In Pics: फंड नहीं होने से आगरा में ठप पड़ा इस म्यूजियम का काम, CM योगी ने बदला था नाम, देखें बदहाली की तस्वीरें
आगरा में निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम खंडहर का रूप लेता नजर आ रहा है. फंड जारी नहीं होने की वजह से काम ठप पड़ा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 2020 में मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर बड़े जोर शोर से छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर किया था.
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View In Appनामकरण से लेकर अब तक म्यूजियम के लिए फूटी कौड़ी भी जारी नहीं हुई है. आज निर्माणाधीन म्यूजियम कबाड़ से ज्यादा कुछ नजर नहीं आ रहा है. एबीपी गंगा की टीम के दौरे में म्यूजियम की बदहाली की तस्वीर उजागर हुई.
सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम के लिए लाया गया सामान जंग खा रहा है. स्केफोल्डिंग जगह-जगह से खराब हो चुकी है. जगह-जगह कंक्रीट पर पेड़ उग आए हैं.
मुगलों की विरासत को पर्यटकों और आम जन तक पहुंचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने करीब 10 बीघा में म्यूजियम बनाने का फैसला किया था. 2016 के जून महीने में म्यूजियम निर्माण का काम शुरू हुआ.
शुरुआती बजट 141.89 करोड़ रखा गया. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने लगभग दो तिहाई बजट जारी भी कर दिया. उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने देश की नामी-गिरामी कंपनी टाटा कंस्ट्रंक्शंस को निर्माण का जिम्मा सौंपा. लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ पूरे प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गए.
साल 2020 में आगरा मंडल की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रख दिया. मुख्यमंत्री योगी ने तर्क दिया कि शिवाजी महाराज का आगरा से ऐतिहासिक नाता रहा है.
ऐसे में मुगलों की दास्तां से हटकर जनता और पर्यटक शिवाजी महाराज की शौर्य गाथा को जानें. लेकिन नाम बदलने की सियासत काम पर भारी पड़ी. आज भी म्यूजियम का प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ है. केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी को निर्माणाधीन म्यूजियम की बदहाली से रूबरू कराया गया.
उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया. स्थानीय विधायक डॉ जी एस धर्मेश ने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए जल्द केंद्र और प्रदेश नेतृत्व से मिलने वाले हैं.
आगरा के टूरिज्म उद्योग को म्यूजियम पंख लगा सकता है. उसके प्रति उत्तर प्रदेश सरकार का उदासीन रवैया कई सवाल खड़े करता है.
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