तत्कालीन महाराव दुर्जनसाल ने कोटा का नाम नंदग्राम रखा. इसके साथ ही कोटा की छवि कृष्ण भक्ति के रूप में प्रगाढ़ हो गई. तब से अब तक वल्लभ कुल की मर्यादाओं के अनुसार मंदिर में सेवा हो रही है.
मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी बताते हैं कि कोटा में मथुराधीश के प्रति लोगों की श्रद्धा इतनी अपार थी कि रियासत के तत्कालीन मंत्री द्वारकाप्रसाद ने पाटनपोल स्थित अपनी हवेली मथुराधीश जी को पधराने के लिए भेंट कर दी, यहां ठाकुरजी को विराजमान किया गया. बाद में कोटा के तत्कालीन महाराव दुर्जनसाल ने कोटा का नाम नंदग्राम रखा. इसके साथ ही कोटा की छवि कृष्ण भक्ति के रूप में प्रगाढ़ हो गई. तब से अब तक वल्लभ कुल की मर्यादाओं के अनुसार मंदिर में सेवा हो रही है.
3/5
मंदिर में जो भी श्रद्धालु एक बार दर्शन को आ जाए तो बार-बार आने को मन करता है. ठाकुरजी की मनमोहक छवि के दर्शन कर मन आनंदित हो उठता है.  ठाकुरजी की महिमा न्यारी है. यहां जन्माष्टमी पर होने वाले आयोजन में विशेष योगदान रहता है.  यहां की महिमा को शब्दों में कह पाना मुश्किल है. वल्लभकुल सम्प्रदाय की प्रथम पीठ महाराव दुर्जनसाल हाड़ा बूंदी से लेकर आए. मथुराधीश जी की प्रतिमा भगवान श्रीकृष्ण के वल्लभमय सप्त स्वरूपों में से प्रथमेश है. इसी कारण कोटा के इस मथुराधीश मंदिर को वल्लभसम्प्रदाय की प्रथम पीठ मानी जाती है और और वल्लभकुल सम्प्रदाय के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण व प्रथम तीर्थ है.
मंदिर में जो भी श्रद्धालु एक बार दर्शन को आ जाए तो बार-बार आने को मन करता है. ठाकुरजी की मनमोहक छवि के दर्शन कर मन आनंदित हो उठता है. ठाकुरजी की महिमा न्यारी है. यहां जन्माष्टमी पर होने वाले आयोजन में विशेष योगदान रहता है. यहां की महिमा को शब्दों में कह पाना मुश्किल है. वल्लभकुल सम्प्रदाय की प्रथम पीठ महाराव दुर्जनसाल हाड़ा बूंदी से लेकर आए. मथुराधीश जी की प्रतिमा भगवान श्रीकृष्ण के वल्लभमय सप्त स्वरूपों में से प्रथमेश है. इसी कारण कोटा के इस मथुराधीश मंदिर को वल्लभसम्प्रदाय की प्रथम पीठ मानी जाती है और और वल्लभकुल सम्प्रदाय के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण व प्रथम तीर्थ है.
4/5
इतिहासविद फिरोज अहमद के अनुसार मथुराधीश जी का प्राकट्य गोकुल के पास कर्णावल गांव में माना जाता है. मथुराधीश जी के इस विग्रह को वल्लभाचार्य ने अपने शिष्य पदमनाथ के पुत्र को दे दिया. उन्होंने यह अपने बड़े पुत्र गिरधर को सौंप दी, जो इसे पूजते रहे. 1669 में इस प्रतिमा को बादशाह औरंगजेब के अत्याचारों को बचाने के लिए बूंदी लाया गया. बूंदी के तत्कालिक शासक राव राजा भाव सिंह इसे बूंदी लेकर आए. बाद में कोटा राज्य के शासक महाराव दुर्जनशाल1744 ईस्वी में मथुराधीशजी को कोटा ले आए. प्रतिमा को कोटा के दीवान राय द्वारका प्रसाद की हवेली में पदराया गया. वल्लभकुलसम्प्रदाय के मतानुसार सेवा होती है.
इतिहासविद फिरोज अहमद के अनुसार मथुराधीश जी का प्राकट्य गोकुल के पास कर्णावल गांव में माना जाता है. मथुराधीश जी के इस विग्रह को वल्लभाचार्य ने अपने शिष्य पदमनाथ के पुत्र को दे दिया. उन्होंने यह अपने बड़े पुत्र गिरधर को सौंप दी, जो इसे पूजते रहे. 1669 में इस प्रतिमा को बादशाह औरंगजेब के अत्याचारों को बचाने के लिए बूंदी लाया गया. बूंदी के तत्कालिक शासक राव राजा भाव सिंह इसे बूंदी लेकर आए. बाद में कोटा राज्य के शासक महाराव दुर्जनशाल1744 ईस्वी में मथुराधीशजी को कोटा ले आए. प्रतिमा को कोटा के दीवान राय द्वारका प्रसाद की हवेली में पदराया गया. वल्लभकुलसम्प्रदाय के मतानुसार सेवा होती है.
5/5
मथुराधीश की की आज तक एक भी फोटो बाहर नहीं आई है, यहां अंदर मोबाइल, कैमरा ले जाना निषेध है, ऐसे में श्रद्धालु वहां जाकर ही दर्शन करते हैं, पुराने कोटा में होने के कारण मुख्य मार्ग कुछ छोटा होने से यहां भीड लग जाती है, प्रभु के दर्शन पाने के लिए कई किलोमीटर तक लाइन भी लग जाती है. ठाकुर जी के प्रति लोगों की प्रगाढ भक्ति ऐसी है कि लोग दर्शन करके ही जाते हैं. यहां जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं और भक्त जन्माष्टमी को उनके दर्शनों के लिए अभी से लालायित हो रहे हैं.
मथुराधीश की की आज तक एक भी फोटो बाहर नहीं आई है, यहां अंदर मोबाइल, कैमरा ले जाना निषेध है, ऐसे में श्रद्धालु वहां जाकर ही दर्शन करते हैं, पुराने कोटा में होने के कारण मुख्य मार्ग कुछ छोटा होने से यहां भीड लग जाती है, प्रभु के दर्शन पाने के लिए कई किलोमीटर तक लाइन भी लग जाती है. ठाकुर जी के प्रति लोगों की प्रगाढ भक्ति ऐसी है कि लोग दर्शन करके ही जाते हैं. यहां जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं और भक्त जन्माष्टमी को उनके दर्शनों के लिए अभी से लालायित हो रहे हैं.

