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बकरीद की कुर्बानी के लिए सजे बाजार, सलमान-सुल्‍तान और शेरू-डायमंड की लग रही है बोली

Eid-al-Adha 2024: गोरखपुर के इस बाजार में बिकने के लिए सलमान भी मालिक अली के साथ आया है. तोतापरी ब्रिड का ये बकरा अन्‍य बकरों से अलग है. तोतापरी ब्रिड के सलमान का वजन 60 किलो के करीब है.

Eid-al-Adha 2024: गोरखपुर के इस बाजार में बिकने के लिए सलमान भी मालिक अली के साथ आया है. तोतापरी ब्रिड का ये बकरा अन्‍य बकरों से अलग है. तोतापरी ब्रिड के सलमान का वजन 60 किलो के करीब है.

गोरखपुर बकरा बाजार

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गोरखपुर के शाहमारुफ बाजार में इस समय नजारा बदला हुआ नजर आ रहा है. बड़ी मस्जिद यानी जामा मस्जिद के ठीक सामने ईद-उल-अजहा पर बाजार सजा हुआ है. ये बाजार आम बाजार से बिल्‍कुल ही अलग है. इस बाजार में सलमान, सुल्‍तान, शेरु और डायमंड की बोली लग रही है. इसकी वजह भी साफ है. यहां पर बाजार में बिकने वाले तोतापरी, कालपी और सिरोही नस्ल के साथ देसी बकरा भी बाजार में उपलब्ध है. यहां सलमान, सुल्‍तान, शेरु और डायमंड दरअसल बकरे के नाम हैं, जिनको उनके मालिकों ने एक से दो साल तक पालने के बाद उसे बाजार में लेकर बेचने के लिए आए हैं. यहां 60 किलो से लेकर एक से डेढ़ क्विंटल तक के बकरे हैं. अधिक वजन के इन बकरों की बोली उनकी सुंदरता और ब्रिड के ऊपर भी निर्भर करती है. कई तरह के ड्राई फ्रूट्स खाने वाले इन बकरों की कीमत 25 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक है.
गोरखपुर के शाहमारुफ बाजार में इस समय नजारा बदला हुआ नजर आ रहा है. बड़ी मस्जिद यानी जामा मस्जिद के ठीक सामने ईद-उल-अजहा पर बाजार सजा हुआ है. ये बाजार आम बाजार से बिल्‍कुल ही अलग है. इस बाजार में सलमान, सुल्‍तान, शेरु और डायमंड की बोली लग रही है. इसकी वजह भी साफ है. यहां पर बाजार में बिकने वाले तोतापरी, कालपी और सिरोही नस्ल के साथ देसी बकरा भी बाजार में उपलब्ध है. यहां सलमान, सुल्‍तान, शेरु और डायमंड दरअसल बकरे के नाम हैं, जिनको उनके मालिकों ने एक से दो साल तक पालने के बाद उसे बाजार में लेकर बेचने के लिए आए हैं. यहां 60 किलो से लेकर एक से डेढ़ क्विंटल तक के बकरे हैं. अधिक वजन के इन बकरों की बोली उनकी सुंदरता और ब्रिड के ऊपर भी निर्भर करती है. कई तरह के ड्राई फ्रूट्स खाने वाले इन बकरों की कीमत 25 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक है.
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गोरखपुर के शाहमारुफ जामा मस्जिद के ठीक सामने हर साल की तरह इस साल भी बकरों का बाजार लगा है. बकरों के मालिक उन्‍हें लेकर यहां पर आए हुए हैं. वे यहां पर बकरों का अधिक से अधिक दाम पाना चाहते हैं. यहां पर एक से एक नस्‍ल के बकरे बिकने के लिए आए है. किसी ने काजू-किसमिस और बादाम तो किसी ने अन्‍य ड्राई फ्रूट्स खिलाकर उन्‍हें बड़ा किया है. यहां लंबे कान, कलगी और दाढ़ी वाला बकरा भी मिलेगा.
गोरखपुर के शाहमारुफ जामा मस्जिद के ठीक सामने हर साल की तरह इस साल भी बकरों का बाजार लगा है. बकरों के मालिक उन्‍हें लेकर यहां पर आए हुए हैं. वे यहां पर बकरों का अधिक से अधिक दाम पाना चाहते हैं. यहां पर एक से एक नस्‍ल के बकरे बिकने के लिए आए है. किसी ने काजू-किसमिस और बादाम तो किसी ने अन्‍य ड्राई फ्रूट्स खिलाकर उन्‍हें बड़ा किया है. यहां लंबे कान, कलगी और दाढ़ी वाला बकरा भी मिलेगा.
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गोरखपुर के इस बाजार में बिकने के लिए सलमान भी मालिक अली के साथ आया है. तोतापरी ब्रिड का ये बकरा अन्‍य बकरों से अलग है. तोतापरी ब्रिड के सलमान का वजन 60 किलो के करीब है. ये काफी खूबसूरत है. इसका चेहरा तोते की तरह है. उन्‍होंने बताया कि इसकी कीमत एक लाख रुपए लगाई है. उन्‍होंने बताया कि बाजार में खूब रौनक है. वे बताते हैं कि जौहर की नमाज खत्‍म हुई है. अभी खरीदार भी आएंगे. व्यापारी  ने बताया कि उनके बकरे का नाम डायमंड है. इसकी खासियत है कि ये काफी खूबसूरत है. इसका वजन 35 किलो है.
