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Happy New Year 2024: नए साल पर घूमने के लिए कोटा की ये लोकेशन हैं बेस्ट, यादगार हो जाएगा 'न्यू ईयर' सेलिब्रेशन
Best Places To Visit In Kota: कोटा में मथुराधीश जी का मंदिर सबसे प्राचीन है. राजस्थान में ही नहीं देशभर के कृष्ण भक्तों के लिए मथुराधीश जी का मंदिर सबसे प्रमुख स्थान है और यह प्रथमपीठ भी है.
![Best Places To Visit In Kota: कोटा में मथुराधीश जी का मंदिर सबसे प्राचीन है. राजस्थान में ही नहीं देशभर के कृष्ण भक्तों के लिए मथुराधीश जी का मंदिर सबसे प्रमुख स्थान है और यह प्रथमपीठ भी है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/12/20/97bca99c2b183417baf52a13a752f52e1703055327931489_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
(कोटा के इन जगहों पर करें नए साल का सेलिब्रेशन)
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![New Year 2024: साल 2024 के स्वागत के लिए लोग अपनी-अपनी तरह से तैयारी कर रहे हैं. राजस्थान के कई शहर नए साल पर घूमने के लिए बेहद ही खास है. इन शहरों में तेजी से पर्यटन नगरी के रूप में उभर कर सामने आए कोटा शहर लोगों की पहली पसंद बन गया है. यहां एक तरफ प्राकृतिक सौंदर्य है तो दूसरी तरफ धार्मिक नगरी के रूप में भी यह अपनी पहचान रखता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/12/20/e1c641c5b63fe6e1ed2ca443d2591c2c5963e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
New Year 2024: साल 2024 के स्वागत के लिए लोग अपनी-अपनी तरह से तैयारी कर रहे हैं. राजस्थान के कई शहर नए साल पर घूमने के लिए बेहद ही खास है. इन शहरों में तेजी से पर्यटन नगरी के रूप में उभर कर सामने आए कोटा शहर लोगों की पहली पसंद बन गया है. यहां एक तरफ प्राकृतिक सौंदर्य है तो दूसरी तरफ धार्मिक नगरी के रूप में भी यह अपनी पहचान रखता है.
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![इसके साथ ही यहां हुए डेवलपमेंट के काम आधुनिकता के रंग में नजर आते हैं. कोटा शहर की बात करें तो यहां घूमने की हर वह चीज है, जो एक परिवार को चाहिए. यहां हर तरह का शख्स घूमने का भरपूर आनंद ले सकता है. ऐसे में अगर 2024 में आप धार्मिक स्थलों पर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो कोटा में मथुराधीश जी का मंदिर सबसे प्राचीन है. राजस्थान में ही नहीं देशभर के कृष्ण भक्तों के लिए मथुराधीश जी का मंदिर सबसे प्रमुख स्थान है. यह प्रथमपीठ है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/12/20/d95daa05d355ebf8ec1605cc836d75fccaa13.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसके साथ ही यहां हुए डेवलपमेंट के काम आधुनिकता के रंग में नजर आते हैं. कोटा शहर की बात करें तो यहां घूमने की हर वह चीज है, जो एक परिवार को चाहिए. यहां हर तरह का शख्स घूमने का भरपूर आनंद ले सकता है. ऐसे में अगर 2024 में आप धार्मिक स्थलों पर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो कोटा में मथुराधीश जी का मंदिर सबसे प्राचीन है. राजस्थान में ही नहीं देशभर के कृष्ण भक्तों के लिए मथुराधीश जी का मंदिर सबसे प्रमुख स्थान है. यह प्रथमपीठ है.
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![इसके साथ ही बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ खड़े गणेश जी मंदिर भी बेहद खास है. नए साल की पहली शुरूआत गणेश जी की पूजा-अर्चना के साथ की जा सकती है. यहां पर खाना बनाने की सुविधा के साथ ही ठहरने तक की व्यवस्था की गई है. वहीं दूसरी ओर गोदावरी धाम चंबल के तट पर बसा हुआ एक प्राचीन मंदिर है. यहां पर भी दर्शन करके नव वर्ष की शुरूआत की जा सकती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/12/20/63a02407d4eebe21d7ad38d16584f63f63881.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसके साथ ही बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ खड़े गणेश जी मंदिर भी बेहद खास है. नए साल की पहली शुरूआत गणेश जी की पूजा-अर्चना के साथ की जा सकती है. यहां पर खाना बनाने की सुविधा के साथ ही ठहरने तक की व्यवस्था की गई है. वहीं दूसरी ओर गोदावरी धाम चंबल के तट पर बसा हुआ एक प्राचीन मंदिर है. यहां पर भी दर्शन करके नव वर्ष की शुरूआत की जा सकती है.
