Rajasthan: 780 साल पुराने बूंदी शहर में है ऐतिहासिक फोर्ट, दीदार के लिए देश-विदेश से आते हैं पर्यटक, देखिए किले की शानदार तस्वीरें
राजस्थान के ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों में से एक बूंदी (Bundi) भी है. यह राजस्थान का एक प्रमुख जिला है जो अपने कई शानदार महलों, राजसी किलों के लिए जाना जाता है. यह क्षेत्र कई वीरता की लड़ाइयों और पौराणिक इतिहास का गवाह बना है. बूंदी की सबसे खास बात यह है कि पर्यटन स्थल के साथ बावड़ियां, झीलों और झरनों जैसे प्राकृतिक आकर्षणों से सजा हुआ है. 780 साल पुराने इस बूंदी शहर में पहाड़ी पर फोर्ट भी बना हुआ है. जिसमें विश्व प्रसिद्ध चित्र शैली सहित कई देखने लायक चीजें हैं. इस किले को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक हर साल हजारो की तादाद में यहां आते है.
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View In Appशहर के बाल चांद पाडा स्थित तारागढ़ फोर्ट 1354 में बनाया गया था. बूंदी की स्थापना 1242 ई. में बूंदा मीणा, राव देवा द्वारा की गई थी, और उसी दौरान इस विशाल किले का निर्माण भी किया गया था.
अरावली की पहाड़ी पर स्थित यह किला बूंदी शहर के मनोरम और मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है. जो भी पर्यटक इस किले को देखता है तो इस विशेषताओं की सराहना करता है.
हाथी पोल बूंदी फोर्ट का एक प्रवेश द्वार है. महल में खड़ी चढ़ाई के अंत में दो विशाल दरवाजे देख सकते हैं. इसको हाथी पोल कहते हैं. हाथी पोल में दो हाथी की प्रतिमा बनी हुई है जिससे दरवजा बना हुआ है.
फोर्ट में भारतीय पुरातत्व विभाग की विश्व प्रसिद्ध चित्र शैली भी मौजूद है. जिसे देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक आते हैं. महल देखने के बाद सीधा विश्व प्रसिद्ध चित्र शैली के लिए रास्ता निकल जाता है. हालांकि चित्र शैली देखने के लिए पर्यटक को कोई पैसा देना नहीं पड़ता क्योंकि पुरातत्व विभाग ने चित्र शैली को निशुल्क किया हुआ है. जबकि महल के अन्य भागों में नियम अनुसार टिकट लेकर ही विरासत को देखने का मौका मिलता है. इस चित्र शैली में कई प्रकार के कला चित्र बने हुए हैं जो आपको कहीं पर भी देखने को नहीं मिलेंगे.
बूंदी शहर के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं जो निजी और सरकारी तौर पर दोनों के द्वारा संचालित की जाती हैं. यहां कोई हवाई अड्डा नहीं है. हाइवे यात्रा के लिए पहले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जयपुर आना पड़ेगा. यहां से बूंदी 250 किलोमीटर दूर है. वहां से टैक्सी या रोडवेज के माध्यम से बूंदी आ सकते हैं. इसी तरह ट्रेन से भी आप बूंदी पहुंच सकते हैं.
बादल महल अनिरुद्ध महल देखने के बाद परिसर में झूला चौक भी स्थित है इस झूला चौक में पत्थर का विशाल झूला बना हुआ है जिसमें राजाओं के जमाने में यहां रानियां झूला करती थी उनके साथ उनकी अनुयाई भी रहती थी आमतौर पर यह आम नागरिकों के लिए बंद रहता था लेकिन अब इसे खोल दिया गया है.
देश के कई बड़े शहरों में कोटा के रेलवे स्टेशन का नाम आता है. यहां देश के सभी रेलवे स्टेशन की कनेक्टिविटी है. ऐसे में कोटा केवल बूंदी से 40 किलोमीटर दूर है.
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