गोरखपुर के इस बाजार में बिकने के लिए सलमान भी मालिक अली के साथ आया है. तोतापरी ब्रिड का ये बकरा अन्‍य बकरों से अलग है. तोतापरी ब्रिड के सलमान का वजन 60 किलो के करीब है. ये काफी खूबसूरत है. इसका चेहरा तोते की तरह है. उन्‍होंने बताया कि इसकी कीमत एक लाख रुपए लगाई है. उन्‍होंने बताया कि बाजार में खूब रौनक है. वे बताते हैं कि जौहर की नमाज खत्‍म हुई है. अभी खरीदार भी आएंगे. व्यापारी ने बताया कि उनके बकरे का नाम डायमंड है. इसकी खासियत है कि ये काफी खूबसूरत है. इसका वजन 35 किलो है.
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व्यापारी जावेद सुल्तान नाम के बकरे को लेकर आए हैं. वे बताते हैं कि उनके बकरे की कीमत 45 हजार लगाई है. उसका वाजह 40 किलो के करीब है. गोरखपुर के बाजार में सिरोही नस्ल के शेरु नाम का बकरा भी है. बकरे को बेचने के लिए आए जफर बताते हैं कि उनका बकरा 40 किलो के करीब है. वे इसे डेढ़ साल से पाले हैं. उन्‍होंने बताया कि ये काफी खूबसूरत है. अच्‍छी नस्‍ल का है. इसकी कीमत 65 हजार रुपए लगाई है.
व्यापारी जावेद सुल्तान नाम के बकरे को लेकर आए हैं. वे बताते हैं कि उनके बकरे की कीमत 45 हजार लगाई है. उसका वाजह 40 किलो के करीब है. गोरखपुर के बाजार में सिरोही नस्ल के शेरु नाम का बकरा भी है. बकरे को बेचने के लिए आए जफर बताते हैं कि उनका बकरा 40 किलो के करीब है. वे इसे डेढ़ साल से पाले हैं. उन्‍होंने बताया कि ये काफी खूबसूरत है. अच्‍छी नस्‍ल का है. इसकी कीमत 65 हजार रुपए लगाई है.
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राजस्थान के कालपी नस्ल का सलमान नाम का बकरा 1 से डेढ़ क्विंटल का है. इसके मालिक व्यापारी जुबैर बताते हैं कि ये लम्बा होता है. ये एक साल का है. इसकी कीमत 55 हजार लगाई है. वसीम दो बकरे को लेकर बाजार में आए हैं. उन्‍होंने इन्‍हें डेढ़ साल से पाला है. उन्‍होंने बताया कि सुलतान और शेरु को लेकर वे आए हैं. उनका वजन 50-50 किलो है. उन्‍होंने इसकी कीमत 60-60 हजार रुपए लगाई है.
राजस्थान के कालपी नस्ल का सलमान नाम का बकरा 1 से डेढ़ क्विंटल का है. इसके मालिक व्यापारी जुबैर बताते हैं कि ये लम्बा होता है. ये एक साल का है. इसकी कीमत 55 हजार लगाई है. वसीम दो बकरे को लेकर बाजार में आए हैं. उन्‍होंने इन्‍हें डेढ़ साल से पाला है. उन्‍होंने बताया कि सुलतान और शेरु को लेकर वे आए हैं. उनका वजन 50-50 किलो है. उन्‍होंने इसकी कीमत 60-60 हजार रुपए लगाई है.
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अहमद बताते हैं कि वह बकरा खरीदने आए हैं लेकिन इस बार बाजार काफी महंगा है. वे कहते हैं की देसी नस्ल का बकरा काफी अच्छा माना जाता है. मनव्वर अहमद बताते हैं कि वह बकरा खरीदने के लिए आए हैं. उन्हें सलमान पसंद आ रहा है, लेकिन उसका दाम काफी अधिक है, लेकिन वह काजू बादाम खाता है, इसलिए उसकी कीमत भी अधिक है.
अहमद बताते हैं कि वह बकरा खरीदने आए हैं लेकिन इस बार बाजार काफी महंगा है. वे कहते हैं की देसी नस्ल का बकरा काफी अच्छा माना जाता है. मनव्वर अहमद बताते हैं कि वह बकरा खरीदने के लिए आए हैं. उन्हें सलमान पसंद आ रहा है, लेकिन उसका दाम काफी अधिक है, लेकिन वह काजू बादाम खाता है, इसलिए उसकी कीमत भी अधिक है.
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वह कहते हैं कि बकरा एक से डेढ़ साल का होना चाहिए इसके साथ ही उसके दो दांत होने के साथी उसका काम काटा नहीं होना चाहिए और पैर टूटा भी नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही बकरा बीमार न हो. यानी कुर्बानी के लिए खरीदा जाने वाला बकरा पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहिए.
वह कहते हैं कि बकरा एक से डेढ़ साल का होना चाहिए इसके साथ ही उसके दो दांत होने के साथी उसका काम काटा नहीं होना चाहिए और पैर टूटा भी नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही बकरा बीमार न हो. यानी कुर्बानी के लिए खरीदा जाने वाला बकरा पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहिए.

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