Shardiya Navratri 2022: आगरा में मौजूद हैं देवी मां के कई ऐतिहासिक मंदिर, दर्शनमात्र से भक्तों की हर मुराद होती है पूरी
Shardiya Navratri 2022: आगरा (Agra) को मुगल शासनकाल के दौरान सबसे विकसित शहरों में शुमार किया जाता था और इसे सत्ता का केंद्र भी कहा जाता था. इस शहर के अंदर और आसपास ना सिर्फ मुगल काल की याद दिलाती इमारतों की एक बड़ी संख्या है बल्कि दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल सदियों से इस शहर की शान बढ़ाता रहा है. लेकिन इस सबके बीच यहां हिंदू धार्मिक स्थलों की भी कोई कमी नहीं है. यहां ना सिर्फ देवी मां के कई ऐतिहासिक मंदिर मौजूद हैं बल्कि त्योहारों के दौरान इन मंदिरों में भक्तों की एक बड़ी भीड़ दर्शनों के लिए पहुंचती है. आज आगरा के कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में आपको बताएंगे जहां आप मां काली का आशीर्वाद हासिल कर सकते हैं.
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View In Appकाली माता मंदिर - यमुना बैंक रोड पर मां काली का ये मंदिर 70 साल पुराना है. मां काली की विशाल प्रतिमा मंदिर के अंदर मौजूद है. मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको बिजलीघर चौराहा से आगे की तरफ जाना होगा. हालांकि स्ट्रेची ब्रिज से गुजरने के दौरान भी राहगीर मां के दर्शन करके ही जाते हैं.
कालीबाड़ी मंदिर - बात कर रहे हैं नूरी दरवाजा इलाके में मौजूद कालीबाड़ी मंदिर की. इस मंदिर में मां काली की प्रतिमा स्थापित है और इसे दो सौ साल पुराना माना जाता है. इस मंदिर को द्वारिकानाथ ब्रह्मचारी ने स्थापित किया था. वक्त के साथ साथ ना सिर्फ इस मंदिर की ख्याति भक्तों के बीच बढ़ी बल्कि आज के वक्त में हर रोज भक्तों की एक बड़ी संख्या यहां दर्शन के लिए पहुंचती है. हर शनिवार को यहां मां काली की बड़ी पूजा का आयोजन किया जाता है. कालीबाड़ी मंदिर में पहुंचने के लिए आपको आगरा के सेंट जोंस चौराहा से फव्वारा मार्ग की तरफ जाना होगा. इसके अलावा आप राजा की मंडी चौराहा से नूरी दरवाजा की तरफ जाते वक्त भी मंदिर जा सकते हैं.
कामाख्या देवी मंदिर - हाथीघाट पर मौजूद मां कामाख्या देवी मंदिर है में देवी के नौ स्वरूप के दर्शन होते हैं. करीब 70 साल पुराने इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. नवविवाहित दंपति शादी के बाद यहां मां का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते रहे हैं. जीवनी मंडी से मंदिर के लिए सीधा रास्ता है.
चामुंडा देवी मंदिर - राजा की मंडी स्टेशन पर रेलवे लाइन के बिल्कुल किनारे मौजूद है. रेलवे स्टेशन पर मौजूद इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त तो आते ही हैं बल्कि यात्री भी यहां दर्शन करते हैं.
शक्ति सुशील मंदिर - बल्केश्वर चौराहे के पास मौजूद शक्ति सुशील मंदिर में मां वैष्णो देवी के भक्तों की एक बड़ी तादाद पहुंचती है. साल 1960 में स्थापित इस मंदिर में दर्शनों के लिए भक्त कई राज्यों से यहां पहुंचते हैं. मान्यता है कि मंदिर में गुड्डा अर्पित करने वाली कन्याओं को अच्छा वर और गुडिय़ा चढ़ाने वाले लड़कों को अच्छी पत्नी मिलती है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको वाटर वर्क्स चौराहा से आगे की तरफ जाना होगा .
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