Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी सर्वे के बाद वायरल हुई थीं तस्वीरें, कल आएगा कोर्ट का फैसला
उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट गुरुवार (3 अगस्त) को फैसला सुनाएगा. इससे पहले 27 जुलाई को हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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View In Appपिछले साल हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे के बाद कुछ वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं थी. इसके बाद हिंदू पक्ष की ओर से वीडियो और तस्वीरों के आधार पर शिवलिंग होने का दावा किया गया था.
हिंदू पक्ष ने यह भी दावा किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार पर त्रिशुल के निशान थे. इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हाल ही में कहा था कि ज्ञानवापी के अंदर देव प्रतिमाएं हैं, ये प्रतिमाएं हिन्दुओं ने तो रखी नहीं है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मस्जिद के अंदर त्रिशूल क्या कर रहा है. मुझे लगता है कि भगवान ने जिसे दृष्टि दी है वो इसे देखे.
वहीं मुस्लिम पक्ष ने दावा किया था कि हिंदू पक्ष की तरफ से जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है वह फव्वारा है.
गौरतलब है कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद, काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी है. दावा किया जाता है कि यह मस्जिद मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी. ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि इस विवादित ढांचे के नीचे ज्योतिर्लिंग है. यही नहीं ढांचे की दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र भी हैं.
काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी केस का 1991 में वाराणसी कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया गया था. इस याचिका के जरिए ज्ञानवापी में पूजा करने की अनुमति मांगी गई थी. मुकदमा दाखिल होने के कुछ दिनों बाद ही मस्जिद कमिटी ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट, 1991 का हवाला देकर हाईकोर्ट में चुनौती दी.
इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1993 में स्टे लगाकर यथास्थिति कायम रखने का आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद स्टे ऑर्डर की वैधता पर 2019 को वाराणसी कोर्ट में फिर से सुनवाई की गई थी. वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद की पुरातात्विक सर्वेश्रण की मंजूरी दी गई थी.
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