Raksha Bandhan 2022: चमोली के इस मंदिर में सिर्फ रक्षा बंधन के दिन होते हैं दर्शन, पूजा के बाद ही बहनें बांधती हैं राखी
Banshinarayan Temple: रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) के त्योहार का उत्साह देशभर में देखने को मिल रहा है. भाई और बहन के पवित्र रिश्ते को और मजबूत करने वाले इस त्योहार से जुड़ी बहुत सी कहानियां हैं. लेकिन आज हम आपको उत्तराखंड (Uttarakhand) के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जो सिर्फ रक्षा बंधन के दिन ही खोला जाता है. यहां दर्शन करने के लिए भक्तों को सिर्फ रक्षा बंधन का ही दिन मिलता है. बात कर रहे हैं चमोली जिले की उरगाम घाटी में मौजूद बंशीनारायण मंदिर (Banshinarayan Temple) की. कुदरत के बेहद खूबसूरत नजारे और मुश्किल ट्रैक पर मौजूद ये मंदिर अलकनंदा नदी के किनारे पर बसा हुआ है. ये मंदिर बदरीनाथ धाम के काफी पास 13 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद है.
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View In Appरक्षा बंधन के दिन इस मंदिर के कपाट खोले जाते हैं. महिलाएं और लड़कियां भाइयों को रक्षा सूत्र बांधने से पहले मंदिर पहुंचती हैं और दर्शन करने के बाद ही राखी बांधती हैं. रक्षा बंधन के दिन सूर्यास्त के बाद फिर से मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.
मंदिर के अंदर लगी प्रतिमा में भगवान कृष्ण और भोलेनाथ दोनों की छवियां उभरती हैं. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि वामन अवतार लेकर भगवान विष्णु ने दानवीर राजा बलि का घमंड तोड़ा था.
इसके बात बलि को पाताल लोक भेज दिया गया तो लोगों ने श्रीहरि से सुरक्षा के लिए कहा जिसके बाद भगवान स्वयं यहां पर द्वारपाल बनकर विराजमान हो गए.
इसके बाद पति को इससे मुक्त कराने के लिए मां लक्ष्मी पाताल लोक पहुंची और राजा बलि को राखी बांधी जिसके बाद पाताल लोक से आकर भगवान यहीं विराजमान हुए थे.
चमोली में स्थित बंशीनारायण मंदिर का रास्ता काफी मुश्किल है. गोपेश्वर से उरगम घाटी तक गाड़ी से पहुंचा जा सकता है लेकिन इसके आगे करीब 12 किलोमीटर तक पैदल ट्रैकिंग करनी होती है. हालांकि 1200 साल पुराने इस मंदिर के दर्शनों के लिए इतना करना तो बनता ही है.
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