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![इसके अलावा कोटा में प्राचीन मंदिरों में कर्णेश्वर धाम है जो भारत भूमि के नाम से भी जाना जाता है, जिससे भारत देश का नाम रखा गया है. चंबल के तट पर बने गराडिया महादेव, गेपरनाथ महादेव, केशवरायपाटन के साथ ही एक दर्जन से अधिक मंदिर चंबल तट पर बने हुए हैं. कोटा शिक्षा नगरी के साथ ही धार्मिक नगरी के रूप में भी जानी जाती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/12/20/54cf6e5ed1e346881b94b6c21fc5237afcba4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसके अलावा कोटा में प्राचीन मंदिरों में कर्णेश्वर धाम है जो भारत भूमि के नाम से भी जाना जाता है, जिससे भारत देश का नाम रखा गया है. चंबल के तट पर बने गराडिया महादेव, गेपरनाथ महादेव, केशवरायपाटन के साथ ही एक दर्जन से अधिक मंदिर चंबल तट पर बने हुए हैं. कोटा शिक्षा नगरी के साथ ही धार्मिक नगरी के रूप में भी जानी जाती है.
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![वहीं प्राचीन मंदिरों में चंद्रेश्वर मठ, तलवंडी का राधा कृष्ण मंदिर, चंबल तट पर चांदमारी बालाजी, स्टेशन पर श्री राम मंदिर के साथ ही अनेक मंदिर यहां देखने को मिलते हैं. नए साल पर घूमने के लिहाज से कोटा शहर में कई ऐसे स्थल है जो आपको रोमांचित कर देंगे. वॉटर स्पोर्ट्स के साथ ही प्रकृति की गोद में पूरा कोटा शहर बसा हुआ है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/12/20/cf62f92af02643b4c4eb28faecf1483bb5670.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वहीं प्राचीन मंदिरों में चंद्रेश्वर मठ, तलवंडी का राधा कृष्ण मंदिर, चंबल तट पर चांदमारी बालाजी, स्टेशन पर श्री राम मंदिर के साथ ही अनेक मंदिर यहां देखने को मिलते हैं. नए साल पर घूमने के लिहाज से कोटा शहर में कई ऐसे स्थल है जो आपको रोमांचित कर देंगे. वॉटर स्पोर्ट्स के साथ ही प्रकृति की गोद में पूरा कोटा शहर बसा हुआ है.
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![शहर के अंदर ही आपको चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई देगा. मां चर्मण्यवति के आशीर्वाद से यहां पर जल जंतुओं की अठखेलियां देखी जा सकती है. यहां पर मगरमच्छ, घड़ियाल, ऊदबिलाव, पैंथर, टाइगर, भालू, सांप, हिरण, चीतल, नीलगाय सहित कई जीव जंतु देखे जा सकते हैं. इसके साथ ही चंबल रिवर फ्रंट, सिटी पार्क, चंबल गार्डन, सेवन वंडर जहां पर बद्रीनाथ की दुल्हनिया फिल्म की शूटिंग हुई, किशोर सागर तालाब, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व, शिवाजी पार्क, भीतरीय कुंड, गणेश उद्यान, छत्र विलास उद्यान पर भी घूमा जा सकता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/12/20/9d82a12ee340af2d98544892a07f096a9b82e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
शहर के अंदर ही आपको चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई देगा. मां चर्मण्यवति के आशीर्वाद से यहां पर जल जंतुओं की अठखेलियां देखी जा सकती है. यहां पर मगरमच्छ, घड़ियाल, ऊदबिलाव, पैंथर, टाइगर, भालू, सांप, हिरण, चीतल, नीलगाय सहित कई जीव जंतु देखे जा सकते हैं. इसके साथ ही चंबल रिवर फ्रंट, सिटी पार्क, चंबल गार्डन, सेवन वंडर जहां पर बद्रीनाथ की दुल्हनिया फिल्म की शूटिंग हुई, किशोर सागर तालाब, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व, शिवाजी पार्क, भीतरीय कुंड, गणेश उद्यान, छत्र विलास उद्यान पर भी घूमा जा सकता है.
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![कोटा शहर में हर व्यक्ति के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं. यहां पर बड़े होटल के साथ ही रुकने के लिए कई समाजों की धर्मशालाएं और हॉस्टल भी है. इसके अलावा यहां पर राजस्थानी खाने के अलावा चायनीज, गुजराती, पंजाबी, साउथ इंडियन खाने का लुफ्त भी लिया जा सकता है. कोटा की कचोरी, कोटा के नमकीन, कोटा की मिठाइयां, राजस्थानी दाल बाटी चूरमा का मजा भी यहां लिया जा सकता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/12/20/a8ff13d8b13ed3c8592f2c574135324fe69e7.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कोटा शहर में हर व्यक्ति के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं. यहां पर बड़े होटल के साथ ही रुकने के लिए कई समाजों की धर्मशालाएं और हॉस्टल भी है. इसके अलावा यहां पर राजस्थानी खाने के अलावा चायनीज, गुजराती, पंजाबी, साउथ इंडियन खाने का लुफ्त भी लिया जा सकता है. कोटा की कचोरी, कोटा के नमकीन, कोटा की मिठाइयां, राजस्थानी दाल बाटी चूरमा का मजा भी यहां लिया जा सकता है.
Published at : 20 Dec 2023 12:59 PM (IST)
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