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Rajasthan Haunted Places: राजस्थान की पांच ऐसी खूबसूरत जगहें जहां रात को जाने के लिए मना करते हैं लोग, आती हैं चीखने की आवाजें

( ये हैं राजस्थान की भूतिया जगहें)

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राजस्थान किलो का गढ़ कहा जाता है जहाँ कई खूबसूरत किले है. लेकिन इन किलो की खूबसूरती के साथ ही इनमें कई कहानियां है. कुछ तो इसमें भूतिहा कहलाते हैं जहाँ लोगों ने रोने, चिल्लाने की आवाजें सुनी. यहां तक कि यह भी कहा जाता है कि रात को कोई गया तो लौट के नहीं आया. हालांकि वैज्ञानिक रूप से ऐसा कुछ सामने नहीं आया है. जानिए कौनसी है यह जगह.
राजस्थान किलो का गढ़ कहा जाता है जहाँ कई खूबसूरत किले है. लेकिन इन किलो की खूबसूरती के साथ ही इनमें कई कहानियां है. कुछ तो इसमें भूतिहा कहलाते हैं जहाँ लोगों ने रोने, चिल्लाने की आवाजें सुनी. यहां तक कि यह भी कहा जाता है कि रात को कोई गया तो लौट के नहीं आया. हालांकि वैज्ञानिक रूप से ऐसा कुछ सामने नहीं आया है. जानिए कौनसी है यह जगह.
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भानगढ़ किला: यह किला राजस्थान के अलवर जिले में हैं जो सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के पास है. इस किले को भुतहा कहा जाता है. यहां के कई किस्से हैं और यही नहीं इस किले को लेकर फिल्में भी बनी हुई है. भानगढ़ किले को लेकर कई भूतिया कहानियां. स्थानीय लोगों का मानना है कि एक महात्मा संत द्वारा शापित है, यहां रोने की आवाजे सुनी, चूड़ियां तोड़ने जैसे आवाजे भी आती है. यहीं नहीं ऐसा लगता है कोई पीछा कर रहा है और थप्पड़ मार रहा है. हालांकि वैज्ञानिक तौर पर ऐसा कुछ नहीं है. फिलहाल इस किले में सूर्यास्त के बाद जाना मना है. यहां दिन में ही जा सकते हैं.
भानगढ़ किला: यह किला राजस्थान के अलवर जिले में हैं जो सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के पास है. इस किले को भुतहा कहा जाता है. यहां के कई किस्से हैं और यही नहीं इस किले को लेकर फिल्में भी बनी हुई है. भानगढ़ किले को लेकर कई भूतिया कहानियां. स्थानीय लोगों का मानना है कि एक महात्मा संत द्वारा शापित है, यहां रोने की आवाजे सुनी, चूड़ियां तोड़ने जैसे आवाजे भी आती है. यहीं नहीं ऐसा लगता है कोई पीछा कर रहा है और थप्पड़ मार रहा है. हालांकि वैज्ञानिक तौर पर ऐसा कुछ नहीं है. फिलहाल इस किले में सूर्यास्त के बाद जाना मना है. यहां दिन में ही जा सकते हैं.
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कुलधरा गांव: यह गांव राजस्थान के जैसलमेर ने स्थित है जिसे लोग भूतों का गांव भी कहते हैं. जानकारी के अनुसार इसे 13वीं शताब्दी में बसाया गया था लेकिन पानी की कमी के कारण गांव के लोग गांव को छोड़कर चले गए. लोगों की मान्यता है कि जैसलमेर रियासत में मंत्री हुआ करते थे जिनका गांव पर बहुत जुल्म था. इसे से परेशान होकर लोग इसे छोड़कर गए. यह भी कहा जाता है कि गांव की किसी युवती से मंत्री शादी करना चाहता था लेकिन लडक़ी का पिता दूसरी बिरादरी नहीं करना चाहता था. मंत्री ने गांव को बर्बाद करने की धमकी दी इससे पहले ही लोग गांव छोड़कर चले गए और श्राप दिया कि गांव अब कभी आबाद नहीं हो पाएगा. यहां लोग कई भूतिया कहानियां भी बताते है लेकिन राजस्थान सरकार ने इसे पर्यटन स्थल का दर्जा दे दिया है हालांकि गांव खंडहर हालात में है.
कुलधरा गांव: यह गांव राजस्थान के जैसलमेर ने स्थित है जिसे लोग भूतों का गांव भी कहते हैं. जानकारी के अनुसार इसे 13वीं शताब्दी में बसाया गया था लेकिन पानी की कमी के कारण गांव के लोग गांव को छोड़कर चले गए. लोगों की मान्यता है कि जैसलमेर रियासत में मंत्री हुआ करते थे जिनका गांव पर बहुत जुल्म था. इसे से परेशान होकर लोग इसे छोड़कर गए. यह भी कहा जाता है कि गांव की किसी युवती से मंत्री शादी करना चाहता था लेकिन लडक़ी का पिता दूसरी बिरादरी नहीं करना चाहता था. मंत्री ने गांव को बर्बाद करने की धमकी दी इससे पहले ही लोग गांव छोड़कर चले गए और श्राप दिया कि गांव अब कभी आबाद नहीं हो पाएगा. यहां लोग कई भूतिया कहानियां भी बताते है लेकिन राजस्थान सरकार ने इसे पर्यटन स्थल का दर्जा दे दिया है हालांकि गांव खंडहर हालात में है.
