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संगम में नहाने वालों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा असर? रिपोर्ट में बड़ा दावा, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
Maha Kumbh 2025: कुंभ मेला के दौरान गंगा और यमुना के पानी की गुणवत्ता को लेकर एनजीटी में दायर रिपोर्ट में गंभीर सवाल उठाए गए.

संगम के पानी पर उठे सवाल
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एनजीटी में दायर सीपीसीबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रयागराज और उसके आसपास गंगा नदी की जल गुणवत्ता के बारे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
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सीपीसीबी की रिपोर्ट में विशेष रूप से माघ मेला और कुंभ मेला उत्सव के दौरान, प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में जल प्रदूषण के खतरनाक स्तर कि बात कि गयी है. इस रिपोर्ट में महत्वपूर्ण जल गुणवत्ता मानकों का सही से अनुपालन न होने की बात कही गई है. जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्थिरता पर चिंताएँ बढ़ती हैं.
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नदी जल की गुणवत्ता में गिरावट- अधिकांश निगरानी स्थानों पर बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) का स्तर नहाने योग्य पानी को को लेकर जो मापदंड तैयार किए गए हैं उससे अधिक पाया गया.
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पूरे आयोजन के दौरान सभी निगरानी स्थानों पर फ़ेकल कोलीफ़ॉर्म (एफसी) का स्तर ज़्यादा पाया गया. जिससे अनुष्ठान स्नान में भाग लेने वाले भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो गया.
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इसके अलावा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) क्षमता से ज्यादा काम करते हुए पाए गए हैं. बता दें प्रयागराज में 340 एमएलडी की कुल उपचार क्षमता वाले दस (10) परिचालन एसटीपी हैं.
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7 एसटीपी उपचारित अपशिष्ट जल को गंगा में छोड़ते हैं, जबकि 3 यमुना में छोड़ते हैं. सलोरी में 14 एमएलडी एसटीपी को छोड़कर अधिकांश एसटीपी अपनी स्थापित क्षमता से अधिक चल रहे थे. सभी एसटीपी पर कीटाणुशोधन सुविधाएं चालू पाई गईं.
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जियो-ट्यूब फिल्ट्रेशन सिस्टम मानकों को पूरा करने में विफल रहा है. जानकारी के अनुसार 6-8 जनवरी और 18-19 जनवरी, 2025 के बीच प्रयागराज में सात (07) जियोसिंथेटिक डीवाटरिंग ट्यूब (जियो-ट्यूब) स्थलों का निरीक्षण किया गया. नमूना विश्लेषण में पाया गया कि सभी सात जियो-ट्यूब निर्धारित मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं.
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रिपोर्ट में सदर बाजार ड्रेन, राजापुर ड्रेन, एडीए कॉलोनी/ज्वाला देवी ड्रेन, झोंढवाल ड्रेन, शिवकुटी ड्रेन, सलोरी ड्रेन और ससुर खदेरी ड्रेन सहित प्रमुख नालों के इनलेट और आउटलेट बिंदुओं पर फ्लो मीटर की अनुपस्थिति पायी गयी है.
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पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई सीपीसीबी रिपोर्ट में प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों में गंभीर खामियों का जिक्र किया गया है
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एनजीटी में अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी.
Published at : 18 Feb 2025 12:25 PM (IST)
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