Shardiya Navratri 2022: गोंडा में देवीभक्तों के लिए बेहद खास है ये मंदिर, मां पटमेश्वरी ने राजा का वध कर दिलाई थी अत्याचार से निजात
Maa Patmeshwari Temple: माता के भक्तों के लिए मां का हर धाम ना सिर्फ बेहद खास है बल्कि अपनी मुरादों को लेकर भक्तों की लंबी कतार हमेशा मां के द्वार खड़ी रहती है. ऐसा ही कुछ भक्तिमय माहौल हमेशा दिखता है गोंडा (Gonda) के मां पटमेश्वरी मंदिर (Maa Patmeshwari Temple) में. ये मंदिर ना सिर्फ सैकड़ों वर्षों पुराना बताया जाता है बल्कि आज भी पूरे साल अत्याचारियों का संहार करने वाली मां पटमेश्वरी के दर्शनों के लिए भक्त पहुंचते हैं.
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View In Appगोंडा के धानेपुर में मेहनौन इलाके में मां पटमेश्वरी का ये मंदिर भक्तों में बड़ी आस्था का केंद्र है. मान्यताओं के मुताबिक यहां के लोगों पर एक वक्त राजा का अत्याचार बहुत ज्यादा बढ़ गया था. जिसके बाद मां मां पटमेश्वरी ने अत्याचारी राजा का वध करके इलाके के लोगों को अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी.
जिसके बाद मां ने भी अपना देह त्याग दिया था. और मां यहां पर पिंडी स्वरूप में विराजमान हो गई थी. जिसके बाद से ही हर सोमवार और शुक्रवार को माता के भक्त मां का दर्शन पूजन करने मंदिर में आते हैं.
पुराणों में भी इस स्थान का जिक्र है. माना जाता है कि स्वयं भोलेनाथ ने मां पटमेश्वरी के धाम में गुप्त रूप से रात्रि विश्राम किया था. कहा जाता है कि शिव शंकर जब अयोध्या से प्रयाग जा रहे थे इस दौरान वो महर्षि अगस्त्य के आश्रम जाने से पहले यहां रुके थे. इस धाम में पूरे साल कई धार्मिक अनुष्ठान भी होते रहते हैं. वहीं सोमवार और शुक्रवार को भक्तों की भारी भीड़ मां पटमेश्वरी के द्वार पर आकर अपनी मुराद मांगती है.
ऐसे ही एक बार एक नवविवाहिता की डोली रुकवाई गई लेकिन इस नवविवाहिता ने राजा की ही तलवार से उसके दो टुकड़े कर दिए. जिसके बाद अपने भी प्राण त्याग दिए. तब से वो मां पटमेश्वरी के नाम से भक्तों में जानी जाने लगीं और सैकड़ों वर्षों से उनकी पूजा की जाती रही है.
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