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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
In Pics: राजस्थान में भारी बारिश के बीच SDRF अलर्ट, तस्वीरों के जरिए देखें इनकी तैयारी
राजस्थान में मानसून शुरू हो चुका है. ऐसे में प्रदेश भर में कहीं जगह पर जल जमाव की स्थिति होने के साथ ही आमजन के जीवन पर भी बन रही है. ऐसा में पानी में डूबने की घटनाएं लगातार बढ़ने से राजस्थान की एसडीआरएफ टीम भी अलर्ट मोड पर है. सूचना लगने के साथ ही एसडीआरएफ के जवान रेस्क्यू करने में जुट रहे हैं.
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View In Appएसडीआरएफ कमांडेंट का गठन वर्ष 2013 में किया गया था. उसके साथ ही पूरे प्रदेश भर में एसडीआरएफ के करीब 800 से अधिक जवान तैनात है. प्रदेश के अलग-अलग संभागों में एसडीआरएफ ने अपनी कंपनियां तैनात की हुई है. हादसे की सूचना लगने के साथ ही यह कंपनियां रेस्क्यू करने के लिए दौड़ जाती है. जिला लेवल पर सिविल डिफेंस के जवान रेस्क्यू करते हैं लेकिन बड़ी घटना होने के साथ ही एसडीआरएफ ही रेस्क्यू के लिए जाती है. देश में एनडीआरएफ के बाद एसडीआरएफ ऐसी कंपनी है जो सबसे आधुनिक तकनीक से सुसज्जित है. एसडीआरएफ के जवान भी अच्छे इंस्टिट्यूट से ट्रेनिंग लिए हुए हैं जो हादसों के वक्त सफलता पूर्वक रेस्क्यू चलाते हैं.
आपदा के दौरान मानव जीवन को संकट से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर लाने की प्रक्रिया का बुधवार को एसडीआरएफ के जवानों ने बूंदी के नवल सागर झील (छोटा तालाब) पर एसडीआरएफ कमांडेंट राजकुमार गुप्ता के निर्देशन में डेमो प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने भी अवलोकन किया.
डेमो प्रदर्शन में एसडीआरएफ के 3 हेड कांस्टेबल, 26 कांस्टेबल, 3 वाहनों चालकों ने हिस्सा लिया. नवल सागर झील पर करीब 2 घंटे तक चले डेमो प्रदर्शन में एसडीआरएफ जवानों ने टापू पर फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का रेस्क्यू किया. साथ ही गहरे पानी में डूबने के बाद गोताखोरों द्वारा पानी में से व्यक्ति को बाहर निकालकर लाने का प्रदर्शन भी किया.
कमांडेंट राजकुमार गुप्ता ने एसडीआरएफ के रेस्क्यू के दौरान उपयोग होने वाले उपकरणो की भी जानकारी दी. रिमोट बोट के माध्यम से किस प्रकार जल्द से घटनास्थल पर फंसे लोगों तक रेस्क्यू सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है, इसकी जानकारी दी गई. एसडीआरएफ जवानों ने चाकू, सरिये को घायल व्यक्ति के शरीर से बाहर निकालने, बालक के मुंह से सिक्का निकालने आदि का लाइव डेमो दिया. कोटा और उदयुपर रेंज बरसात में सबसे हॉट रेंज है.
गुप्ता ने बताया कि एसडीएआरएफ द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन डेली बेसिस पर ही होता है. हमारा प्रयास होता है कि किस तरह मानव जीवन को आपदा के दौरान संकट से बचा सकते हैं. आपदा के दौरान रेस्क्यू टीम तुरंत स्पॉट पर पहुंचकर जी जान से जुटकर संकट ग्रस्त व्यक्तियों को बचाती है. आमजन से अपील है कि बरसात के समय पिकनिक पर जाने वाले लोग अपनी सावधानी रखे. ज्यादा पानी में नहीं उतरें.
एसडीआरएफ कमांडेंट राजकुमार गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में मानसून आने के साथ ही हमारी टीम और भी अलर्ट हो जाती है. हालांकि 24 घंटे हमारी टीम अलर्ट मोड पर रहती है. मानसून के अलावा भी कई जगहों पर हादसे हो जाते हैं. हमारा प्रयास रहता है कि मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू चलाकर संबंधित की जान बचाई जा सके. प्रदेश के हर थानों में हमारे नंबर लिखे हुए होते हैं साथ में स्थानीय लोकल टीम के पास भी हमारा कांटेक्ट होता है. जब भी कोई बड़ा हादसा या रेस्क्यू करने में परेशानी होने पर हमारी टीम से संपर्क किया जाता है तो हम संबंधित क्षेत्र से टीम भेजकर रेस्क्यू की कर लेते हैं.
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