Valentine Week 2023: ब्लाइंड स्कूल से दोस्ती, 14 साल तक अटूट प्यार, अब 25 फरवरी को दिव्यांग जोड़ा रचाएगा शादी
कहते हैं प्यार अंधा होता है यानी किसी को देखे बिना सिर्फ अहसास से दिल में एक दूसरे को प्यार हो जाता है. खूबसूरती या बैकग्राउंड मायने नहीं रखती. इस कहावत को उदयपुर संभाग के डूंगरपुर निवासी युवक-युवती ने सच कर दिखाया है. दोनों आंख से नहीं देख सकते. 14 साल का दोनों के बीच अटूट प्यार अब आखिरी अंजाम तक पहुंचनेवाला है. 25 फरवरी को 25 साल के महेंद्र मीणा और 23 साल की कलावती एक दूजे को हो जाएंगे. दोस्ती की शुरुआत ब्लाइंड स्कूल से हुई थी. दोस्ती प्यार में कब बदली दोनों को पता ही नहीं चला.
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View In Appमहेंद्र मीणा और कलावती डूंगरपुर जिले के स्वामी विवेकानंद ब्लाइंड स्कूल में पढ़ते थे. स्वामी विवेकानंद ब्लाइंड स्कूल में 8वीं तक की पढ़ाई होती है. पढ़ाई में दो साल जूनियर कलावती की महेंद्र मीणा से 2008 में दोस्ती हुई. दोस्ती की शुरुआत स्कूल में बातचीत से हुई. काम होने पर दोनों एक दूसरे की सहायता करते. महेंद्र बताते हैं कि कुछ सोचा नहीं था कि लाइफ आगे कहां जाएगी. बस कलावती से बात करना अच्छा लगता था.
वर्ष 2013 में 8वीं पास करने के बाद महेंद्र मीणा उदयपुर के ब्लाइंड स्कूल में पढ़ाई करने आ गए. 12वीं करने के बाद कलावती जोधपुर के ब्लाइंड स्कूल चली गई. उसकी बड़ी के पास मोबाइल फोन था. इसलिए कभी-कभार दोनों के बीच फोन पर बात हो जाती थी. महेंद्र ने 2वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद एसटीसी की और कलावती ने डुंगपुर के कॉलेज में एडमिशन लिया. वर्ष 2017 से दोनों को ज्यादा करीब आने का मौका मिला. महेंद्र के गांव से कलावती के गांव की दूरी डेढ़ घंटे की है. गांव में मंदिर होने की वजह से कलावती परिवार के साथ आती.
कलावती के आने का पता चलने की जानकारी पर महेंद्र का कहना है कि आवाज से दोनों एक दूसरे के पास आकर बात करते. बातचीत का सिलसिला मोबाइल पर चलने लगा. कलावती बताती हैं कि महेंद्र से बात करना बहुत अच्छा लगता था. पिता की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजहब से कलावती की एसटीसी की फीस महेंद्र ने जमा कराई. कलावती का कहना है कि प्यार होने के बाद शादी की नौबत पर पिता ने कदम पीछे खिंचे. शायद आर्थिक स्थिति कारण रही होगी. समझाने के बाद पिता मान गए. मां का पहले ही निधन हो चुका था.
पिता को उदयपुर में नारायण सेवा संस्थान की तरफ से दिव्यांगों का निशुल्क विवाह कराने की जानकारी मिली. फॉर्म भरने के बाद अब 25 फरवरी को शादी होने वाली है. महेंद्र से पूछा गया कि बिना देखे कलावती से प्यार कैसे हो गया. उन्होंने कहा कि इसका जवाब नहीं है. प्यार हो जाता है. महेंद्र कार्यक्रमों में ढोलक बजाने और गायन का काम करते हैं. ढोल बजाने और गाने के 400 रुपए एक रात का मिल जाता है. रीट की परीक्षा क्लियर होने के बाद महेंद्र आगे की तैयारी में जुटे हैं.
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