IN Pics: जब टीवी पर बैन हो गईं थीं अमिताभ बच्चन की फिल्में, जानें चुनावी मौसम में दिलचस्प किस्सा
अमिताभ बच्चन ने 40 साल पहले इलाहाबाद सीट से चुनाव लड़ा था. इस सीट से उन्होंने रिकॉर्ड मतो से जीत हासिल की थी. वहीं उस वक्त भीड़ ज्यादा होने से रात 11 बजे तक वोट डाले गए थे.
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View In Appसदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने चालीस साल पहले अपनी जन्मस्थली इलाहाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ा था.अमिताभ बच्चन 1984 में इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे और बड़े अंतर से जीत दर्ज कर सांसद चुने गए थे.
इस चुनाव के वक्त अमिताभ बच्चन अपनी लोकप्रियता के शिखर पर थे. इसी वजह से विपक्षी उम्मीदवार हेमवती नंदन बहुगुणा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने टीवी पर अमिताभ बच्चन की फिल्मों के प्रसारण पर पाबंदी लगा दी थी. हालांकि दूरदर्शन पर अमिताभ की फिल्मों पर पाबंदी लगने के बाद तमाम सिनेमा घरों में उनकी फिल्में दिखाई जाने लगीं.
अमिताभ का क्रेज इतना ज्यादा था की पुरानी फिल्में भी हाउसफुल जाने लगी और टिकट ब्लैक में बिकने लगे. उस वक्त तमाम सिनेमाघरों में कुली- मर्द-शराबी- नटवरलाल- नसीब- लावारिस और सिलसिला सिलसिला जैसी फिल्में रिलीज हुई थीं.
1984 के चुनाव में अमिताभ बच्चन के साथ प्रचार करने वाले कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबा अभय अवस्थी के मुताबिक उस चुनाव में शाम पांच बजे तक ही मतदान होना था. लेकिन कई बूथों पर रात ग्यारह बजे तक वोट डाले गए थे. तमाम मतदाता शाम पांच बजे से पहले ही पोलिंग बूथ के अंदर आ गए थे. ज्यादा भीड़ होने की वजह से देर रात तक वोट डाले गए थे. कई पोलिंग बूथों पर सौ फीसदी पोलिंग हुई थी.
अभय अवस्थी के मुताबिक उस चुनाव में नारों का खूब जोर था. पक्ष और विपक्ष दोनों ही उम्मीदवार नारों और मुहावरों के जोर पर प्रचार कर रहे थे. अमिताभ की फिल्मों के गानों को मुहावरों और नारों में तब्दील कर प्रचार किया जा रहा था.
बाबा अभय अवस्थी ने बताया कि चुनाव अमिताभ बच्चन का क्रेज इतना ज्यादा था कि विपक्षी उम्मीदवार हेमवती नंदन बहुगुणा के परिवार के बच्चे भी अमिताभ के साथ फोटो खिंचवाना चाहते थे और ऑटोग्राफ लेना चाहते थे. अमिताभ बहुत आत्मीयता के साथ इन लोगों से मिले थे.
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