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Pitru Paksha 2022: इन पांच तीर्थ स्थलों पर करें पूर्वजों का श्राद्ध, पितरों की आत्मा को मिलेगी शांति
Shradh 2022: ऐसा कहते हैं कि पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. क्योंकि इन दिनों में हमारे पूर्वज हमें आशीर्वाद देने धरती पर आते हैं.
![Shradh 2022: ऐसा कहते हैं कि पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. क्योंकि इन दिनों में हमारे पूर्वज हमें आशीर्वाद देने धरती पर आते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/14/976eb16b591100d51445580e96ffd9d71663128586603276_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इन तीर्थ स्थलों पर करें श्राद्ध
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![Pitru Paksha 2022 Tirth Sthal: 10 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो चुका है. जो 25 सितंबर को खत्म होगा. कहते हैं कि इन दिनों में पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. साथ ही हमारे जीवन के सारे कष्ट भी दूर हो जाते हैं. ऐसे में हम आपको उन खास तीर्थ स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां श्राद्ध और तर्पण करने का बहुत महत्व है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/14/b082e4e275cc1e8f944b590478c3337c7d85b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Pitru Paksha 2022 Tirth Sthal: 10 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो चुका है. जो 25 सितंबर को खत्म होगा. कहते हैं कि इन दिनों में पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. साथ ही हमारे जीवन के सारे कष्ट भी दूर हो जाते हैं. ऐसे में हम आपको उन खास तीर्थ स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां श्राद्ध और तर्पण करने का बहुत महत्व है.
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![हरिद्वार- हरिद्वार का शांति कुंज भी श्राद्ध कार्यों के लिए प्रसिद्ध है. कहते हैं यहां पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा शांति मिलती है औऱ वो खुश होते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/14/aee8599aaad9778e5e8331081e797cfc0cd45.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
हरिद्वार- हरिद्वार का शांति कुंज भी श्राद्ध कार्यों के लिए प्रसिद्ध है. कहते हैं यहां पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा शांति मिलती है औऱ वो खुश होते हैं.
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![उज्जैन – इसके अलावा उज्जैन की शिप्रा नदी के किनारे भी तर्पण का काफी महत्व है. कहते हैं यहां भगवान श्रीराम ने अपने पूर्वजों का तर्पण किया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/14/26cd4fd3f3c659d6f3ba16cdd5e8f753e6dac.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
उज्जैन – इसके अलावा उज्जैन की शिप्रा नदी के किनारे भी तर्पण का काफी महत्व है. कहते हैं यहां भगवान श्रीराम ने अपने पूर्वजों का तर्पण किया था.
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![इलाहाबाद - इलाहाबाद के तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है. इसलिए ये जगह बहुत ही पावन मानी जाती है. यहां भी काफी संख्या में लोग पितरों का तर्पण और पिंडदान के लिए आते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/14/5f2d8e72f4b9c3cdd41c89c3ea688522b63e2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इलाहाबाद - इलाहाबाद के तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है. इसलिए ये जगह बहुत ही पावन मानी जाती है. यहां भी काफी संख्या में लोग पितरों का तर्पण और पिंडदान के लिए आते हैं.
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![काशी - यूपी की काशी को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है. इसलिए यहां पितरों के श्राद्ध का विशेष महत्व बताया गया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/14/fde8e21a184788b57d722af50eed5b091a52a.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
काशी - यूपी की काशी को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है. इसलिए यहां पितरों के श्राद्ध का विशेष महत्व बताया गया है.
Published at : 14 Sep 2022 12:06 PM (IST)
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