Rama Navami 2022: गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने रामनवमी पर किया कन्या पूजन, देखें तस्वीरें
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में गोरक्षपीठ के महंत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौ कन्याओं के पांव पखारे. पीठाधीश्वर में उन्हें चुनरी ओढाई और उसके बाद उनके माथे पर तिलक लगाकर माला पहनाई.
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View In Appसीएम ने बटुकों को भी पूजन कर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया. गोरखनाथ मंदिर में सदियों से इस परंपरा का निर्वहन होता चला आ रहा है. पीठ के महंत होने के नाते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हर वर्ष वासंतिक और शारदीय नवरात्र में यहां पर उपस्थित रहते हैं.
इस अवसर पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, वे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात कर उनके बताए मार्ग का अनुसरण करें. आदि शक्ति मां भगवती की रूप इन कन्याओं की सुरक्षा का संकल्प भी लें.
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के नवनिर्मित अन्न सभागार में कन्या पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, चैत्र नवरात्र की नवमी पर पूजन किया जाता है. चराचर जगत की आदि शक्ति का पूजन और कुंवारी कन्याओं के पूजन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है.
सीएम योगी ने कहा, नव दुर्गा स्वरूप के पूजन का कार्यक्रम यहां सम्पन्न हुआ है. रविवार की तिथि अत्यन्त महत्वपूर्ण तिथि भी है. जीवन मूल्यों को उच्च आदर्शों को जोड़ने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मोत्सव का कार्यक्रम होता है.
सीएम ने कहा, अयोध्या सहित देश में आयोजन हो रहा है. वासंतीय नवरात्रि और रामनवमी की पूरे प्रदेशवासियों को बधाई देता हूं. विश्वास करता हूं कि कन्याओं के पूजन के साथ उनके उन्नयन के लिए जो भी योजनाएं लागू की गई हैं, उसका निर्वहन हम पूरे मनोयोग के साथ करेंगे.
योगी आदित्यनाथ ने कहा, जिस श्रद्धा भावना के साथ हम इस कार्यक्रम के साथ जुड़े हैं, उसका दैनिक जीवन में भी हम निर्वहन करेंगे. भगवान राम के आदर्शों के पालन के साथ सदैव प्रेरणा प्रदान करने वाले मानवीय गरिमा सुरक्षा के साथ जुड़कर इस भाव के साथ कार्य कर रामराज्य की परिकल्पना के साथ जुड़कर कार्य करेंगे.
इस अवसर पर पांव पखारने के बाद कन्याओं प्राची बजाज, साक्षी सिंह, स्वाति गुप्ता, बटुक शौर्य बजाज और कान्हा ने बताया कि योगी बाबा ने उनका पांव धोया, उसके बाद उन्हें चुनरी ओढ़ाकर उनका तिलक किया और भोज भी कराया. उन्होंने बताया कि हर साल वे यहां पर आते हैं.
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