In Pics: नजदीक से चलाई गोली को भी बेअसर कर देते हैं बुलेटप्रुफ जैकेट्स, इन हथियारों की प्रदर्शनी देखने उमड़े लोग
कोटा शहर की सारी राहें जैसे दशहरा मैदान की ओर मुड़ गईं हों, हर व्यक्ति उस तरफ जा रहा था. देशप्रेम का जस्बा दिल में लिए गौरव के पलों को मन में समेटे लोगों ने देश की रक्षा व्यवस्था को जाना. दो दिवसीय रक्षा प्रदर्शनी देखने के लिए कोटा सहित सम्पूर्ण हाड़ौती से लोग पहुंचे. युवाओं और बच्चों में प्रदर्शनी को लेकर खासा उत्सह देखने को मिला. किसी ने टैंक पर बैठकर फोटो खिंचवाई तो किसी ने जवानों के हाथों में सजने वाली एडवांस्ड बंदूकों को उठाकर देखा.
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View In Appरक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को प्रतिबिंबित करने और राजस्थान के युवाओं को डिफेंस क्षेत्र में नवाचारों के साथ आगे आने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से दशहरा मैदान में डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया गया है. लोग अलग-अलग तरह के टैंक्स, आर्टिलरी गन्स और अन्य प्रकार के बड़े हथियारों को हाथ से छूकर देखते रहे. वहीं दूसरी ओर युवाओं में इन टैक्स, गन्स और मिसाइल्स के बारे में जानने की गहरी रूचि दिखाई दी. वे वहां मौजूद सैनिकों से उनकी फायरिंग रैंज, मारक क्षमता, अब तक किए गए उनके उपयोग के बारे में सवाल करते नजर आए. सैनिकों ने भी उनको निराश नहीं किया और उनकी हर जिज्ञासा को शांत किया.
रक्षा प्रदर्शनी के दौरान दशहरा मैदान परिसर में बनाए गए वातानाकूलित डोम में एमएसएमई और स्टार्टअप्स के उत्पादों ने लोगों को हतप्रभ कर दिया. कई किलोमीटर की दूरी से दुश्मन को ढेर कर देने वाले स्नाइपर गन्स, युऋपोतों को क्षण में समूद्र में डुबो देने वाले तारपीडो, बेहद नजदीक से चलाई गई गोली को भी बेअसर कर देने वाले बुलेटप्रुफ जैकेट्स, कई किलोमीटर से दूर से अकेले चल रहे व्यक्ति के पांव की हलचल को पकड़ लेने वाले सेंसर, मानवरहित जलपोत, समुद्र और गहरे पानी में रेस्क्यू के लिए बनाई गई विशेष प्रकार की नौकाओं सहित अनेक ऐसे मॉडल प्रदर्शित किए गए जो युवा उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स की नई सोच को दिखाते हैं. प्रदर्शनी में आए लोग इन उत्पादों को कौतूहुल की दृष्टि से देखते रहे और उनके बारे में जानकारी जुटाते रहे.
प्रदर्शनी में भारत में बनी आकाश मिसाइल सबके आकर्षण का केंद्र रही. डीआरडीओ द्वारा विकसित और भारत डायनेमिक्स द्वारा उत्पादित की जा रही यह मिसाइल जमीन से हवा में मार करती है. यह परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है. इसके बाद भारत अग्नि सहित कई अन्य मिसाइल सिस्टम विकसित कर रहा है. वहीं प्रदर्शनी में एक स्टार्ट-अप ने विशेष प्रकार के कई हेलमेट प्रदर्शित किए हैं. स्टार्ट-अप का दावा है कि इन हेलमेट की खासियत है कि यह महज 10 मीटर दूर से चलाई गई एके-47 की गोली को भी बेअसर कर देते हैं. इन हेलमेट्स में कई तरह के अटैचमेंट और कैमरा लगा कर सैन्य ऑपरेशन को लाइव देखा जा सकता है.
मौजूदा समय में ड्रोन के बढ़ते नकारात्मक उपयोग को नियंत्रित करने के लिए एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी पर भी तेजी से काम हो रहा है.एक स्टार्ट-अप का दावा है कि उनकी एंटी ड्रोन गन (ड्रोनम) दो किमी ऊंचे उड़ रहे ड्रोन को किरणों के जरिए नकारा कर देगी. इसमें किसी प्रकार की गोली या अन्य हथियार की जरूरत नहीं पड़ेगी.
प्रदर्शनी में ड्रोन के माध्यम से चलाए जाने वाले लेजर गाइडेड बॉम्ब को भी प्रदर्शित किया गया है. यह बॉम्ब ड्रोन में फिट किया जाता है और लेजर एमिटर से जुड़ा होता है. कंट्रोल रूम से ड्रोन को नियंत्रित कर रहा व्यक्ति निशाना चुनने के बाद लेजर के जरिए उस पर रोशनी डालता है इसके बाद यह बॉम्ब उस टार्गेट का पीछा कर उसे तबाह कर देता है.
प्रदर्शनी में एक ऐसा कॉम्पेक्ट जनरेटर प्रदर्शित किया गया है जो एक किलो एलपीजी गैस से एक घंटे में 20 यूनिट बिजली बनाता है. इसे सौर और पवन ऊर्जा से भी कैलीब्रेट किया जा सकता है. इस ऑल वैदर-ऑल टैरेन जनरेटर को सेना ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में काम में लेती है जहां बिजली की उपलब्धता नहीं होती. कोटा के उद्यमियों ने भी इसमें रूचि दिखाई है.
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