राजस्थान फोटो गैलरी

राजस्थान वेब स्टोरीज

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
IIFA 2024: आराध्या को लेकर पूछा गया था सवाल, ऐश्वर्या राय ने अपने जवाब से रिपोर्टर की कर दी बोलती बंद, बोलीं- 'वो मेरी बेटी है हमेशा...'
आईफा में आराध्या को लेकर पूछा गया था सवाल, ऐश्वर्या राय ने अपने जवाब से रिपोर्टर की कर दी बोलती बंद
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Mumbai पर आतंकी हमले का Alert, शहर में बढ़ाई गई सुरक्षा | Breaking NewsTamil Nadu के सत्तूर इलाके में पटाखा फैक्ट्री में लगी आग, मौके पर फायर ब्रिगेड मौजूद | BreakingGujarat के गिर में अतिक्रमण हटाने के लिए मेगा ऑपरेशन, 1400 पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद | Breaking NewsUjjain Rains: बारिश से बाढ़ जैसे हालात, शहर जलमग्न, सड़कें डूबी | ABP News |

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
IIFA 2024: आराध्या को लेकर पूछा गया था सवाल, ऐश्वर्या राय ने अपने जवाब से रिपोर्टर की कर दी बोलती बंद, बोलीं- 'वो मेरी बेटी है हमेशा...'
आईफा में आराध्या को लेकर पूछा गया था सवाल, ऐश्वर्या राय ने अपने जवाब से रिपोर्टर की कर दी बोलती बंद
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
IND vs BAN 2nd Test: होटल लौट गईं भारत-बांग्लादेश की टीमें, बारिश की वजह से दूसरे दिन नहीं शुरू हो सका खेल
होटल लौटी टीम इंडिया, बारिश की वजह से दूसरे दिन नहीं शुरू हो सका खेल
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
गलती से दो बार कट गया है टोल टैक्स तो कैसे मिलता है रिफंड? ये हैं नियम
गलती से दो बार कट गया है टोल टैक्स तो कैसे मिलता है रिफंड? ये हैं नियम
World Heart Day 2024: 30 साल की उम्र में दिल की बीमारियों का खतरा कितना, इसकी वजह क्या?
30 साल की उम्र में दिल की बीमारियों का खतरा कितना, इसकी वजह क्या?
Embed widget