Hathras Stampede: पश्चिमी यूपी में फैला है बाबा का साम्राज्य, सामने आईं अंदर की एक्सक्लूसिव तस्वीरें, अब भी माथा टेक रहे लोग
हाथरस में एक सत्संग कार्यक्रम के समापन के दौरान भगदड़ मच गई. जिसमें अभी तक 121 ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ मामले में अब सीबीआई जांच की माँग की गई है.
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View In Appइन सबके बीच हाथरस कांड में बड़े एक्शन की तैयारी है. आयोजक मंडल समेत स्थानीय प्रशासन पर एक्शन की तैयारी है. मुख्यमंत्री कार्यालय से पूरे घटनाक्रम में रिपोर्ट तलब की गई.
बाबा का बसपा सरकार में बाबा का जलवा बहुत था, प्रशासनिक अधिकारी उस वक्त उससे पोस्टिंग के लिये दरबार लगाते थे. बसपा सरकार में भोले बाबा लाल बत्ती की गाड़ी से सत्संग स्थल तक पहुंचते थे. उनकी गाड़ी को पुलिस एस्कॉर्ट चलाती थी.
कासगंज जनपद के पटियाली तहसील इलाके के बहादुरगढ़ के रहने वाले सूरज पालने सन 1997 में उत्तर प्रदेश पुलिस के खुफिया विभाग लोकल इंटेलीजेंस यूनिट के सिपाही के पद से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेने के बाद यह घोषणा की उसे भगवान का साक्षात्कार हुआ है.
1997 के बाद सूरजपाल के आश्रम पर भक्तों का आना-जाना शुरू हुआ सूरजपाल के बारे में चर्चाएं शुरू हुई कि बाबा किसी भी दर्द वाली जगह पर हाथ लगाते हैं तो दर्द बिल्कुल खत्म हो जाता है.
भोले बाबा का कासगंज के अलावा अलवर मैं भी आश्रम है आशंका जताई जा रही है की हाथरस हाथ से के बाद भोले बाबा राजस्थान के अलवर में भी हो सकता है दरअसल भरतपुर और अलवर इलाके में दलित बहुलता के चलते बाबा का बड़ी तादाद में हस्तक्षेप है और बाबा के भक्त इस इलाके से बड़ी तादाद में आते हैं मध्य प्रदेश में भी बाबा का अपना एक अलग रसूख है.
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