Shivpuri Dham In Kota: राजस्थान के इस धाम में हैं शिव का अनोखा संसार, नागा साधु के प्रण से हुई भव्य धाम की स्थापना
Shivpuri Dham In Kota: भगवान भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है. भगवान शिव के हर एक धाम का ना सिर्फ अपना अलग महत्व है बल्कि श्रद्धालुओं की प्रगाढ़ आस्था सभी धामों की महत्वता का बखान भी कर देती है. आज हम भगवान शिव के एक ऐसे ही धाम के बारे में आपको बताएंगे जहां देवों के देव महादेव का एक अलग ही रूप दिखता है. हम बात कर रहे हैं राजस्थान के कोटा में स्थित सहस्त्रशिवलिंग धाम की. इस धाम के ना सिर्फ राजस्थान के बल्कि पूरे देश के शिवभक्तों में विशेष मान्यता है. यहां हर साल भारी संख्या में शिवभक्त शिवलिंग के दर्शन पूजन के लिए आते हैं.
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View In AppShivpuri Dham In Kota: भगवान भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है. भगवान शिव के हर एक धाम का ना सिर्फ अपना अलग महत्व है बल्कि श्रद्धालुओं की प्रगाढ़ आस्था सभी धामों की महत्वता का बखान भी कर देती है. आज हम भगवान शिव के एक ऐसे ही धाम के बारे में आपको बताएंगे जहां देवों के देव महादेव का एक अलग ही रूप दिखता है. हम बात कर रहे हैं राजस्थान के कोटा में स्थित सहस्त्रशिवलिंग धाम की. इस धाम के ना सिर्फ राजस्थान के बल्कि पूरे देश के शिवभक्तों में विशेष मान्यता है. यहां हर साल भारी संख्या में शिवभक्त शिवलिंग के दर्शन पूजन के लिए आते हैं.
कोटा के शिवपुरी धाम के नाम से मशहूर सहस्रशिवलिंग धाम की भक्तों में विशेष मान्यता है. यहां भगवान शिव के 1008 नाम के छोटे छोटे शिवलिंग भी स्थापित हैं.
भगावन शिव के इस धाम को लेकर एक कथा भी प्रचलित है. इस कथा में शिवपुरी धाम के प्राचीन महत्व और कैसे इस धाम का निर्माण हुआ, इस बारे में बताया गया है.
प्राचीन मान्यता के मुताबिक शिवपुरी धाम की स्थापना के पीछे एक नागा साधु रामपुरी जी का प्रण है. एक बार साधु रामपुरी जी नेपाल के पाशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन के लिए गए थे. वहां उन्होंने अनेकों शिवलिंग और धाम की भव्यता देखी तो मुग्ध हो गए.
इसके बाद उन्होंने प्रण लिया था कि वो शिवपुरी में भी सहस्त्र शिवलिंग की स्थापना करेंगे. वहीं इसके अलावा शिवपुरी धम को लेकर कहा जाता है कि यहां पर आदिदेव महादेव ने ब्रह्मा और विष्णु जी के अहंकार को तोड़ा था.
ये विशाल शिवलिंग उसी प्रकरण की स्मृति है. शिवभक्तों में मान्यता है कि यहां दर्शन करने वाले को सहस्त्र शिवलिंग की पूजा का फल मिल जाता है.
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