International Forests Day: बच्चों को लुभा रहा गोरखपुर का यह चिड़िया घर, सैलानियों की उमड़ रही भीड़, देखें तस्वीर
यहां पर शेर-सफेद बाघिन, भालू और दरियायी घोड़ा लोगों को खूब आकर्षित करते हैं. पूर्वांचल के लोगों के साथ यहां आने वाले सौलानियों के लिए प्राणि उद्यान एक सौगात की तरह है.
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View In Appइसके लिए लोगों को करीब एक दशक का लंबा इंतजार करना पड़ा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 2021 के मार्च महीने में इसे होली के ठीक पहले जनता को समर्पित किया. इसके बाद से ही यहां पर सैलानियों के साथ गोरखपुर के आसपास के लोगों के आने का सिलसिला जारी है.
गोरखपुर के देवरिया बाईपास रोड पर 121 एकड़ में बने शहीद अशफाकउल्लाह खां प्राणि उद्यान का 27 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा लोकार्पण किया गया था.
लोकार्पण के बाद पर्यटकों के लिए इसे खोल दिया गया. 121 एकड़ में बने इस चिडि़याघर को काफी हाईटेक बनाया गया है. इसमें 7डी थियेटर भी बनाया गया है.
गोरखपुर के चिड़ियाघर में ओडीओपी प्रोडक्ट को भी प्लेटफार्म दिया गया है. इससे पर्यटकों को यहीं ओडीओपी उत्पाद देखने और खरीदने की सुविधा भी मिलेगी. यहां के ओडीओपी शोकेस से टेराकोटा जैसे विश्व प्रसिद्ध पारम्परिक उत्पाद की ब्रांडिंग भी और मजबूत होगी.
पूर्वांचल में रहने वाले बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं और पुरुषों को परिवार सहित चिडि़याघर में मनोरंजन करने के लिए राजधानी लखनऊ का रुख करना पड़ता था. लेकिन, अब पूर्वांचलवासियों के साथ बिहार और नेपाल की तराई में रहने वाले लोगों को भी अब गोरखपुर में ही चिडि़याघर की सैर का आनंद मिल रहा है.
वर्तमान में शहीद अशफाकउल्लाह खां प्राणी उद्यान के नाम की पहचान वाले गोरखपुर चिड़ियाघर की नींव, मई 2011 में ही पड़ गई थी, लेकिन धनाभाव की वजह से इसे पूरा नहीं किया जा सका.
साल 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रोजेक्ट को पुनर्जीवित किया और पूर्वांचलवासियों के लोगों को बड़ी सौगात दी. शहीद अशफाकउल्लाह खां प्राणि उद्यान पूर्वांचल और खासकर गोरखपुर के पर्यटन विकास के लिए शहीद अशफाकउल्ला खां प्राणी उद्यान नई नजीर पेश कर रहा है.
चिड़िया में इजराइल से आया जेब्रा, शेर, सफेद बाघिन और दरियायी घोड़ा लोगों को खूब लुभाता है. सरपेंटेरियम, बटरफ्लाई पार्क, 7 डी थिएटर और चिड़ियाघर के इंट्रेंस प्लाजा को गोरखनाथ मंदिर की थीम और यहां के साइनेज, कैफेटेरिया, कियॉस्क, फाउंटेन, हॉस्पिटल को महात्मा बुद्ध के थीम पर विकसित किया गया है.
यहीं नहीं, चिड़ियाघर में लायन और राइनोसोरस एन्क्लोजर, पीकॉक एवियरी, सरपेंटेरियम, बटरफ्लाई पार्क, 7 डी थिएटर, गोल्फ कार आदि चिड़िया घर की खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं.
पर्यटकों के लिए चिड़ियाघर परिसर में दो कैफेटेरिया, बस सफारी, बुजुर्गों के लिए बैटरी चालित गोल्फ कार और जल्द ही पीपीपी मॉडल पर टॉय ट्रेन की सुविधा भी उपलब्ध होगी.
चिड़ियाघर का शिलान्यास 18 मई 2011 को तत्कालीन बसपा सरकार में हुआ था. वर्ष 2012 में सपा की सरकार बनी, लेकिन ये प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया. 2018 में भाजपा की सरकार में 181.83 करोड़ रुपए का बजट अनुमोदन कराकर इसका निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ.
इसमें तेजी लाने को जनवरी 2019 में व्यय वित्त समिति से अनुमोदन बढ़ाकर 259.15 करोड़ (जीएसटी समेत) किया. गोरखपुर चिड़ियाघर के मास्टर ले-आउट को सीजेडए में फाइनल कराने का काम अक्टूबर 2017 में किया गया.
चिड़ियाघर में वन्यजीवों के लाने का सिलसिला कुसम्ही जंगल स्थित विनोद वन से शुरू हुआ. वर्तमान में यहां पौने दो सौ वन्यजीवों के बाड़े आबाद हैं. इटावा लायन सफारी से यहां गुजरात के बब्बर शेरों की फरवरी में आमद हुई.
इसके अलावा तमाम खूबियां इसे नायाब बना रही हैं. इंडोर बटरफ्लाई पार्क, सरपेंटेरियम (सांप घर) और वाक थ्रू एवियरी सहित कई नायाब खूबियां हैं.
सीएम योगी के निर्देश पर चिड़ियाघर में 48 सीटर 7-डी थियेटर भी बनाया गया है. यह सरकारी क्षेत्र का पहला 7-डी थियेटर है. इस अत्याधुनिक थियेटर में शो के दौरान बारिश, बिजली, बुलबुले, धुआं और कोहरा आदि के साथ सुगंध का भी अहसास होगा.
इसके निर्माण पर सवा दो करोड़ रुपए की लागत आई है. इसमें शो के दौरान 13 तरह के स्पेशल इफेक्ट देखे और महसूस किए जा सकते हैं.
गोरखपुर के चिड़ियाघर में ओडीओपी प्रोडक्ट को भी प्लेटफार्म दिया गया है. इससे पर्यटकों को यहीं ओडीओपी उत्पाद देखने और खरीदने की सुविधा भी है. यहां के ओडीओपी शोकेस से टेराकोटा जैसे विश्व प्रसिद्ध पारम्परिक उत्पाद की ब्रांडिंग भी और मजबूत हो रही है.
चीता, सफेद बाघिन, तेंदुआ, दरियाई घोड़ा, हिरण, बारासिंघा, चीतल, सियार, अजगर, रसल वाइपर, बोनट मकाक (बंदर की एक प्रजाति), सांभर, लोमड़ी (फाक्स), काकड़ (बार्किंग डियर), पाढ़ा (हॉग डियर), घड़ियाल, जंगली बिल्ली, कछुआ, साही, तोता, मोर आदि यहां लोगों को खूब लुभाते हैं.
लखनऊ चिडि़याघर से लाई गई सफेद बाघिन (व्हाइट टाइगर) गीता और तेंदुए के दो बच्चे और कानपुर चिडि़याघर से लाया गया हिमालयन ब्लैक बीयर (भालू) भी लोगों को खूब आकर्षित कर रहा है. हर और गौरी नाम के दो गैंडे भी लोगों को खूब लुभाते हैं.
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