अयोध्या में बारिश के बाद बिगड़े हालात, कहीं चल रहे पंप तो कहीं जेसीबी से ठीक हो रही रोड, तस्वीरें खोल रहीं विकास की पोल
जैसे-जैसे मानसून दस्तक दे रहा है वैसे-वैसे अयोध्या के विकास के दावे पर सवाल खड़ा हो रहा है मंगलवार रात्रि और बुधवार को हुई बारिश के बाद रामपथ और श्री राम जन्मभूमि मंदिर को जाने वाला जन्मभूमि पथ जलमग्न हो गया.
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View In Appवहीं आस पास की कालोनियां जलमग्न हो गई अब इसको लेकर लोग परेशान हो रहे है तो कुछ संस्थाएं और संगठन प्रेस कर अयोध्या के विकास मॉडल पर सवाल खड़ा कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अयोध्या नगर निगम की मेयर अपनी कोशिशें और प्रयास को लेकर अपनी ही पीठ थपथपा रहे हैं.
श्री राम जन्मभूमि और मंदिर को जाने वाले जन्मभूमि पथ पर लगभग 2 फीट तक पानी भर गया यही नहीं नाली का गंदा पानी भी बारिश के साथ बहने से अयोध्या वासियों और राम भक्तों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
श्री राम मंदिर से सटे श्री राम अस्पताल में भी पानी भर गया और सबसे बुरा हाल जलवानपूरा समेत श्री राम मंदिर के आसपास बसी कॉलोनियों का रहा जहां लगभग 3 फीट तक पानी भर गया और लोगों के घरों के सामान तैरने तक लगे सुनिए मंदिर आंदोलन और शिवसेना से जुड़े रहे संतोष दुबे किस तरह व्यवस्था को लेकर भड़के हुए है.
धर्म सेना के अध्यक्ष संतोष दूबे ने कहा कि यह हाइटेक सिटी नहीं यू कहा जाए जलटेक सिटी बनने वाली है जल में तैरने वाली अयोध्या द्वारिका पुरी अंदर जाइए डुबकी लगाइए फिर ढूंढ कर आइए कहां रामलला है और कहां हनुमानगढ़ी है यह स्थिति है बना दी गई है सारी सड़के टूट गई है.
दूबे ने कहा कि अयोध्या की वही तोड़ी जाती है वही बनाई जाती हैं तोड़ी जाती है बनाई जाती है तो पानी बह नहीं रहा है पानी जाम हो गया है सारे नाले चोक हो गए हैं विधायक सांसद सब मगन है अपने में विधायक तो मगन रहने वाला आदमी है उसको कोई मतलब नहीं है सांसद जी चले गए अच्छे आदमी थे लेकिन जाना पड़ा चले गए.
उन्होंने कहा कि अयोध्या कोई हाईटेक सिटी नहीं बन पाएगी अयोध्या रामलला की कृपा से पौराणिक सिटी रहेगी एक दिन यह स्थिति रहेगी मां सरयू बढ़ेगी और जितना यह विकास का नकली भांडा है वह फोड़ देगी और फूट रहा है क्योंकि यहां के लोकल जनप्रतिनिधि उपेक्षा कर रहे हैं .
अयोध्या नगर निगम के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी जल निकासी को लेकर अपनी अलग थ्योरी समझाते हैं और यह बताने की कोशिश करते हैं कि अयोध्या नगर निगम जल निकासी को लेकर कितना गंभीर है. वह अपने द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी बताते हैं लेकिन यह नहीं बताते की जब मानसून आने वाला था तो उसको लेकर आने वाली समस्याओं को लेकर पहले से कोई योजना क्यों नहीं तैयार की गई.
अयोध्या नगर निगम के मेयर गिरीशपति त्रिपाठी अयोध्या की भौगोलिक स्थिति को समझाया. उन्होंने कहा कि जो राम कोट का एरिया है सड़क के उस तरफ बाएं हाथ का एरिया है वह ऊपर है इधर वाला लाइन नीचे है स्वाभाविक प्राकृतिक फ्लो था जल का वह सारा पानी जलवानपुरा इस तरफ आता था पारंपरिक जल निकासी की व्यवस्थाएं जलवानपुरा में वह पानी स्टोर होता था वहां पर आता था वह क्षेत्र क्षीर सागर था. यह पूरी दुनिया जानती है फिर उसके बाद क्या हुआ.
उन्होंने कहा कि वहां पर कॉलोनी बन गई अब वहां पर पंप पानी निकलवाने की समस्याएं आई नगर निगम वहां पर लगातार दो पंप सर्विस कर रखा है पानी हम लोग निकालते हैं पानी निकालने की उसकी एक सीमा है पानी उस हिसाब से नहीं निकल पाता इस वजह से वहां पर वॉटर लॉगिंग इन सब चीजों को देखते हुए अयोध्या विकास प्राधिकरण के माध्यम से एक बड़ी परियोजना वहां पर चलाई जा रही है जो एक यहां से पाइपलाइन सीधे पाइप रामघाट नाला तक गई हुई है.
मेयर ने कहा कि यहां से पानी पंप द्वारा वहां पर सीधे जा सके यह परियोजना पूर्ण होने वाली है लेकिन जो स्थानीय लोग हैं जिनका वहां पर भूमि पर अधिकार है उन लोगों ने हाई कोर्ट से वहां पर स्टे ले रखा है इसलिए माननीय उच्च न्यायालय का आदेश है इसलिए सरकारी एजेंसियों के भी हाथ बंधे हुए हैं
मेयर ने कहा कि हमारी जो कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक थी जिसमें नगर निगम , जिसमें जल निगम , पी डब्लू डी , प्रशासन के लोग , इन सारे लोगों के साथ बैठकर कुछ एक रास्ता वहां के लिए निकाला गया है
मेयर ने कहा कि वह रास्ता भी एक-दो दिन में आप सबको दिखाई पड़ेगा लेकिन इन बिटवीन वहां पर लगातार नगर निगम अपने पंप लगाकर पानी निकलवा रहा है और यह प्रयास कर रहा है कि वहां पर रहने वाले लोगों को कोई दिक्कत ना हो .
अयोध्या में बीते दो दिनों से बारिश जारी है. कई इलाके जहां जलमग्न हैं. वहीं अयोध्या आए श्रद्धालुओं को भी काफी दिक्कत हो रही है.
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