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प्रयागराज महाकुंभ 2025 में महिला बटुक कराएंगी खास आरती, बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड, दी गई है विशेष ट्रेनिंग
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में संगम के नजदीक जिस दिन महिला बटुकों की आरती होती है, उस दिन वहां अध्यात्म की गंगा बहती हुई नज़र आती है. बीते 6 महीनों से महिलाओं द्वारा विशेष आरती को संपन्न कराया जा रहा है

महाकुंभ में महिला बटुक करेंगी आरती
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संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहा महाकुंभ कई मायनों में बेहद खास होने जा रहा है. यह महाकुंभ जहां दिव्य -भव्य, सुरक्षित - डिजिटल और ग्रीन होगा वहीं नारी सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल भी बनेगा. दरअसल प्रयागराज में संगम किनारे रोजाना होने वाली आरती को महाकुंभ के दौरान दो महीने तक महिला बटुक संपन्न कराएंगी. महिलाएं ही डमरू और शंख बजाएंगी. पूजा करेंगी. भजन गाएंगी और प्लेटफार्म पर चढ़कर आरती के पात्र को हाथ में लेकर सभी रस्में अदा करेंगी. समूची दुनिया में यह पहला मौका होगा, जहां बड़े पैमाने पर होने वाली नियमित आरती को महिला बटुक संपन्न कराएंगी.
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दरअसल प्रयागराज में संगम के तट पर जिला प्रशासन के सहयोग से जय त्रिवेणी जय प्रयागराज संस्था रोजाना भव्य गंगा आरती का आयोजन करती है. यह आरती काशी और हरिद्वार की तरह एक साथ सात बटुकों द्वारा आयोजित की जाती है. इस आरती में रोजाना सैकड़ो की संख्या में गंगा भक्त श्रद्धालु शामिल होते हैं. जय त्रिवेणी जय प्रयागराज संस्था ने महाकुंभ में रोजाना कन्याओं द्वारा आयोजित विशेष आरती की तैयारी ग्राउंड लेवल पर सात महीने पहले ही शुरू कर दी थी. इसके तहत युवतियों का एक पैनल तैयार कर इनकी ट्रेनिंग कराई गई. इसके बाद जून महीने में गंगा दशहरा के दिन से यहां रविवार व अन्य प्रमुख दिनों में पुरुषों के बजाय महिला बटुकों से ही आरती कराई जा रही है. इसका फाइनल ट्रायल बुधवार को तुलसी जयंती पर किया गया.
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समूची दुनिया की इस अनूठी आरती में शामिल होने वाली महिला बटुक पीले रंग की साड़ी पहनकर एक ही ड्रेस में नजर आती है. आरती प्लेटफार्म पर चढ़ने से पहले तैयार होने में इन्हें तकरीबन डेढ़ घंटे का वक्त लगता है. सबसे पहले यह महिला श्रद्धालुओं के साथ भजन गाती हैं. इसके बाद पूरे विधि विधान के साथ आरती प्लेटफार्म पर चढ़ती हैं. वहां पूजा अर्चना करती हैं. डमरू बजाकर शंखनाद करती हैं. इसके बाद भक्ति गीतों की धुन पर मां गंगा की भव्य आरती करती है. इस दौरान यहां की आध्यात्मिक छटा देखते ही बनती है.
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जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित होने वाली जय त्रिवेणी जय प्रयागराज की इस आरती में वैसे तो रोजाना सैकड़ो श्रद्धालु शामिल होते हैं, लेकिन जिस दिन महिला बटुक आरती करती हैं, उस दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर दोगुनी से ज्यादा हो जाती है. आरती के संयोजक संगम के प्रधान तीर्थ पुरोहित प्रदीप पांडेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तमाम वीआईपी की पूजा करा चुके हैं. संयोजक प्रदीप पांडेय के मुताबिक महाकुंभ में नियमित तौर पर महिलाओं की आरती कराने का आइडिया उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान मिला.
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प्रयागराज में संगम के नजदीक जिस दिन महिला बटुकों की आरती होती है, उस दिन वहां अध्यात्म की गंगा बहती हुई नज़र आती है. पिछले छह महीनों में कुछ खास मौकों पर होने वाली महिलाओं की यह विशेष आरती एक जनवरी से नियमित तौर पर शुरू होगी. महाकुंभ में इस खास मौकों पर दूसरी भाषाओं में पेश किए जाने वाले भक्ति गीतों पर भी आयोजित किए जाने की तैयारी है. हरिद्वार और काशी के बाद प्रयागराज ही इकलौती ऐसी जगह है, जहां रोजाना एक साथ सात प्लेटफार्म पर मां गंगा की भव्य आरती की जाती है.
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इस आरती की महिला संयोजक अनुराधा त्रिपाठी के मुताबिक इस अनूठे आयोजन में शामिल महिला बटुक महाकुंभ में नियमित तौर पर आरती को लेकर खासी उत्सुक हैं. महाकुंभ को लेकर ही उन्हें पिछले छह महीने से ट्रेनिंग कराई जा रही है. इन्हें ग्राउंड जीरो पर उतारकर परफॉर्मेंस कराई जा रही है. आरती में शामिल महिला बटुकों का कहना है कि इसका हिस्सा बनने के बाद उनकी दिनचर्या बदल गई है. उनका जीवन और सात्विक हो गया है.
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आरती को देखने आने वाली महिला श्रद्धालुओं का कहना है कि यह नारी सशक्तिकरण की जीती जागती मिसाल है. इस आरती ने यह साबित कर दिया है कि महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से कतई पीछे नहीं है. कहा जा सकता है कि प्रयागराज का महाकुंभ जहां कई मामले में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा, वही यह महिला सशक्तिकरण का अनूठा नमूना भी पेश कर पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से रूबरू कराने का काम करेगा.
Published at : 26 Dec 2024 02:28 PM (IST)
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दानिश अलीलोकसभा के पूर्व सांसद
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