UP Election 2022: कितनी पढ़ी लिखी हैं Mayawati? कभी IAS बनने का देखा था सपना, जानिए एजुकेशन और राजनीतिक करियर के बारे में
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक हैं. तमाम राजनीतिक पार्टियां इस समय मिशन 2022 को साधने में ही जुटी हुई हैं. बहुजन समाज पार्टी (BSPA) की प्रमुख मायावती भी पूरे दम-खम के साथ सत्ता पर काबिज होने के लिए जोर लगा रही है. उन्होंने दावा किया है कि उनकी पार्टी इस बार पूर्णबहुमत के साथ सत्ता में आएगी. हालांकि साल 2007 से ज्यादा सीटे जीतने का दावा करने वाली मायावती के लिए ये सफर जरा भी आसान नहीं है. वैसे ये तो आने वाला वक्त बताएगा कि इस बार बसपा का यूपी के चुनाव में क्या हाल रहेगा. लेकिन यहां हम आज आपको बताते हैं कभी आईएएस का सपना देखने वाली और बहुजनों की मसीहा कहलाने वाली मायावती कितनी पढ़ी-लिखी हैं.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In App15 जनवरी साल 1956 को दिल्ली में जन्मी मायावती उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के छोटे से गांब बादलपुर से ताल्लुक रखती हैं. इनके पिता प्रभु दास डाक विभाग में काम करते थे. मायावती ने साल 1975 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कालेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी.
साल 1976 में मायावती ने मेरठ विश्वविद्यालय से बीएड और साल 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की. मायावती एक स्कूल में पढ़ाने के साथ आईएएस की तैयारी कर रही थीं. साल 1977 में वे कांशीराम के संपर्क मे आई और उनके सहयोग से साल 1983 में बसपा की स्थापना की.
साल 1993 के यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा ने 164 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था जिसमें से 67 प्रत्याशियों की जीत हासिल हुई. ये आंकडे़ अप्रत्याशित थे. इस दौरान मुलायम सिंह यादव और कांशीराम ने गठबंधन कर लिया और मुलायम सिंह यादव राज्य के सीएम बने हालांकि बाद में मनमुटाव के कारण मुलायम सिंह की सरकार 1 साल बाद ही गिर गई थी.
3 जून साल 1995 में मायावती पहली बार उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई थीं. हालांकि वे केवल 137 दिनों तक ही मुख्यमंत्री पद पर रह सकीं. साल 1996 में बसपा ने 296 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिसमें से केवल 67 को ही चुनाव जीत पाए थे. साल 2002 के चुनाव में मायावती ने 401 सीटों पर प्रत्याशियों को मैदान में उतारा जिसमें 98 प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.
साल 2007 में मायावती को बड़ी जीत हासिल हुई. बसपा 403 सीटों में 206 सीटें जीतने में कामयाब हुई और मायावती एक बार फिर मुख्यमंत्री बनी. इसके बाद बसपा का ग्राफ गिरता चला गया. साल 2012 के चुनाव में बसपा को 80 सीटों से संतोष करना पड़ा. साल 2017 के चुनाव में बसपा 403 सीटों में से केवल 19 सीटें ही जीतने में कामयाब हो पाई थी.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -