जब राजस्थान में 6 बार के कांग्रेस विधायक दयाराम परमार ने CM अशोक गहलोत से पूछा- मंत्री बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए ?
राजस्थान मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराज़ विधायक दयाराम परमार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में सीएम गहलोत से सवाल किया है कि ऐसी कौन सी काबिलियत हासिल करें, ताकि मंत्रिमंडल में जगह मिल सके. इससे पहले मंत्रिमंडल में फेरबदल से नाराज़ कांग्रेस के दो विधायकों जौहरी लाल मीणा और साफिया जुबैर ने शपथग्रहण समारोह का बहिष्कार किया था.
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View In Appखेरवाड़ा से विधायक दयाराम परमार ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, मंत्रिमंडल के गठन के बाद ऐसा लगता है कि मंत्री बनने के लिए कोई विशेष योग्यता की आवश्यकता होती है. हमें बताने की कृपा करें कि विशेष काबिलियत क्या है? उसको हासिल कर के भविष्य में मंत्री बनने की कोशिश की जा सके. आपको बता दें कि दयाराम परमार दो बार मंत्री रह चुके हैं और छठी बार विधायक बने हैं. उन्होंने बातचीत में कहा कि आदिवासी ज़िले अन्य भी हैं, लेकिन सिर्फ़ बांसवाड़ा से ही दो मंत्री बनाए गए हैं.
खेरवाड़ा से विधायक दयाराम परमार ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, मंत्रिमंडल के गठन के बाद ऐसा लगता है कि मंत्री बनने के लिए कोई विशेष योग्यता की आवश्यकता होती है. हमें बताने की कृपा करें कि विशेष काबिलियत क्या है? उसको हासिल कर के भविष्य में मंत्री बनने की कोशिश की जा सके. आपको बता दें कि दयाराम परमार दो बार मंत्री रह चुके हैं और छठी बार विधायक बने हैं. उन्होंने बातचीत में कहा कि आदिवासी ज़िले अन्य भी हैं, लेकिन सिर्फ़ बांसवाड़ा से ही दो मंत्री बनाए गए हैं. राजस्थान सरकार ने छह विधायकों को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया है. मुख्यमंत्री के सलाहकार बनाए गए विधायकों में दो विधायक बाबू लाल नागर और संयम लोढ़ा निर्दलीय हैं, जबकि डॉक्टर जितेंद्र सिंह, राजकुमार शर्मा, दानिश अबरार और रामकेश मीणा कांग्रेस के ही विधायक हैं.
बता दें कि राजस्थान में गहलोत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित फेरबदल रविवार को पूरा हो गया था. सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के 15 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने 11 विधायकों को कैबिनेट व चार विधायकों को राज्य मंत्री के रूप में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई थी. मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया जाना अभी बाकी है.
गौरतलब है कि राजस्थान कैबिनेट में फेरबदल में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का खास ध्यान रखा गया है. सचिन पायलट खेमे के भी कई विधायक मंत्री बने हैं.
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