संभल में श्री कार्तिक महादेव मंदिर से चंद दूरी पर मिला कुंआ, खुदाई जारी, मस्जिद से है सटा, सामने आईं ये तस्वीरें
उत्तर प्रदेश स्थित संभल जिले में 46 वर्षों तक बंद रहने के बाद पिछले सप्ताह खोले गये भस्म शंकर मंदिर के कुएं में तीन खंडित मूर्तियां मिली हैं. अधिकारियों ने सोमवार यह जानकारी दी. श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) को 13 दिसंबर को पुनः खोल दिया गया था, जब अधिकारियों ने कहा था कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान उन्हें यह ढांचा मिला था.
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View In Appमंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति और शिवलिंग स्थापित था. यह 1978 से बंद था. मंदिर के पास एक कुआं भी है जिसे अधिकारियों ने फिर से खोलने की योजना बनाई थी.
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने पत्रकारों से कहा,'प्राचीन मंदिर और जो कुआं हमें मिला है, उसकी खुदाई की जा रही है.' पेंसिया ने कहा, 'करीब 10 से 12 फीट खुदाई की गई है. इस दौरान आज सबसे पहले पार्वती जी की मूर्ति मिली, जिसका सिर टूटा हुआ मिला, फिर गणेश जी और मां लक्ष्मी जी की मूर्तियां मिलीं.'
यह पूछे जाने पर कि क्या मूर्तियों को तोड़कर अंदर रखा गया था, उन्होंने कहा कि यह सब जांच का विषय है. उन्होंने कहा,'अभी ये मूर्तियां बाहर आई हैं. मूर्तियां अंदर कैसे गईं? क्या हुआ और क्या नहीं हुआ, यह विस्तृत जांच के बाद पता चलेगा.'
मंदिर के आसपास अतिक्रमण के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने खुद ही अतिक्रमण हटा लिया है, कुछ से अनुरोध किया गया है, आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी और फिर नगरपालिका के माध्यम से इसे हटाया जाएगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या मंदिर का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा, उन्होंने कहा कि पहले मंदिर की प्राचीनता सुनिश्चित की जाएगी. इससे पहले मौके पर मौजूद संजीव शर्मा ने बताया था कि कुंए में देवी लक्ष्मी की एक क्षतिग्रस्त मूर्ति मिली है.
उनके अनुसार देवी पार्वती की भी एक मूर्ति मिली है. सतेंद्र कुमार सिंह ने कहा था कि पार्वती की मूर्ति कुएं में 15-20 फुट की गहराई पर मिली. यह मंदिर खग्गू सराय इलाके में स्थित है, जो शाही जामा मस्जिद से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है. इस मस्जिद में 24 नवंबर को अदालत के आदेश पर किए गए सर्वे के दौरान विरोध प्रदर्शन होने पर हिंसा हुई थी.
जिला प्रशासन ने कुंए और मंदिर की ‘कार्बन डेटिंग’ के वास्ते भारतीय पुरात्व सर्वे को पत्र लिखा है. ‘कार्बन डेटिंग’ प्राचीन स्थलों से मिली पुरातत्विक कलाकृतियों के काल निर्धारण की एक प्रविधि है.
प्रशासन ने कहा कि भक्तों ने मंदिर में जाना शुरू कर दिया है और इसकी चौबीसों घंटे सुरक्षा की जा रही है. पेंसिया ने कहा था, 'यह कार्तिक महादेव का मंदिर है. यहां एक कुआं मिला है. यह अमृत कूप है. यहां सुरक्षा गार्ड स्थायी रूप से तैनात किए गए हैं और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. मंदिर में पूजा भी शुरू हो गई है. यहां अतिक्रमण है, जिसे हटाया जा रहा है.'
बता दें संभल जिला प्रशासन ने शनिवार को नखासा पुलिस थाने के अंतर्गत खग्गू सराय इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान के तहत 46 साल से बंद बताये जा रहे भस्म शंकर मंदिर को खोला, जिसमें हनुमान की एक मूर्ति और एक शिवलिंग था.
क्षेत्र में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रहीं उप जिलाधिकारी वंदना मिश्रा ने कहा, 'क्षेत्र का निरीक्षण करते समय, हम अचानक इस मंदिर में पहुंचे. इसके बाद मैंने तुरंत जिले के अधिकारियों को सूचित किया. फिर हमने मंदिर को फिर से खोलने का फैसला किया.'
स्थानीय लोगों का दावा है कि 1978 में सांप्रदायिक दंगों के बाद हिंदू समुदाय के सदस्यों के यहां से पलायन करने के बाद से ही यह मंदिर बंद था. मिश्रा ने बताया कि स्थानीय निवासियों ने पुष्टि की है कि यह मंदिर 1978 से बंद था. उन्होंने बताया कि मंदिर के पास एक कुआं भी है और अधिकारी उसके जीर्णोद्धार की योजना बना रहे हैं.
संभल जिले के कोट गर्वी के निवासी मुकेश रस्तोगी ने कहा, 'हमने हमारे पुरखों से इस मंदिर के बारे में काफी कुछ सुना था. यह एक प्राचीन मंदिर है, लेकिन यह लंबे समय से बंद था. चूंकि एक वर्ग विशेष समुदाय के लोग वहां रहते हैं, इस वजह से वह मंदिर बंद पड़ा था.'
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