Ulta Qila: प्रयागराज में गंगा किनारे पर है अनोखा ‘उल्टा किला’, जानिए इसका रोचक इतिहास
Ulta Qila: यूपी की संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) को धार्मिक नगरी भी कहा जाता है. यहां पर कई प्राचीन और भव्य मंदिर है. लेकिन इसके साथ ही यहां पर कई ऐतिहासिक स्थल भी मौजूद है जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. आज हम आपको यहां के ऐसे ही एक जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में कई रहस्मय किस्से सुनने को मिलते हैं.....
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appदरअसल हम बात कर रहे हैं प्रयागराज में गंगा नदी के तट पर बने ‘उल्टा किला’ की. जोकि झूंसी इलाके में है. यहां पर गंगा के किनारे टीलों की एक श्रृंखला दिखती है. जिसके नीचे कई निर्माण दबे हुए है. इसे सभी लोग उल्टा किला कहते हैं.
जानकारी के अनुसार यहां पर प्राचीनकाल में प्रतिष्ठानपुर नगर बसा हुआ था. जोकि चंद्रवंशीय राजाओं की राजधानी भी था. बताया जाता है कि इस जगह पर मूर्ख राजा हरिबोंग शासन किया करते थे. राजा की मूर्खता को लेकर कई किस्से भी फेमस थे. राजा का प्रजा पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं था. इसलिए इस नगरी को अंधेर नगरी कहा जाने लगा.
फिर कुछ वक्त बाद उस नगरी के लोगों पर अत्याचार किया जाने लगा. देखते ही देखते अत्याचार इतना बढ़ गया कि वो पूरी नगरी ही पलट हई और उसका नाम उल्टा किला रख दिया गया. इसी के बाद ‘अंधेर नगरी और चौपट राजा, टका सेर भाजी टका सेर खाजा’ की कहावत बनी
इसके अलावा प्रोफेसर योगेश्वर तिवारी का कहना है कि जब एक बार गुरु गोरखनाथ और मत्स्येंद्र नाथ संगम में स्नान करने गए थे तो राजा हरिबोंग ने उनका सम्मान नहीं किया. इसी बात से नाराज होकर दोनों संतो ने इस नगरी को श्राप दे दिया. उनके श्राप से पूरी नगरी झुलस गई और इसके बाद से बाद से ही इसे झूंसी कहा जाने लगा.
बता दें कि इस उल्टा किले के एक प्राचीन राम जानकी मंदिर भी मौजूद है. जिसमें कई और देवी-देवताओं की मूर्तियां भी लगी हुई है. कई श्रद्धालु इस मंदिर में आज भी दर्शन के लिए आते हैं.
इसके अलावा इस किले में एक श्री हनुमान गुफा भी है. इस गुफा में 27 सीढ़ियों से नीचे उतरकर हनुमान जी के दर्शन किए जाते हैं.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -