प्राइवेट स्कूल को मात देता सरकारी स्कूल, मुख्यमंत्री रहते वसुंधरा राजे कर चुकी हैं दौरा, जानें यहां ऐसा क्या है?
उदयपुर: देश में आपने कई ऐसे स्कूल देखें होंगे जिसमें छात्रों को कई लग्जरी सुविधाएं दी जा रही हैं. लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं ऐसे आदिवासी क्षेत्र के स्कूल की, जिसने 4 साल में अपनी काया पलट कर ली है. जिसके बाद यहां नामांकन डबल तो हुआ ही साथ ही 10वीं और 12वीं का नामांकन 100 प्रतिशत रहा है. यहां सीसीटीवी कैमरे, प्रोजेक्टर के साथ और भी कई भौतिक सुविधाएं मोजूद है. आपको जानकर हैरानी होगी कि, यहां के बच्चे हॉकी में नेशनल तक खेल चुके हैं. ये स्कूल उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे के उदयपुर शहर से 17 किमी दूर स्थित है जिसका नाम काया उच्च माध्यमिक विद्यालय है. 4 साल पहले जहां ना तो नामांकन था और ना ही सुविधाएं, लेकिन आज इस स्कूल की बिल्कुल कायापलट हो गई है.
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View In Appस्कूल के शारीरिक शिक्षक घनश्याम खटीक ने बताया कि जब मैं इस स्कूल में आया तब यहां स्कूल के बीच पहाड़ थे और झोपड़ियां बनी हुई थी. स्कूल की स्थिति खंडहर जैसी बनी हुई थी. फिर साल 2016 में हमने सोचा कि इस स्कूल को ऐसा स्कूल बनाना है जिसे सब याद रखें.
उन्होंने बताया कि, इस विचार के बाद मैंने गांव के लोगों से बात की, उनमें जागरूकता फैलाई, भामाशाह बनाएं और काम शुरू किया. स्कूल के चौक को लेवल में मिलाया, भवन निर्माण का काम शुरू किया, सीसीटीव कैमरे लगाए, प्रोजेक्टर लगाया जिससे बच्चे पढ़ाई करते हैं. इसके अलावा स्कूल के पीछे छोटी सी जगह थी जिसमें गार्डनिंग शुरू की गई. यहीं से पोषाहार के लिए सब्जियां ली जाती हैं.
वहीं प्रिंसिपल मोहन मेघवाल ने बताया कि यहां चुनाव कर बाल संसद भी बनाते हैं. स्कूल में बाल संसद बनाई तो पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी बच्चों को शपथ दिलाने आए थे. बता दें कि स्कूल का परिणाम सुधरे इसके लिये परीक्षा से पहले यहां के शिक्षक बच्चों के घर जाते हैं और उन्हें वहां पढ़ाते हैं.
बता दें कि स्कूल का नामांकन 4 साल पहले 400 था और अब 800 हो गया है. इसके साथ ही यहां के पहाड़ को समतल कर छोटा ग्राउंड बनाया गया, जहां पर बच्चे हॉकी की प्रैक्टिस करते हैं. स्कूल से अब तक 11 बच्चे नेशनल हॉकी भी खेल चुके हैं.
वहीं सुरक्षा के लिए 14 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. साथ ही हर साल बच्चों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाता है और बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रोजेक्टर लगाया गया है. होली, दिवाली, जन्माष्टमी सहित अन्य त्यौहार भी स्कूल में मनाएं जाते हैं.
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