एक्सप्लोरर
Photos: राम नगरी अयोध्या रानी पद्मावती के जौहर दिवस पर हुई रोशन, जलाए गए 16 हजार दीपक, देखें तस्वीरें
Ayodhya News: कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राम मंदिर आंदोलन के दौरान अयोध्या गोलीकांड में मारे गए रामकुमार कोठारी की बहन पूर्णिमा कोठारी थीं. अलग-अलग स्थानों पर 16000 दीपक जलाए गए.
![Ayodhya News: कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राम मंदिर आंदोलन के दौरान अयोध्या गोलीकांड में मारे गए रामकुमार कोठारी की बहन पूर्णिमा कोठारी थीं. अलग-अलग स्थानों पर 16000 दीपक जलाए गए.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/27/ec062a668f1756ed596603a14e1e356e1693130901926211_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जमगगा उठी राम की नगर अयोध्या
1/5
![राम की नगरी अयोध्या रानी पद्मावती के जौहर दिवस पर रोशनी से जगमग हो उठी. जौहर गाथा को याद करने के लिए पिछले चार वर्षो से अयोध्या में बलिदान दिवस मनाया जाता है. 26 अगस्त को अयोध्या में अलग-अलग स्थानों पर 16000 दीपक जलाए गए.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/27/f63fb0a3892cf1edf1a29ba90de4b0de4d614.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
राम की नगरी अयोध्या रानी पद्मावती के जौहर दिवस पर रोशनी से जगमग हो उठी. जौहर गाथा को याद करने के लिए पिछले चार वर्षो से अयोध्या में बलिदान दिवस मनाया जाता है. 26 अगस्त को अयोध्या में अलग-अलग स्थानों पर 16000 दीपक जलाए गए.
2/5
![कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राम मंदिर आंदोलन के दौरान अयोध्या गोलीकांड में मारे गए रामकुमार कोठारी की बहन पूर्णिमा कोठारी थीं. उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम रानी पद्मावती को समर्पित था. मित्र मंच प्रमुख शरद पाठक बाबा ने कहा कि इतिहास को भुलाने का प्रयास किया गया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/27/db0f6d114d2a85321b0db90694157862a74ee.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राम मंदिर आंदोलन के दौरान अयोध्या गोलीकांड में मारे गए रामकुमार कोठारी की बहन पूर्णिमा कोठारी थीं. उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम रानी पद्मावती को समर्पित था. मित्र मंच प्रमुख शरद पाठक बाबा ने कहा कि इतिहास को भुलाने का प्रयास किया गया है.
3/5
![हमें महिलाओं के त्याग, बलिदान और तपस्या को याद करने की जरूरत है. उन्होंने मांग की कि रानी पद्मावती के नाम पर सभी प्रदेशों और दिल्ली में 26 अगस्त का दिन बलिदान दिवस घोषित किया जाए. उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से रानी पद्मावती के जौहर को बलिदान दिवस मनाने की अपील की. उन्होंने 26 अगस्त के दिन को इतिहास में सिमटने पर चिंता जताई.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/27/750debcc51f72e3f26b021df53e9789290fe7.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
हमें महिलाओं के त्याग, बलिदान और तपस्या को याद करने की जरूरत है. उन्होंने मांग की कि रानी पद्मावती के नाम पर सभी प्रदेशों और दिल्ली में 26 अगस्त का दिन बलिदान दिवस घोषित किया जाए. उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से रानी पद्मावती के जौहर को बलिदान दिवस मनाने की अपील की. उन्होंने 26 अगस्त के दिन को इतिहास में सिमटने पर चिंता जताई.
4/5
![इतिहासकारों के मुताबिक 26 अगस्त 1303 ईस्वी को रानी पद्मावती ने हजारों वीरांगनाओं के साथ जौहर कर लिया था. कहा जाता है कि दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी तक रानी पद्मावती की सुंदरता की चर्चा पहुंची. अलाउद्दीन खिलजी किसी भी कीमत पर रानी पद्मावती को हासिल करना चाहता था. पद्मावती सिंहल द्वीप के राजा गंधर्व सेन की पुत्री थीं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/27/8dcda9a4fc3a35f662665274e67351f4a835a.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इतिहासकारों के मुताबिक 26 अगस्त 1303 ईस्वी को रानी पद्मावती ने हजारों वीरांगनाओं के साथ जौहर कर लिया था. कहा जाता है कि दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी तक रानी पद्मावती की सुंदरता की चर्चा पहुंची. अलाउद्दीन खिलजी किसी भी कीमत पर रानी पद्मावती को हासिल करना चाहता था. पद्मावती सिंहल द्वीप के राजा गंधर्व सेन की पुत्री थीं.
5/5
![राजा रतन सिंह से विवाह के बाद पद्मावती चित्तौड़गढ़ की रानी बनीं. इतिहास की किताबों में रानी पद्मावती की सुंदरता के साथ शौर्य और बलिदान का उदाहरण मिलता है. अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़गढ़ पर धावा बोल दिया. जनता की रक्षा के लिए राजा रतन सिंह ने युद्ध का ऐलान कर दिया. रानी पद्मावती को राजा रतन सिंह के युद्ध में मारे जाने की खबर मिली. उन्होंने स्वाभिमान की रक्षा के लिए हजारों महिलाओं संग आत्मदाह कर लिया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/27/0a9bddb1d3001684d6526c466f3c96db1891d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
राजा रतन सिंह से विवाह के बाद पद्मावती चित्तौड़गढ़ की रानी बनीं. इतिहास की किताबों में रानी पद्मावती की सुंदरता के साथ शौर्य और बलिदान का उदाहरण मिलता है. अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़गढ़ पर धावा बोल दिया. जनता की रक्षा के लिए राजा रतन सिंह ने युद्ध का ऐलान कर दिया. रानी पद्मावती को राजा रतन सिंह के युद्ध में मारे जाने की खबर मिली. उन्होंने स्वाभिमान की रक्षा के लिए हजारों महिलाओं संग आत्मदाह कर लिया.
Published at : 27 Aug 2023 04:08 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
ओटीटी
बिजनेस
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)