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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
रामलला के दरबार में पहुंची कांग्रेस, अजय राय को मिला गदा, आचार्य सत्येंद्रदास ने दी खाने को खिचड़ी
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने सोमवार दोपहर को अयोध्या पहुंचकर पवित्र सरयू में स्नान किया और प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजन किया. हालांकि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है.
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View In Appकांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश पार्टी इकाई के प्रभारी अविनाश पांडेय, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राय, वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रताप सिंह, सांसद दीपेंद्र हुड्डा और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस, उप्र इकाई के प्रमुख कैप्टन बंशीधर मिश्र व अन्य ने सरयू नदी में पवित्र डुबकी लगाई तथा रामलला और हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन किए.
कांग्रेस प्रवक्ता पुनीत पाठक ने बताया कि प्रतिनिधित्व मंडल के सदस्यों ने रामलला की पावन भूमि अयोध्या धाम के नया घाट पर आस्था की डुबकी लगाकर बाबा नागेश्वर महादेव का दर्शन-पूजन कर लोक कल्याण की कामना की.
उन्होंने बताया, “ इस दौरान नया घाट पर पंडा समाज ने उन्हें अंग वस्त्र भेंट किये. इसके पश्चात हनुमानगढ़ी में माथा टेककर महावीर बजरंग बली हनुमान जी की आराधना की.” पाठक ने बताया, “इसी दौरान श्री मणिराम दास जी ने प्रभारी अविनाश पांडेय एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को उपहार स्वरूप मारूतिनन्दन जी का प्रिय शस्त्र गदा भेंट किया.”
उन्होंने बताया कि इसके बाद राय एवं प्रदेश प्रभारी पांडेय ने अयोध्या धाम में राम जन्मभूमि पहुंचकर श्री राम लला के दर्शन कर पूजा-अर्चना की. उनके मुताबिक, पांडेय, राय व उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘‘मोना’’ और कैप्टन मिश्र समेत कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ने राम जन्म भूमि मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास से मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया.
सरयू नदी में पवित्र स्नान के बाद, राय और कांग्रेस के अन्य नेता यहां हनुमानगढ़ी और नए राम मंदिर के लिए रवाना हुए. राय ने कहा कि वे मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर तीर्थस्थल आए हैं.
राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के लिए कांग्रेस नेताओं के नहीं आने के बारे में पूछे जाने पर राय ने संवाददाताओं से कहा, 'क्या भगवान राम की मूर्ति 'प्राण प्रतिष्ठित' नहीं है... हम मकर संक्रांति के अधिक शुभ दिन पर भगवान को सम्मान देने आए हैं.'
बाद में उन्होंने कहा, “ हमने देश में शांति के लिए प्रार्थना की.” हुड्डा और पांडेय ने कहा कि वे धार्मिक यात्रा पर हैं. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा 22 जनवरी के समारोह का निमंत्रण अस्वीकार करने के संबंध में मीडियाकर्मियों के सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया. राय ने कहा कि उन्हें हनुमानगढ़ी में मुख्य पुजारी मणिराम दास द्वारा 'गद्दा' भेंट किया गया. राय ने बताया, ''हमने सत्येन्द्र दास द्वारा दी गई खिचड़ी भी खाई.''
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने से पहले राय ने इस यात्रा की घोषणा की थी. कांग्रेस नेताओं ने राजनीति के बारे में बात करने से इनकार करते हुए कहा कि वे यहां धार्मिक उद्देश्यों के लिए आए हैं इसलिए राजनीति के बारे में बात नहीं करेंगे.
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया सिंह श्रीनेत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा पार्टी को अवसरवादी करार दिये जाने पर पलटवार करते हुए कहा, 'संक्रांति एक शुभ अवसर है और हम रामलला के दर्शन करना चाहते थे और पूजा-अर्चना करना चाहते थे जैसा हमारे पूर्वजों ने किया है. इसे राजनीतिक कहना भाजपा की गलती और पाप है. सच्चाई यह है कि भाजपा धर्म का नाम लेकर गंदी राजनीति कर रही है.'
इससे पहले पार्टी की राज्य इकाई के प्रवक्ता उमा शंकर पांडेय ने कहा था, 'भगवान राम हमारी आस्था के प्रतीक हैं. हमारा मानना है कि राम सबके हैं, और भगवान राम हर व्यक्ति के भीतर हैं.”
कांग्रेस नेताओं के दौरे के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'वे 'बरसाती मेंढक' की तरह हैं. वे राजनीति के लिए कुछ भी कर सकते हैं... वे तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं, लेकिन मैं कहूंगी देर आए दुरुस्त आए.”
पिछले हफ्ते, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अभिषेक समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को 'सम्मान पूर्वक अस्वीकार' कर दिया था और भाजपा पर चुनावी लाभ के लिए इसे 'राजनीतिक परियोजना' बनाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि धर्म एक 'व्यक्तिगत मामला' है.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा और आरएसएस के नेताओं द्वारा 'अधूरे' मंदिर के उद्घाटन के पीछे के मकसद पर सवाल उठाया था.
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