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In Pics: जब ब्रिटेन की महारानी Elizabeth-2 आई थीं उदयपुर, शाही अंदाज में हुआ था स्वागत
Rajasthan News: मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने महारानी एलिजाबेथ के निधन पर शोध प्रकट करते हुए कहा कि उनका ब्रिटेन में 70 साल का बेमिसाल कार्यकाल रहा. वो बहुत जिंदादिल थी.
![Rajasthan News: मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने महारानी एलिजाबेथ के निधन पर शोध प्रकट करते हुए कहा कि उनका ब्रिटेन में 70 साल का बेमिसाल कार्यकाल रहा. वो बहुत जिंदादिल थी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/10/c2953d3c951ed5f06381b2b8c0c6a8511662802823939276_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
एलिजाबेथ-2 का उदयपुर दौरा
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![Udaipur News: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-2 (Elizabeth-2) के निधन के बाद विश्व उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है. खास बात ये है कि एलिजाबेथ-2 का उदयपुर (Udaipur) से काफी अच्छा जुड़ाव रहा है. वो 61 साल पहले उदयपुर आई थीं जहां उनका शाही अंदाज में स्वागत किया गया था. उनके उदयपुर आने के पीछे कारण था कि ब्रिटिश और मेवाड़ रियासत के बीच रिश्तों भब मधुरता बनी रही. एलिजाबेथ-2 30 जनवरी 1961 में उदयपुर आई थीं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/10/f813d848e958d956ff747db639f06a2cbc711.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Udaipur News: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-2 (Elizabeth-2) के निधन के बाद विश्व उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है. खास बात ये है कि एलिजाबेथ-2 का उदयपुर (Udaipur) से काफी अच्छा जुड़ाव रहा है. वो 61 साल पहले उदयपुर आई थीं जहां उनका शाही अंदाज में स्वागत किया गया था. उनके उदयपुर आने के पीछे कारण था कि ब्रिटिश और मेवाड़ रियासत के बीच रिश्तों भब मधुरता बनी रही. एलिजाबेथ-2 30 जनवरी 1961 में उदयपुर आई थीं.
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![मेवाड़ राजपरिवार से जुड़े सदस्यों ने बताया कि महारानी एलिजाबेथ साल 1961 में आई थी. उनका यहां शाही अंदाज में स्वागत हुआ था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/10/6ec0388739ffa3983f1805ca2500394ce1f15.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मेवाड़ राजपरिवार से जुड़े सदस्यों ने बताया कि महारानी एलिजाबेथ साल 1961 में आई थी. उनका यहां शाही अंदाज में स्वागत हुआ था.
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![उन्होंने महाराणा भगवत सिंह के साथ लेक पैलेस, जग मंदिर और शिव निवास का भ्रमण किया और सिटी पैलेस में रुकी थीं. शिव निवास में रात में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को देखा था. एलिजाबेथ मोटर बोट से लेक पैलेस और जग मंदिर भी गई थी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/10/a236296bfb74b67f7bbe55c06eac37e29a54d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
उन्होंने महाराणा भगवत सिंह के साथ लेक पैलेस, जग मंदिर और शिव निवास का भ्रमण किया और सिटी पैलेस में रुकी थीं. शिव निवास में रात में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को देखा था. एलिजाबेथ मोटर बोट से लेक पैलेस और जग मंदिर भी गई थी.
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![आगे उन्होंने बताया कि 1911 में जॉर्ज पंचम का दिल्ली दरबार सजा था. जॉर्ज एलिजाबेथ के दादा थे. उस समय महाराणा भगवत सिंह के दादा फतह सिंह ने उस दरबार में शामिल होने से इनकार कर दिया था. इसके 10 साल बाद 1921 में जॉर्ज के बड़े बेटे अडवर्ड भारत आए तब महाराणा फतह सिंह ने तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए मिलने से मना कर दिया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/10/f325a7182a68cf04c01172a7a748b25e8ca03.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
आगे उन्होंने बताया कि 1911 में जॉर्ज पंचम का दिल्ली दरबार सजा था. जॉर्ज एलिजाबेथ के दादा थे. उस समय महाराणा भगवत सिंह के दादा फतह सिंह ने उस दरबार में शामिल होने से इनकार कर दिया था. इसके 10 साल बाद 1921 में जॉर्ज के बड़े बेटे अडवर्ड भारत आए तब महाराणा फतह सिंह ने तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए मिलने से मना कर दिया था.
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![दोनों की तीसरी पीढ़ी में एलिजाबेथ और महाराणा भगवत सिंह हुए. एलिजाबेथ-2 ने स्वीकार किया था कि मेवाड़ भारत का सबसे समृद्ध और खूबसूरत क्षेत्र है. इसके बाद एलिजाबेथ-2 यहां आईं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/10/93b26de5c71840ea534ea018e3026f727753b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
दोनों की तीसरी पीढ़ी में एलिजाबेथ और महाराणा भगवत सिंह हुए. एलिजाबेथ-2 ने स्वीकार किया था कि मेवाड़ भारत का सबसे समृद्ध और खूबसूरत क्षेत्र है. इसके बाद एलिजाबेथ-2 यहां आईं.
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![मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने महारानी एलिजाबेथ के निधन पर शोध प्रकट करते हुए कहा कि उनका ब्रिटेन में 70 साल का बेमिसाल कार्यकाल रहा. एलिजाबेथ 30 जनवरी 1961 को उदयपुर आई थीं, जिनके की जीवन शैली के बारे में दादाजी (महाराणा भगवत सिंह) और पिताजी (अरविंद सिंह मेवाड़) ने बताया कि वो उदारवादी ह्रदय की थीं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/10/a86b89cb61503708052c3ba71afcbb7c8ad3d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने महारानी एलिजाबेथ के निधन पर शोध प्रकट करते हुए कहा कि उनका ब्रिटेन में 70 साल का बेमिसाल कार्यकाल रहा. एलिजाबेथ 30 जनवरी 1961 को उदयपुर आई थीं, जिनके की जीवन शैली के बारे में दादाजी (महाराणा भगवत सिंह) और पिताजी (अरविंद सिंह मेवाड़) ने बताया कि वो उदारवादी ह्रदय की थीं.
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![महिला सशक्तिकरण के लिए भी उन्होंने काफी काम किया. वो भारत दौरे के दौरान उदयपुर आई थीं, जिनकी अगवानी सिटी पैलेस के शिव निवास में मेवाड़ी परंपरानुसार की गई थी. एलिजाबेथ ने उस गौरवमयी क्षण से अभिभूत होकर आभार व्यक्त करते हुए ब्रिटेन में आते रहने का न्यौता दिया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/10/1d1a5230bb19b40c1a0ad873665da83ed3639.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
महिला सशक्तिकरण के लिए भी उन्होंने काफी काम किया. वो भारत दौरे के दौरान उदयपुर आई थीं, जिनकी अगवानी सिटी पैलेस के शिव निवास में मेवाड़ी परंपरानुसार की गई थी. एलिजाबेथ ने उस गौरवमयी क्षण से अभिभूत होकर आभार व्यक्त करते हुए ब्रिटेन में आते रहने का न्यौता दिया था.
Published at : 10 Sep 2022 05:16 PM (IST)
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