In Pics: मस्जिदों-ईदगाहों पर अदा हुई ईद-उल-फित्र की नमाज, एक-दूसरे को गले मिलकर दी मुबारकबाद, देखें तस्वीर
शहर की सभी ईदगाहों व तमाम मस्जिदों में सुबह से ही नमाजियों का हुजूम उमड़ पड़ा. तय समय से पहले ईदगाह व मस्जिदें भर गईं. बच्चों से लेकर बड़ों के चेहरों पर खुशियों की चमक देखने लायक थी. ईद की नमाज़ के समय तक ईदगाह व मस्जिदों में नमाज़ियों की कतारें लग गईं. लोगों ने ईदगाह व मस्जिद के इमामों की तकरीर ध्यान लगा कर सुनी.
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View In Appसुबह 6:55 से 10:30 बजे तक तय समय पर ईद-उल-फित्र की नमाज सभी ईदगाहों व मस्जिदों में अदा की गई. ईद का ख़ुत्बा पढ़ा व सुना गया. मुल्क में भाईचारगी, एकता, अमनो अमान के साथ ही रोजा, नमाज, जकात, सदके की कुबूलियत की अल्लाह से दुआ की गई. बैतुल मुक़द्दस की आज़ादी, फिलिस्तीन में अमन शांति व जालिमों के ज़ुल्म से निजात की दुआ मांगी गई.
पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में दरूदो सलाम का नज़राना पेश किया गया. इसके बाद शुरू हुई ईद मुबारक, ईद मुबारक की सदा. हर ओर यह सदा गूंजने लगी. छोटे से लेकर बड़ों ने लोगों को एक दूसरे को मुबारकबाद देनी शुरू की. लोग एक-दूसरे के घर आते रहे जाते रहे खुशियों का पैग़ाम बांटते रहे.
मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर के इमाम मौलाना फिरोज अहमद निजामी ने अपनी तकरीर में कहा कि अल्लाह फरमाता है ऐ मेरे बंदों! मांगों! क्या मांगते हो..? मेरी इज्जत व जलाल की कसम! आज के रोज इस नमाज़े ईद के इज्तिमा में अपनी आखिरत के बारे में जो कुछ सवाल करोगे वो पूरा करुंगा और जो कुछ दुनिया के बारे में मांगोगे उसमें तुम्हारी भलाई की तरफ नज़र फरमाऊंगा. मेरी इज्जत की कसम!
जब तक तुम मेरा लिहाज रखोगे मैं भी तुम्हारी खताओं पर पर्दा पोशी फरमाता रहूंगा. मेरी इज्जत जलाल की कसम! मैं तुम्हें हद से बढ़ने वाली यानी मुजरिमों के साथ रुसवा न करुंगा. बस अपने घरों की तरफ मग़फिरत याफ्ता लौट जाओ. तुमने मुझे राजी कर दिया और मैं भी तुमसे राजी हो गया. उन्होंने नमाज़, रोजा, हज, जकात सहित तमाम दीनी बातों पर रोशनी डाली.
चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में मौलाना महमूद रज़ा कादरी ने कहा कि ईद अल्लाह का ईनाम है. इबादतों के जरिए अल्लाह को राजी कीजिए. नमाज बाजमात अदा कीजिए. मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि ईद भाईचारगी का त्योहार है. इसे सबके साथ मनाएं. गरीबों का भी ख्याल रखें, उन्हें अपनी खुशियों में शामिल करें.
बच्चों की ख़ुशी देखते ही बन रही थी. फेसबुक, वाह्टसएप, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम पर ईद का ऐलान होने के बाद मुबारकबाद देने का सिलसिला ईद-उल-फित्र के पूरे दिन चलता रहा. खूब सेल्फी ली गयी. नौका विहार पर भी ईद की वजह से काफी चहल पहल व रौनक रही.
ईद की खुशियों में महिलाएं भी आगे रही. रमज़ान में जिस तरह अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया. घर व बाहर दोनों को संभाला. उसी तरह ईद की खुशियों में चार चांद लगाने में वह दिलो-जान से लगी रहीं. मेहमान नवाजी के लिए सेंवइयां व लजीज व्यंजन बनाया. घरों में शुक्राने की नमाज़ अदा की. शाम को सज-धज कर रिश्तेदारों, पड़ोसियों के यहां ईद की बधाई देने भी गईं.
जाफरा बाज़ार स्थित सब्जपोश हाउस मस्जिद में बाद नमाज ईद-उल-फित्र काबा शरीफ का गिलाफ, पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के कदमों का निशान व इराक स्थित हजरत गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैह के मजार की ईट सलातो-सलाम के बीच जियारत कराई गई.
नार्मल स्थित हज़रत मुबारक खां शहीद रहमतुल्लाह अलैह आदि दरगाहों पर जियारत करने वालों का तांता लगा रहा. इसी तरह शहर के कब्रिस्तानों पर फातिहा पढ़ने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा. सभी ने पूर्वजों को याद कर फातिहा पढ़ मग़फिरत की दुआएं मांगी. ईद-उल-फित्र की नमाज़ से पहले लोगों ने सदका-ए-फित्र अदा किया. लोगों ने ईदगाहों व मस्जिदों के बाहर ग़रीबों में फित्रा व जकात की रकम अदा की.
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