Holi 2024: होली के रंग में रंगा गोरखपुर, अबीर-गुलाल और रंगों से सराबोर हुए लोग, देखें तस्वीरें
आरएसएस की ओर से आयोजित होली के रंग में सभी रंग गए. बच्चे-युवा महिलाएं और युवतियों में भी होली को लेकर खासा उत्साह दिखाई दिया. लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर नाचते-झूमते होली के उल्लास में डूब गए.
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View In Appगोरखपुर के लालडिग्गी (नेहरू) पार्क में होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में पहले ध्वज प्रणाम और प्रार्थना हुई. इसके बाद गोरक्षप्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश ने लोगों को अपेन संबोधन में होली की शुभकामनाएं दी.
प्रांत प्रचारक रमेश ने कहा कि होली का पर्व आज बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. लोग होली को सादगी के साथ मिल-जुलकर मनाएं. उन्होने कहा कि इसके साथ ही होली के पावन पर्व पर जो उल्लास यहां दिखाई दे रहा है, ऐसा ही माहौल पूरे देश और प्रदेश में दिख रहा है.
प्रांत प्रचारक रमेश ने कहा कि प्रभु श्रीराम जी अयोध्या में आ चुके हैं. रामजी ने पूरे समाज को एक सूत्र में पिरोने का काम किया था, यही होली पर्व और आरएसएस का भी उद्देश्य है. ये होली का पर्व आनंद और आत्मीयता का पर्व है.
होलिका दहन की सुबह 7 बजे से ही गोरखपुर के लोग होली का पर्व मनाने के लिए गोरखपुर के लालडिग्गी यानी नेहरू पार्क में जुटने लगे. लोगों के बीच उत्साह इतना दिखाई दिया, कि 9 बजे कार्यक्रम की औपचारिकताओं के पूरा होने के पहले ही लोक गायिका रीना मौर्या कोमल की सुरमयी आवाज में होली के रंग में रंग गए.
बच्चों के साथ पुरुष और महिलाएं-युवतियां भी होली के उल्लास और रंग में इस कदर डूब गई कि खुद को रोक नहीं सकीं और नाचते हुए एक दूसरे को रंग, अबीर-गुलाल लगाकर एक-दूसरे को होली की बधाई दी.
होली के उल्लास में आज होलिका दहन के पहले भक्त प्रहलाद की शोभायात्रा पाण्डेयहाता से निकाली जाएगी. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे.
यहां पर वे लोगों के ऊपर फूलों की वर्षा करेंगे और 6 किलोमीटर लंबी शोभायात्रा को रवाना करेंगे. इसके बाद शोभायात्रा के सम्पन्न होने के बाद देर रात होलिका दहन किया जाएगा.
श्रीश्री होलिका दहन उत्सव समिति की ओर से वर्ष 1927 से होलिका दहन उत्सव मनाया जा रहा है.
बीते दो वर्षों से समिति की ओर से सम्मत में लकड़ी की जगह गोइठे का प्रयोग कर इको फ्रेंडली सम्मत जलाई जा रही है. जिससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचा जा सके.
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