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नाहरगढ़ किला: यह विशाल किला राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है और यह अरावली पर्वत श्रृंखला पर बना हुआ है. इस किले को सवाई राजा जयसिंह द्वितीय ने बनवाया था. यह रानियों के लिए बनाया गया था. लोगों का कहना है कि यहाँ नाहर सिंह नाम के व्यक्ति की आत्मा भटकती है और यह किले के निर्माण में व्यावधान भी डालती है. हालांकि यह बहुत खूबसूरत किला है और यहां शहरवासियों के अलावा पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र है.
नाहरगढ़ किला: यह विशाल किला राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है और यह अरावली पर्वत श्रृंखला पर बना हुआ है. इस किले को सवाई राजा जयसिंह द्वितीय ने बनवाया था. यह रानियों के लिए बनाया गया था. लोगों का कहना है कि यहाँ नाहर सिंह नाम के व्यक्ति की आत्मा भटकती है और यह किले के निर्माण में व्यावधान भी डालती है. हालांकि यह बहुत खूबसूरत किला है और यहां शहरवासियों के अलावा पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र है.
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चांद बावड़ी: यह बावड़ी राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है. 9वीं शताब्दी में निर्मित इस बावडी का निर्माण गुर्जर प्रतिहार वंश के राज मिहिर भोज ने कराया था जिन्हें चांद भी कहा जाता था. यह इतनी गहरी है  कि इसमें कुछ वस्तु गिर जाए तो लाना असंभव है. वैसे तो यहां कोई भूत की उपस्थिति नहीं बताता लेकिन लोग कहते है इसे भूतों ने बनवाया था. आप सीढ़िया उतरते जाएंगे उतना ही आपको डर लगने लगेगा. माना जाता है कि यह दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी है. जो चारों ओर से लगभग 35 मीटर चौडी है तथा इस बावडी में ऊपर से नीचे तक पक्की सीढियाँ बनी हुई हैं.
चांद बावड़ी: यह बावड़ी राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है. 9वीं शताब्दी में निर्मित इस बावडी का निर्माण गुर्जर प्रतिहार वंश के राज मिहिर भोज ने कराया था जिन्हें चांद भी कहा जाता था. यह इतनी गहरी है कि इसमें कुछ वस्तु गिर जाए तो लाना असंभव है. वैसे तो यहां कोई भूत की उपस्थिति नहीं बताता लेकिन लोग कहते है इसे भूतों ने बनवाया था. आप सीढ़िया उतरते जाएंगे उतना ही आपको डर लगने लगेगा. माना जाता है कि यह दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी है. जो चारों ओर से लगभग 35 मीटर चौडी है तथा इस बावडी में ऊपर से नीचे तक पक्की सीढियाँ बनी हुई हैं.
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ब्रिज भवन: यह राजस्थान के कोटा शहर में है जो अंग्रेजों के समय से बनी हुई है जो अभी होटल है. कहा जाता है अंग्रेजों के मेजर और उनका परिवार यहां रहा करता था. एक विद्रोह में उन्हें और उनके परिवार को यहां मार डाला था. इसके बाद से यहां उनकी आत्मा घूमती है. होटल में रुकने वाले लोगों ने भी यहां ऐसा कुछ होने का अहसास हुआ है. लोग यह भी कहते है कि यहां के गार्ड को ड्यूटी के समय आत्मा सोने नहीं देती है.
ब्रिज भवन: यह राजस्थान के कोटा शहर में है जो अंग्रेजों के समय से बनी हुई है जो अभी होटल है. कहा जाता है अंग्रेजों के मेजर और उनका परिवार यहां रहा करता था. एक विद्रोह में उन्हें और उनके परिवार को यहां मार डाला था. इसके बाद से यहां उनकी आत्मा घूमती है. होटल में रुकने वाले लोगों ने भी यहां ऐसा कुछ होने का अहसास हुआ है. लोग यह भी कहते है कि यहां के गार्ड को ड्यूटी के समय आत्मा सोने नहीं देती है.

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