Ramdev Mela 2022: रामदेवरा मेले में पैदल पहुंच रहे हजारों भक्त, यहां मुख्यमंत्री भी झुकाते हैं सिर, देखें तस्वीरें
Ramdev Mela 2022: राजस्थान (Rajasthan) में विख्यात लोक देवता बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की समाधि का दर्शन करने के लिए देश भर से हजाराें भक्त रामदेवरा (Ramdevra) पहुंच रहे हैं. यहां हर साल भादवा माह में सालाना मेले का भव्य आयोजन होता है. इस मेले में देश भर के लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इस साल लगने वाला 638वां मेला आगामी 29 अगस्त से 7 सितंबर तक आयोजित होगा. प्रशासनिक अनुमान के मुताबिक, इस बार 35 लाख से अधिक श्रद्धालु आने की संभावना है.
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View In Appहिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दूज से एकादशी तक रामदेवरा मेला आयोजन होता है. भादवा माह की शुरूआत होते ही दूरदराज से सभी धर्मों के भक्त सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर मंदिर पहुंचते हैं और बाबा का दर्शन कर शीश नवाते हैं. दर्शन के लिए मंदिर के बाहर सैकड़ों भक्तों को लंबी-लंबी कतारों में देखा जा सकता है. यह मंदिर जैसलमेर जिले पोकरण के निकट रुणिचा धाम में है, जिसे रामदेवरा भी कहा जाता है.
कोरोना महामारी के कारण बीते दो साल रामदेवरा मेला आयोजन नहीं हो सका था. इस बार दो साल बाद आयोजित हो रहे मेले को लेकर भक्तों में उत्साह दिखाई दे रहा है. ऐसे में इस साल अधिक संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद है. प्रशासन का मानना है कि 30-35 लाख भक्त मेले में शामिल होंगे. पिछले दिनों मंदिरों में हुए हादसों से सबक लेते हुए भीड़ प्रबंधन के लिए व्यापक व्यवस्था की जा रही है.
मंदिर के पास ‘सर्पिल’ (जिगजैग) कतारों का इंतजाम है, जिसमें एक साथ आठ हजार व्यक्ति चल सकते हैं. इसके बाद एक किलोमीटर की दूरी पर ऐसी ही एक और व्यवस्था की गई है, जिसमें छह कतार बनाई है. रामदेवरा मेले में राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों के अलावा देश के दूसरे राज्यों से भी बड़ी संख्या में भक्त दिन-रात पद यात्रा करते हुए मंदिर पहुंच रहे हैं.
हाल ही रामदेवरा मेले में पैदल जा रहे श्रद्धालुओं की मौत को गंभीर मानते हुए सरकार सुरक्षा को लेकर अलर्ट हाे गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सक्रिय मॉनिटरिंग करें, जिससे किसी भी तरह की संभावित दुर्घटना को रोका जा सके.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भी लोकदेवता बाबा रामदेव के प्रति गहरी आस्था है. यह दोनों दिग्गज नेता हर साल बाबा रामदेव का दर्शन करने रामदेवरा आते हैं. यहां समाधि का दर्शन कर शीश नवाते हैं.
इतिहासकारों के अनुसार तंवर राजपूत, लोकदेवता रामदेव ने रुणिचा गांव में 33 साल की उम्र में 1459 ई. में समाधि ली थी. इन्हें भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है. हिंदू, मुस्लिम, जैन, सिख और दूसरे धर्मों के लोग यहां समाधि का दर्शन करने आते हैं. बीकानेर के तत्कालीन शासक गंगा सिंह ने 1931 में समाधि के चारों ओर मंदिर बनवाया था.
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