अखिलेश यादव के साथ दिखा पूरा यादव कुनबा, तस्वीरों में शिवपाल के साथ राम गोपाल तो धर्मेंद्र पास दिखे प्रतीक
समाजवादी पार्टी के संस्थापक और दिवंगत मुलायम सिंह यादव की आत्मा की शांति के लिए शुक्रवार को 'शांति पाठ' और 'हवन' किया गया.
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View In Appयह 'शांति पाठ' और 'हवन' उनके पैतृक आवास पर वृंदावन, हरिद्वार, अयोध्या से आए 'महंतों' और 'पंडितों' द्वारा वैदिक रीति से 'शांकिया गया.
सपा संस्थापक की मौत के 11वें दिन उनके बेटे अखिलेश यादव, बहू डिंपल यादव और पौत्र की मौजूदगी में यहां रस्में अदा की गयी.
अखिलेश यादव ने गांव के मेला मैदान में चिता को मुखाग्नि दी थी, जहां नेताजी की एक झलक देखने के लिए प्रदेश भर से भारी भीड़ उमड़ी थी.
इसके अलावा उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव, प्रतीक यादव, अंकुर उर्फ आदित्य यादव, अंशुल यादव, कार्तिकेय यादव और अनुराग यादव भी मौजूद रहे.
पूरा यादव कुनबा शांति यज्ञ और हवन में आहुति देते हुए दिखाई दिया. मंत्र जाप के बीच परिवार के अन्य सदस्यों और रिश्तेदारों ने भी संस्कार में हिस्सा लिया.
परिवार के सदस्यों ने बताया कि नेताजी तेरहवीं भोज को समाज में कुरीति के रूप में देखते थे, अतः नेताजी की मृत्यु पर तेरहवीं भोज नहीं करने का निर्णय किया गया.
उनकी आत्म शुद्धि के लिये शांति पाठ, शांति यज्ञ हवन किया गया. शांति हवन के पश्चात तेरह कर्मकांडी ब्राह्मणों को भोजन, दान दक्षिणा आदि दिया गया.
यह सुनिश्चित करने के लिए कि 'शांति पाठ' और अन्य संस्कारों में कोई गड़बड़ी न हो, जिला प्रशासन पूरी तरह मुतैद दिखाई दिया.
प्रशासन द्वारा सैफई में नेताजी के आवास के आसपास सड़क पर बैरिकेडिंग करके वाहनों और भीड़ की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी.
इस शांति यज्ञ और हवन में एक ओर अखिलेश यादव के साथ दिखा पूरा यादव कुनबा दिखाई दिया. वहीं तस्वीरों में शिवपाल यादव और राम गोपाल यादव साथ दिखे.
इस शांति यज्ञ और हवन में एक ओर अखिलेश यादव के साथ दिखा पूरा यादव कुनबा दिखाई दिया. वहीं तस्वीरों में शिवपाल यादव और राम गोपाल यादव साथ दिखे.
बता दें कि समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर को गुरुग्राम (हरियाणा) के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था.
उनका अगले दिन पूरे राजकीय सम्मान के साथ उस स्थान के पास अंतिम संस्कार किया गया, जहां उनके पैतृक गांव सैफई में उनकी पहली पत्नी मालती देवी का अंतिम संस्कार किया गया था.
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