Udaipur: 200 साल पहले कैसा दिखता था उदयपुर? तस्वीरों के जरिए फ्लैशबैक में पहुंचें
झीलों की नगरी उदयपुर, जिसे देखने के लिए देश और विदेश से लाखों पर्यटक हर साल आते हैं. यही नहीं हर साल इन पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है. (फोटो क्रेडिट- विपिन चंद्र सोलंकी)
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View In Appउदयपुर में आने वाले पर्यटक मुख्यतया फतहसागर और पिछोला झील, सिटी पैलेस और सज्जनगढ़ दुर्ग, सहेलियों की बाड़ी, बागौर की हवेली और पुराने शहर की गलियों, घाटों को देखते हैं. (फोटो क्रेडिट- विपिन चंद्र सोलंकी)
21वीं सदी में यहां कुछ बदलाव आया है, यहां भवन बन चुके है, नए ब्रिज, रास्ते सहित अन्य बदलाव हुए हैं. (फोटो क्रेडिट- विपिन चंद्र सोलंकी)
क्या आप जानते हैं पुराना उदयपुर कितना खूबसूरत हुआ करता था. आइये पुराने उदयपुर की यादें शेयर करते हैं. (फोटो क्रेडिट- विपिन चंद्र सोलंकी)
उदयपुर की स्थापना महाराणा उदयसिंह ने की थी, तब का उदयपुर कुछ और था. बुजुर्ग बताते हैं कि पिछोला झील का पानी पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. (फोटो क्रेडिट- विपिन चंद्र सोलंकी)
वैसे तो यहां का पानी अभी भी पीने के काम आता है, लेकिन वह फिल्टर होकर आता है. साथ ही शहर के एक हिस्से से दूसरे में जाने के लिए कुछ ही पुलिया थी, जो अब बढ़ गई. हाथी-घोड़े से बाहर लोग व्यापार करने के लिए आते थे. (फोटो क्रेडिट- विपिन चंद्र सोलंकी)
तस्वीरों में आप देखेंगे कि 19वीं सदी में उदयपुर का प्रमुख द्वारा बड़ी पोल कैसा दिखाई देता था. 1909 में लार्ड मिंटो का स्वागत कैसे किया गया. (फोटो क्रेडिट- विपिन चंद्र सोलंकी)
पिछोला झील से प्रसिद्ध गणगौर घाट और त्रिपोलिया कैसा दिखाई देता था. 19वीं सदी में अनावृष्टि से प्रभावित पिछोला झील में नाव चलाई जा रही है. (फोटो क्रेडिट- विपिन चंद्र सोलंकी)
यह सभी तस्वीरें 130 साल पहले शहर के बीच स्थित गुलाब बाग स्थित विक्टोरिया म्यूजियम और अब सरस्वती लाइब्रेरी से लिये गए हैं. इस पुस्तकालय में पुराने उदयपुर का भंडार है. (फोटो क्रेडिट- विपिन चंद्र सोलंकी)
कई तस्वीरे वहां रखी है जो विरासत है. यहां कई युवा पढ़ाई करने आते हैं और पुराने उदयपुर को देखते हैं. (फोटो क्रेडिट- विपिन चंद्र सोलंकी)
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