Gorakhpur Fertilizer Factory: कुतुबमीनार से दोगुना ऊंचा है खाद कारखाना, रबर डैम पर गोलियों का भी असर नहीं, बनाने में लगे 8,603 करोड़, जानें खासियत
यूपी चुनाव से पहले गोरखपुर को बड़ी सौगात मिली है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां फर्टिलाइजर कारखाने का उद्घाटन किया. 600 एकड़ में फैले इस कारखाने की बहुत सी विशेषताएं हैं. इस फैक्ट्री को बनाने में 803 करोड़ की लागत आई है. इस खाद कारखाने से हर साल 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन किया जाएगा.
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View In Appइस फैक्ट्री के बनने से यहां बीस हजार लोगों को रोजगार मिलने की भी संभावना जतायी जा रही है. गोरखपुर में 1990 में फ़र्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का खाद कारखाना बंद हो गया था. तब से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कारखाने को फिर से चलाने के लिए प्रयासरत हैं.
1998 से लेकर मार्च 2017 तक उनके संसदीय कार्यकाल में संसद का कोई भी ऐसा सत्र ऐसा नहीं रहा, जिसमें उन्होंने इसके लिए अपनी आवाज बुलंद न की हो. योगी की पहल और उनकी पुरजोर मांग पर 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी. आज इसका उद्घाटन हुआ है.
गोरखपुर के खाद कारखाने की स्थापना और संचालन की जिम्मेदारी हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की है. कारखाने के परिसर में दक्षिण कोरिया की विशेष तकनीक से 30 करोड़ की लागत से विशेष रबर डैम भी बना है. इस पर गोलियों का भी असर नहीं होता है.
एचयूआरएल के इस खाद कारखाने की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3850 मीट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन खाद की है. इतने बड़े पैमाने पर उत्पादन से देश के कुल खाद आयात में भारी कमी आएगी.
गोरखपुर खाद कारखाने में बना प्रीलिंग टावर विश्व में सबसे ज्यादा ऊंचा है. इसकी ऊंचाई कुतुबमीनार की ऊंचाई से दोगुनी से भी अधिक है. प्रीलिंग टावर से खाद के दाने नीचे आएंगे तो इनकी क्वालिटी सबसे अच्छी होगी.
एक खास बात यह भी है कि इस खाद कारखाना में 30 फीसद से ज्यादा पूर्वांचल के युवाओं को नौकरी दी गई है. इनमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि गोरखपुर में 1968 में स्थापित फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को 1990 में हुए एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया. एक बार यहां की मशीनें शांत हुईं तो तरक्की से जुड़ी उनकी आवाज को दोबारा सुनने की दिलचस्पी सरकारों ने नहीं दिखाई.
1998 में गोरखपुर से पहली बार सांसद बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हर सत्र में खाद कारखाने को चलाने या इसके स्थान पर नए प्लांट के लिए आवाज बुलंद की।. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने तत्समय सांसद योगी आदित्यनाथ की इस मांग पर संजीदगी दिखाई और 22 जुलाई 2016 को नए खाद कारखाने का शिलान्यास कर पूर्वी उत्तर प्रदेश को बड़ी सौगात दी.
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