In Pics: ॐ आकृति वाले दुनिया के पहले शिव मंदिर के उद्घाटन में शामिल हुए सीएम भजनलाल शर्मा, देखें तस्वीरें
CM Bhajanlal Sharma Visit Shiva Temple: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्री रामलला के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश में एक और भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा आज हो चुकी है.यह दुनिया में एकमात्र ॐ आकार का शिव मंदिर है. जिसका निर्माण पाली जिले की जाडन में स्थित ॐ आश्रम में किया गया है. ॐ आकर का यह मंदिर इतना भाव है कि इसे बनाने में 28 साल लग गए. इस मंदिर की नींव 1995 में रखी गई थी. इस मंदिर को बनाने का श्रेय विश्वदीप गुरुकुल के महामंडलेश्वर महेश्वरानंद महाराज को जाता है. जिन्होंने 408 एकड़ में इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया है.
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View In Appपाली जिले के गार्डन आश्रम में बने ॐ आकर के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पाली सांसद पीपी चौधरी भी पहुंचे. ॐ आकर के इस भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन सोमवार (19 फरवरी) की सुबह 9:00 बजे से ॐ आश्रम में शुरू हुआ. इसमें देव पूजन, ध्वज दंड, शिखर पूजन किया गया. इसके बाद दोपहर में भगवान की मूर्ति प्रतिष्ठा हुई. साथ ही हवन पूर्णआहुति महाआरती के बाद प्रसादी का कार्यक्रम किया गया. दोपहर बाद 12:30 से 1:30 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में बांसवाड़ा जिले के राजपुरोहित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के उपासक निकुंजमोहन पांडे और सहआचार्य पंडित कपिल त्रिवेदी की तरफ से विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को संपन्न करवाया.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ॐ आकर के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद संबोधन में कहा कि मंदिर की भव्यता देखकर मुझे खुशी हो रही है. यह मंदिर 28 साल में बना है.दुनिया का पहला ॐ आकर का शिव मंदिर है. यह भारतीय वास्तु शिल्प और स्थापत्य का समाजस्य है. हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के मंदिरों का जीणोद्धार कर रहे हैं. सनातन धर्म संस्कृति परंपरा को दुनिया में स्थापित कर रहे हैं. काशी विश्वनाथ, उत्तराखंड केदारनाथ धाम, उज्जैन का महाकालेश्वर में महाकाल मंदिर का जीणोद्धार किया गया है.
राजस्थान में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार एक सर्किट बना रही है. बेणेश्वर धाम, त्रिपुरा सुंदरी, सीता माता अभ्यारण को जोड़कर सर्किट बनाया जा रहा है. मंदिर जीणोद्धार के काम के लिए 300 करोड रुपए दिए हैं. खाटू श्याम मंदिर, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, सालासर धाम मंदिर जीणोद्धार किया गया है. महाराणा प्रताप का स्मारक बनाया जा रहा है. मीराबाई के स्मारक का विकास किया जाएगा.
महामंडलेश्वर महेश्वरानंदपुरी महाराज की तरफ से देश दुनिया में 45 हजार से ज्यादा ध्यान योग केंद्र की स्थापना की है. इन्होंने दुनियाभर के लोगों को मांसाहारी खान पान को छोड़ने के लिए प्रेरित किया है. योग और आध्यात्मिक शिक्षा दी है. एक साधारण परिवार का बच्चा कैसे स्वामी महेश्वरानंद बना यह भी कहानी इंटरेस्टिंग है.
संत महेश्वरानंद का जन्म 15 अगस्त 1945 को पाली जिले के रूपवास पुरोहितान सोजत में हुआ था. माता का नाम फूलीदेवी और पिता का नाम किसनाराम था. संत महेश्वरानंद चार भाई और तीन बहने हैं. संत महेश्वरानंद जब मात्र 9 साल की उम्र के थे. जब उन्हका स्कूल में ज्यादा मन नहीं लगता था. तब स्कूल से भाग कर जंगल में शांति की तलाश में निकल जाते थे. वहां पर बकरियां और ऊंट चराते थे. जंगल की शांति उनके मन को काफी सुकून देती थी. घर पर जब पता चला कि बेटा स्कूल से भागकर जंगल में चला जाता है. तो मां बहुत गुस्सा होती थी. स्कूल में पढ़ाई करने के लिए बोलती थी.
संत महेश्वरानंद ने बताया कि एक दिन निपाला धाम देसूरी पाली के संत माधवानंद पुरी गांव आए थे. तब मां के साथ मेने भी उनका आशीर्वाद दिया था. इस दौरान मां ने उनसे कहा कि यह पढ़ाई नहीं करता है. जंगल में चला जाता है. बकरियां-ऊंट चराता है. इस पर उन्होंने कहा कि इसे मुझे सौंप दो में इसे ऐसा बना दूंगा कि आपके परिवार को इस पर गर्व होगा. इसके बाद मां से आज्ञा मिलने पर 9 साल की उम्र में स्वामी माधवानंद पुरी के सानिध्य में निपाला धाम चले गए. गुरु के सानिध्य में रहकर योग ध्यान धर्मशास्त्र अध्यात्म की सीख ली.
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