Maha Kumbh 2025: त्रिवेणी संगम पर अमृत स्नान, अधिकारी अलर्ट, उमड़ा जनसैलाब, सामने आईं भव्य तस्वीरें
महाकुंभ की शुरुआत वैसे को सोमवार 13 जनवरी से हो गई थी लेकिन पौराणिक मान्यतानुसार महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर विधि-विधान से हो रहा है.
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View In Appमकर संक्रांति पर तमाम अखाड़ों के अध्यक्ष, मंडलेश्वरों, महामंडलेश्वरों, महंत और अन्य पदाधिकारियों के साथ डुबकी लगाई जा रही है. आज के स्नान अमृत स्नान और शाही स्नान कहा जाता है.
सुबह से करोड़ों साधु-संत और श्रद्धालु कुंभ में संगम तट पर डुबकी लगा चुके हैं. तमाम अखाड़े अपने रथ, हाथी, घोड़ों की साज-सज्जा के साथ संगम की ओर बढ़ रहे हैं. नागा साधु-संन्यासी धूनी रमा कर, अपने अस्त्र-शस्त्र, ध्वजा, ढोल-नगाड़े, डमरू लेकर अमृत स्नान के लिए बढ़ रहे हैं.
अनादि काल से साधु, संन्यासियों और श्रद्धालुओं की महाकुंभ के अमृत काल में संगम स्नान करने की परंपरा रही है. सभी अखाड़े अपने-अपने क्रम से अमृत स्नान करते हैं.
आदि शंकराचार्य की प्रेरणा से बने अखाड़े महाकुंभ में दिव्य शोभा यात्रा के साथ अमृत स्नान करते हैं.
महाकुंभ में आज अमृत स्नान के लिए मेला प्रशासन की ओर से बड़े स्तर पर तैयारियां की गई है. अखाड़ों के आने का क्रम, उनका मार्ग, स्नान का घाट और समय आदि पहले से निर्धारित था, जिसके आधार पर आगे का कार्यक्रम भी चल रहा है.
कड़ाके की सर्दी में करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं और पूजा पाठ कर रहे हैं.
मेला क्षेत्र के सभी थानों और पुलिस कर्मियों को दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वॉच टॉवर और आईसीसी कंट्रोल रूम से अमृत स्नान की शोभा यात्रा की निगरानी करेंगें.
इस बार महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने के लिए राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से भी बड़े स्तर की तैयारियां की गई है. इस की व्यवस्था पहले कई गुना अधिक वृहद स्तर पर की गई है.
प्रयाराज महाकुंभ में इस बार रिकॉर्ड श्रद्धालुओं की आने की उम्मीद जताई गई है. एक अनुमान के मुताबिक इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.
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