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Maa Annapurna Temple: काशी का वो प्राचीन मंदिर जहां दर्शन करने से घर में कभी नहीं होती अन्न की कमी, जानिए मां अन्नपूर्णा की कहानी
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माता अन्नपूर्णा मंदिर
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![Maa Annapurna Temple: यूपी के काशी को धार्मिक नगरी कहा जाता है. इस शहर की गिनती दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में की जाती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि काशी शहर का जिक्र सनातन, बौद्ध और जैन धर्मों के ग्रंथों में भी निहित है. तो आज इस रिपोर्ट में हम आपको काशी के इतिहास और यहां पर बने कुछ प्राचीन मंदिरों से जुड़ी अनोखी बातें बताने जा रहे हैं जो आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी.....](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/19/9212e1bd31f2dc1b84ec201971316bb21d0e6.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Maa Annapurna Temple: यूपी के काशी को धार्मिक नगरी कहा जाता है. इस शहर की गिनती दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में की जाती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि काशी शहर का जिक्र सनातन, बौद्ध और जैन धर्मों के ग्रंथों में भी निहित है. तो आज इस रिपोर्ट में हम आपको काशी के इतिहास और यहां पर बने कुछ प्राचीन मंदिरों से जुड़ी अनोखी बातें बताने जा रहे हैं जो आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी.....
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![दरअसल सनातन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ये शहर दैवीय काल में भगवान विष्णु का शहर था. लेकिन एक बार शिवजी जब ब्रह्मा जी से गुस्सा हो गए थे तो उन्होंने पांचवा मस्तक धर से अलग कर दिया था, तब ब्रह्माजी का मस्तक शिवजी के करतल से चिपक कर रह गया. शिवजी ने इसे हटाने की कई कोशिशें की लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाए.इसके बाद जब वो काशी आए तो खुद ही ब्रह्माजी का मस्तक उनके करतल से अलग हो गया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/19/1b568ce8682d443f93e01478c150e6c771242.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
दरअसल सनातन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ये शहर दैवीय काल में भगवान विष्णु का शहर था. लेकिन एक बार शिवजी जब ब्रह्मा जी से गुस्सा हो गए थे तो उन्होंने पांचवा मस्तक धर से अलग कर दिया था, तब ब्रह्माजी का मस्तक शिवजी के करतल से चिपक कर रह गया. शिवजी ने इसे हटाने की कई कोशिशें की लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाए.इसके बाद जब वो काशी आए तो खुद ही ब्रह्माजी का मस्तक उनके करतल से अलग हो गया.
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![इसके बाद शिवजी ने काशी में रहने का मन बना लिया और भगवान विष्णु से उनको काशी देने की बात कही. फिर ये नगरी बाबा की नगर कहलाने लगी. तभी से यहां भगवान शिव का मंदिर स्थापित है. जिसे अब काशी विश्वनाथ धाम कहा जाता है. वहीं इस मंदिर से कुछ दूरी पर एक और मंदिर भी जिसका इतिहास और मान्यता पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. ये मंदिर है माता अन्नपूर्णा का. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में सबकुछ जानते हैं....](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/19/50abc438283981299271b74c2beba2b2edb0e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसके बाद शिवजी ने काशी में रहने का मन बना लिया और भगवान विष्णु से उनको काशी देने की बात कही. फिर ये नगरी बाबा की नगर कहलाने लगी. तभी से यहां भगवान शिव का मंदिर स्थापित है. जिसे अब काशी विश्वनाथ धाम कहा जाता है. वहीं इस मंदिर से कुछ दूरी पर एक और मंदिर भी जिसका इतिहास और मान्यता पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. ये मंदिर है माता अन्नपूर्णा का. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में सबकुछ जानते हैं....
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![बताया जाता है कि एक वक्त था जब पृथ्वी पर अन्न की कमी हो गई थी. जिससे लोगों में हाहाकार मच गया था. तब पृथ्वी वासियों ने त्रिदेव की उपासना की और उन्हें अन्न प्रलय के बारे में बताया. इसके बाद आदिशक्ति मां पार्वती और भगवान शिव पृथ्वी पर आए. यहां लोगों को दुखी देख मां पार्वती ने अन्नपूर्णा का स्वरूप ग्रहण किया और भगवान् शिव को दान में अन्न दिया. फिर भगवान शिव ने उस अन्न को पृथ्वी वासियों में बांट दिया. तब से माता अन्नपूर्णा मंदिर स्थापित हुआ और यहां पर माता की पूजा की जाने लगी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/19/9212e1bd31f2dc1b84ec201971316bb2c1492.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बताया जाता है कि एक वक्त था जब पृथ्वी पर अन्न की कमी हो गई थी. जिससे लोगों में हाहाकार मच गया था. तब पृथ्वी वासियों ने त्रिदेव की उपासना की और उन्हें अन्न प्रलय के बारे में बताया. इसके बाद आदिशक्ति मां पार्वती और भगवान शिव पृथ्वी पर आए. यहां लोगों को दुखी देख मां पार्वती ने अन्नपूर्णा का स्वरूप ग्रहण किया और भगवान् शिव को दान में अन्न दिया. फिर भगवान शिव ने उस अन्न को पृथ्वी वासियों में बांट दिया. तब से माता अन्नपूर्णा मंदिर स्थापित हुआ और यहां पर माता की पूजा की जाने लगी.
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![कहा जाता है कि इस मंदिर में अगर कोई भी आकर माता की पूजा करता है तो उसके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती. शास्त्रों में भी कहा गया है कि कभी भी हमें अन्न का अपमान नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/19/a58e8c0393dd7f610dbcda68bb4d7283f59da.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कहा जाता है कि इस मंदिर में अगर कोई भी आकर माता की पूजा करता है तो उसके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती. शास्त्रों में भी कहा गया है कि कभी भी हमें अन्न का अपमान नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं.
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![बता दें कि इस मंदिर में कई ऐसी चीजें बनी हुई हैं जिनको देखकर भक्त काफी प्रसन्न होते हैं यहां पर माता अन्नपूर्णा रसोई भी हैं. वहीं, प्रांगण में कई प्रतिमाएं जिनमें मां काली, पार्वती, शिवजी सहित कई अन्य देवी देवताएं हैं. अन्नकूट उत्स्व में हर साल यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और माता के दर्शन करते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/19/a1d0dc224c52bf92d880fded721dbd1fec198.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बता दें कि इस मंदिर में कई ऐसी चीजें बनी हुई हैं जिनको देखकर भक्त काफी प्रसन्न होते हैं यहां पर माता अन्नपूर्णा रसोई भी हैं. वहीं, प्रांगण में कई प्रतिमाएं जिनमें मां काली, पार्वती, शिवजी सहित कई अन्य देवी देवताएं हैं. अन्नकूट उत्स्व में हर साल यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और माता के दर्शन करते हैं.
Published at : 21 Jan 2022 12:46 PM (IST)
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