ताश की बाजी में मिली जीत से तय हुआ समाजवादी पार्टी का चुनावी सिंबल, जानिए क्या था दिलचस्प किस्सा
UP Election 2022: देश के पांच राज्यों में जबरदस्त चुनावी माहौल है. चार चरणों का चुनाव पूरा हो चुका है और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चौथे चरण की चुनावी तैयारी जोरशोर से चल रही है. हर तरफ सियासी दलों के सिंबल्स यानि चुनाव चिह्न दिखाई दे रहे हैं. यूपी में कमल और साइकिल की सीधी टक्कर मानी जा रही है. सिंबल्स का जिक्र छिड़ा है तो आज बात करेंगे कि आखिर समाजवादी पार्टी (SP) का बेहद प्रचलित चुनाव चिह्न साइकिल आखिर एसपी का सिंबल बना कैसे.
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View In Appदरअसल समाजवादी पार्टी (SP) की शुरुआत के पीछे कई रोचक किस्से हैं. एक छोटे से संगठन से शुरुआत से लेकर एक बड़े कैडर वाली पार्टी तक का सफर काफी दिलचस्प रहा है. आज आपको बताएंगे कि आखिर कैसे साइकिल एसपी का चुनाव चिह्न बना.
दरअसल इसके पीछे की कहानी ये है कि पार्टी के चुनाव में उतरने से पहले एक बार मुलायम सिंह यादव अपने गांव में कुछ दोस्तों के साथ चौपाल में बैठे थे. इस दौरान वहां ताश के खेल का दौर शुरू हो गया. मुलायम सिंह अपने दोस्त रामप्रकाश गुप्ता के साथ ताश के पत्तों में हाथ आजमा रहे थे.
इसी बीच गुप्ता ने मुलायम सिंह के सामने शर्त रखी कि जो जीतेगा उसे रॉबिनहुड साइकिल मिलेगी. मुलायम जीते और उसी रॉबिनहुड साइकिल से प्रेरित होकर मुलायम सिंह यादव ने अपनी पार्टी का सिंबल भी साइकिल ही चुना.
साल 2012 के चुनाव में ये साइकिल ही थी जो एक बार फिर समाजवादी पार्टी को सत्ता में लेकर आई थी. दरअसल इस चुनाव से अखिलेश यादव ने पार्टी की कमान संभालनी शुरू कर दी थी.
इस दौरान उन्होंने प्रदेशभर में साइकिल से कैंपेनिंग की और करीब 1400 किलोमीटर तक साइकिल से सफर किया गया. जिसके बाद समाजवादी पार्टी सत्ता में काबिज हुई और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने थे.
इस बार के चुनाव में अखिलेश यादव समाजवादी रथयात्रा निकाल रहे हैं. देखना होगा कि साइकिल से रथयात्रा पर शिफ्ट हुए अखिलेश का ये दांव कितना कारगर साबित होगा.
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