Bhatapur News: जिले के चार विधायक सरकार में मंत्री फिर भी अस्पताल की हालत खराब, मोबाइल की टॉर्च से हो रहा इलाज
राजस्थान सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन अंदरूनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है. राजस्थान के भरतपुर संभाग के सबसे बड़े जिला अस्पताल आरबीएम में रोजाना होने वाली बिजली की खराबी के चलते मरीजों को भरी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अस्पताल के स्टाफ को भी मरीजों का इलाज टोर्च की रौशनी में करना पड़ता है. कभी भी आरबीएम अस्पताल में अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी मरीजों का इलाज टोर्च की रौशनी में करते हुए नजर आते है.
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View In Appभरतपुर संभाग का सबसे बड़ा आरबीएम अस्पताल है, जहां करोड़ों रूपये की लागत से बड़ी बिल्डिंग सभी सुविधा युक्त बनाई गयी थी. इसके अलावा करोड़ों रूपये की लागत से दूसरी बिल्डिंग भी इस परिसर में निर्माणाधीन है. सरकार द्वारा इतना बजट खर्च करने के बाद भी यहां बिजली गड़बड़ होने से टोर्च की रौशनी में मरीजो का इलाज होता है. भरतपुर जिले में इस बार बरसात भी काम हुई है और सितंबर माह में जून-जुलाई जैसी गर्मी पड़ रही है. लोगों का उमस भरी गर्मी से बुरा हाल है. मौसमी बीमारियां भी फैल रही है. ऐसे में अस्पताल में बिजली गुल होने की वजह से काफी परेशानियां हो रही हैं.
अस्पताल की अनियमित बिजली व्यवस्था के चलते इलाज ले रहे मरीजों को भारी परेशानी का सामना उठाना पड़ता है. सरकार द्वारा योजना का लाभ भी तभी मिलता है जब मरीज के परिजन विंडो पर रजिस्ट्रेशन कराकर एडमिट कार्ड लगवाकर लाते है. लेकिन बिजलि गुल होने पर कम्प्यूटर नहीं चलने से योजना के लाभार्थियों को घंटों इंतजार करते नजर आते हैं. बिजली जाने से मरीजों का गर्मी से हाल बेहाल हो जाता है.
जिला अस्पताल में अमूमन चिकित्सकों को मरीजों का इलाज टॉर्च की रोशनी में करते हुए देखा जा सकता है. अस्पताल की बिल्डिंग करोड़ों रपये खर्च कर बना तो दी गयी मगर इलेक्ट्रिक इंजीनियर और सिविल इंजीनियर तैनात करने की यहां व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं की गयी है. खास बात तो यहाँ है कि अस्पताल में कोई भी टेक्निकल व्यक्ति नहीं है जो खराब होने वाली बिजली की व्यवस्था को सुधार कर सुचारु कर सके.
वहीं जिला अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ जिज्ञासा साहनी ने बताया कि अस्पताल में बिजली की व्यवस्था बदतर हैं. जहां कभी भी बिजली गुल हो जाती है. यहां टेक्निकल या इलेक्ट्रिक इंजीनियर नहीं होने से अस्पताल में बिजली की व्यवस्था खराब रहती है. मैंने कई बार उच्च अधिकारीयों को अस्पताल में टेक्निकल इंजिनियर नहीं होने और बारबार बिजली गुल होने की जानकारी दी है लेकिन अभी तक कोई भी इंतजाम नहीं हुआ है.
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